तकनीकि शिक्षा मंत्री ने कहा , सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होगी शुरू
इन तीनों कोर्स में अतिरिक्त 30-30 सीटों को शुरुआत में रखा गया
चंडीगढ़, 4 अक्टूबर : हरियाणा के तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के तीन तकनीकी विश्विद्यालयों में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स क्षेत्रीय भाषा (हिन्दी) में इस सत्र से आंरभ किया जा रहा है और इन तीनों कोर्स में अतिरिक्त 30-30 सीटों को शुरुआत में रखा गया है तथा ये कोर्स दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (मुरथल) सोनीपत, जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी वाईएमसीए, फरीदाबाद और गुरु जम्भेश्वर विज्ञान प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में शुरु होंगे।
श्री विज ने इस संबंध में बताया कि इस बारे में एक प्रस्ताव को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
क्षेत्रीय भाषा के कोर्स को प्रोत्साहित करने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग करेगा निजी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के साथ बैठक
उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले सभी निजी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों की बैठक आयोजित करेगा और उन्हें उपरोक्त विषयों में अतिरिक्त सीटों के लिए प्रोत्साहित करेगा और इस बैठक में एआईसीटीई के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। इसके अलावा, विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि ऐसे सभी उम्मीदवारों, जो हरियाणा/दिल्ली से जेईई प्रवेश परीक्षा में हिंदी/स्थानीय भाषा में उपस्थित हुए थे, की सूची प्राप्त कर उन्हें सूचित किया जाए कि इस सत्र से उपरोक्त पाठ्यक्रमों के लिए हिंदी भाषा का विकल्प भी उपलब्ध होगा।
हरियाणा सरकार एआईसीटीई से 30 नवंबर, 2021 तक इन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि को रखने का करेगी अनुरोध
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि 25 अक्टूबर, 2021 है। हालांकि, इसके लिए सभी हितधारकों के ज्ञान हेतु इन क्षेत्रीय भाषा के पाठ्यक्रमों के प्रचार और विज्ञापन के माध्यम से अधिक समय की आवश्यकता है, इसलिए हरियाणा सरकार एआईसीटीई से अनुरोध करेगी कि वह 30 नवंबर, 2021 तक इन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश की अंतिम कट ऑफ तिथि को समाप्त करें। उन्होंने बताया कि ये पाठ्यक्रम हिन्दी भाषा में तभी प्रारम्भ किये जायेंगे जब प्रत्येक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 20 विद्यार्थियों को प्रवेश मिल जायेगा।
भारत सरकार की तर्ज पर हरियाणा सरकार गठित करेगी विशेष कार्य बल
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार किसी भी सेवानिवृत्त या सेवारत आईएएस अधिकारी/कुलपति/प्रसिद्ध शिक्षाविद की अध्यक्षता में एक विशेष कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन करेगी और इस टास्क फोर्स में दो सलाहकार और तीन शिक्षा विशेषज्ञ भी होंगे। उन्होंने बताया कि यह कार्य बल क्षेत्रीय भाषा में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करेगा। यह कार्यबल सभी हितधारकों और अन्य राज्यों के साथ भी संपर्क करेगा और क्षेत्रीय भाषाओं में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए मॉडलों का अध्ययन भी करेगा तथा राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें/सुझाव देगा।
एआईसीटीई पाठ्यक्रमों की पुस्तके हिंदी में कराएगी उपलब्ध
उन्होंने बताया कि एआईसीटीई ने राज्य सरकार के खर्चे पर वर्ष प्रगति के अनुसार चरणबद्ध तरीके से इन पाठ्यक्रमों के लिए क्षेत्रीय भाषा (हिंदी) में पुस्तकें उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने बताया कि एआईसीटीई क्षेत्रीय भाषा (हिंदी) में व्यावसायिक/इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी सहमत हुआ है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों को क्षेत्रीय भाषा (हिंदी) में पाठ्यक्रम देने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ राज्य सरकार अतिरिक्त मानदेय भी देगी। इसके अलावा, संबंधित विश्वविद्यालय इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना प्रदान करेंगे।
हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को 30 जुलाई, 2021 को किया शुरू
श्री विज ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति (एनईपी) शुरू की, जो सभी के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा की परिकल्पना करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक छात्र पर्याप्त रूप से सक्षम हो और राष्ट्रीय विकास में योगदान करने की स्थिति में भी हो। हरियाणा राज्य ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व अन्य गणमान्य की उपस्थिति में गत 30 जुलाई, 2021 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का शुभारंभ किया था।