-फिल्म और मनोरंजन उद्योग के प्रमुखों के साथ की बातचीत
मुंबई : मुंबई में प्रस्तावित नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एनिमेशन, वीएफएक्स, गेमिंग और कॉमिक्स परियोजना को उस समय और बढ़ावा मिला जब सूचना और प्रसारण सचिव, अपूर्व चंद्रा ने अपनी दो दिन की यात्रा के दौरान परियोजना स्थल का दौरा किया. यहाँ उन्होंने इससे सम्बंधित विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श भी किया। अपूर्व चंद्र, जो महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, ने फिल्म सिटी के पास परियोजना के उस प्रस्तावित स्थल का दौरा किया जिसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 20 एकड़ भूमि आवंटित की है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय आईआईटी बॉम्बे के सहयोग से इस केंद्र का विकास कर रहा है। श्री चंद्रा ने आईआईटी-बॉम्बे के निदेशक प्रो. सुभासिस चौधरी के साथ भी विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने फिल्म सिटी कॉम्प्लेक्स में स्थित व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल फिल्म इंस्टीट्यूट का भी दौरा किया और वहां श्री सुभाष घई और अन्य लोगों से मुलाकात की।
अपूर्व चंद्रा ने मुंबई स्थित विभिन्न निजी उत्पादन सुविधाओं का भी दौरा किया, जिसमें हाइपर-कैज़ुअल गेम डेवलपमेंट स्टूडियो ‘फायरस्कोर इंटरएक्टिव’ भी शामिल है। उन्होंने वीएफएक्स उद्योग की तकनीकी प्रगति को समझने के लिए स्टूडियो के अधिकारियों और तकनीशियनों के साथ बातचीत की। बाद में श्री चंद्रा ने फिल्म निर्माताओं के दृष्टिकोण को समझने के लिए यशराज स्टूडियो में फिल्म और मनोरंजन उद्योग के प्रमुखों के साथ भी विस्तृत चर्चा की।
ध्यान देने की बात यह है कि भारतीय एनीमेशन, दृश्य प्रभाव (जिन्हें आमतौर पर वीएफएक्स के रूप में जाना जाता है) और गेमिंग उद्योग पिछले दो दशकों में विकसित और निर्मित हुए हैं। अब अधिक से अधिक फिल्म और टीवी कार्यक्रम निर्माता युवा (जनरेशन एक्स) दर्शकों को लुभाने के लिए वीएफएक्स और एनीमेशन जैसे प्रौद्योगिकी-संचालित उत्पादों में जा रहे हैं जिससे इस क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ रही है।
गेमिंग उद्योग में भारतीय कंपनियां जो कभी पश्चिमी गेम स्टूडियो के लिए काम करती थीं वे अब खुद गेम डिजाइन करने और उन्हें विकसित करने में अग्रणी बन गई हैं।
उम्मीद है आने वाले समय में एवीजीसी क्षेत्र का समाज पर अधिक प्रभाव पड़ेगा जिससे जमीनी स्तर पर रचनात्मकता को बढ़ावामिलेगा तथा अनेकों को रोजगार के अवसर मिलने के साथ ही अगली पीढ़ी को भारतीय मूल्यों का संप्रेषण भी होगा।
इस क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल की जरूरतों को पूरा करने के लिए लघु कार्यक्रम बनाने के लिए इस परियोजना की परिकल्पना की गई है। इसका उद्देश्य भारतीय और वैश्विक मनोरंजन उद्योग की जरूरतें पूरी करने के लिए भारत में एक विश्व स्तरीय टेलेंट (प्रतिभा) पूल बनाना है।