मुम्बई : केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज मुंबई में असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड वितरित किये। मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से 10 श्रमिकों को कार्ड सौंपे, जो अब देश में कहीं भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कोविड-19 से अपनी जान गंवाने वाले 11 श्रमिकों के आश्रितों को ईएसआई कोविड-19 राहत योजना के लिये स्वीकृति पत्र भी दिया।
साथ ही असंगठित क्षेत्र के 10 श्रमिकों को अटल बीमित व्यक्ति कल्याण राहत योजना के लिये स्वीकृति पत्र सौंपा।
इस अवसर पर श्री यादव ने बताया कि श्रम मंत्रालय को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। साथ ही, मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय स्तर के श्रम
कानूनों के विकास को आकार देकर, श्रमिकों के लिए उचित कार्य परिस्थितियों को सुनिश्चित करने में भी लगा हुआ है।
देश में श्रम कानूनों के विकास के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि काफी सारे कानूनों की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है जहां श्रमिकों को पता नहीं है कि समान मजदूरी, मजदूरी के भुगतान और औद्योगिक विवादों जैसे मामलों के लिए आवेदन कहां जमा किये जाने हैं। “कई श्रम कानूनों में विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए अलग-अलग सुरक्षा मानक हैं।
कई वर्षों से श्रमिकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने कई श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदल दिया है।” श्रम मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार पुरुष और महिला दोनों के लिए समान काम के लिए समान वेतन के प्रावधान के साथ श्रम संहिता में लैंगिक न्याय लेकर आई है।
श्री यादव ने कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम के तीन अधिनियम, ट्रेड यूनियन एक्ट और इंडस्ट्रियल इंप्लायमेंट (स्टैंडिंग ऑर्डर) एक्ट को अब इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 से बदल दिया गया है। श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आक्युपेशनल सेफ्टी कोड लाया गया है, उन्होंने साथ ही कहा “इसके अलावा, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता है, यह सरकार और समाज की जिम्मेदारी है। इसलिए, हम प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप एक सोशल सिक्योरिटी कोड लाये हैं।”
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ईएसआईसी कोविड-19 राहत योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाये गये सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। इस योजना के तहत, मृत बीमित कर्मचारी, जिनकी मृत्युकोविड-19 के कारण हुई है, के औसत वेतन के 90% की दर से आवर्ती भुगतान बीमित कर्मचारी के पात्र आश्रितों को किया जाता है।
देश के 500 से अधिक जिलों में ईएसआईसी संस्थानों में सोशल सिक्योरिटी कोड लागू किया गया है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कोड के पूरे भारत में कार्यान्वयन से इस क्षेत्र को भारी लाभ होगा। “कोड को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है और ईएसआईसी अस्पतालों में स्वचालित रेफरल प्रणाली भी शुरू की गयी है। मैं इन योजनाओं के क्रियान्वयन की नियमित रूप से निगरानी कर रहा हूं, ताकि हम अपने श्रमिकों के कल्याण का ध्यान रख सकें।”
मंत्री ने ई-श्रम पोर्टल पर बोलते हुए इच्छा व्यक्त की कि असंगठित क्षेत्र के प्रत्येक श्रमिक का पोर्टल पर पंजीकरण हो, “पंजीकरण आवश्यक है, जिससे हम जान सकें कि प्रत्येक कारोबार में कितने श्रमिक हैं। पोर्टल पर पहले ही 400 से अधिक उद्योगों को जोड़ा जा चुका है।
हम चाहते हैं कि सभी लोग पंजीकरण करायें ताकि हर श्रमिक जिसमें बहुत छोटा काम करने वाले तक शामिल हों, सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके। इसके अलावा, जो पोर्टल पर पंजीकरण करते हैं, वे अब 2 लाख रुपये तक का बीमा प्राप्त करने के पात्र हैं।”
श्री यादव ने जानकारी दी कि पोर्टल को लेकर जो सोच रखी गयी है उसके मुताबिक आंकड़े जमा किये जायें और हर एक को वो उपलब्ध हों।“सरकार ने श्रम विभाग से प्रवासी मजदूरों और घरेलू कामगारों पर एक सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। एक नया और तीसरा त्रैमासिक संस्थान-आधारित सर्वेक्षण जल्द ही होने वाला है, जो हमें देश के प्रमुख क्षेत्रों में कार्यबल के रुझान की एक तस्वीर देगा। इस प्रकार यह हमें सटीक आंकड़ों के आधार पर अपनी श्रम नीति को विकसित करने में सक्षम बनाएगा।”
केन्द्रीय मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार श्री डी.पी.एस. नेगी ने बताया कि देश में करीब 38 करोड़ असंगठित कामगारों के मौजूद रहने का अनुमान है. इसमें से 1.66 करोड़ असंगठित कामगारों ने 26 अगस्त, 2021 को केंद्रीय श्रम मंत्री द्वारा पोर्टल के शुभारंभ के बाद से अब तक ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण कराया है।
आयुक्त ने कहा कि पोर्टल ने असंगठित श्रमिकों को एक अलग पहचान और मान्यता दी है। “पहले, हमारे पास कोविड-19 महामारी के दौरान असंगठित श्रमिकों को लाभ प्रदान करने का कोई साधन नहीं था, क्योंकि हमारे पास उन के आंकड़े नहीं थे। लेकिन अब, ई-श्रमकार्ड देश भर में सरकारी लाभों का फायदा उठाने के लिए एकल कार्ड के रूप में काम करेगा, यह एक राष्ट्र एक कार्ड होगा।”
श्री नेगी ने कहा कि पोर्टल को सफल बनाने में राज्य सरकारों, स्थानीय प्रशासन, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, अनियमित श्रमिकों को रोजगार देने वाली ऐप आधारित सेवाओं, असंगठित क्षेत्र के नियोक्ताओं की भी बड़ी भूमिका होगी.
आयुक्त ने कहा कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास की प्रधान मंत्री की सोच के अनुरूप, मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं का विश्वास और सभी हितधारकों के प्रयासों की आवश्यकता है। केन्द्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त, मुंबई, श्री तेज बहादुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
केन्द्रीय श्रम मंत्री ट्रेड यूनियन नेताओं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और नियोक्ताओं से भी मिले और चर्चा की।
ई-श्रम पोर्टल
ई-श्रम पोर्टल (https://eshram.gov.in/) का उद्घाटन 26 अगस्त 2021 को केन्द्रीय श्रम मंत्री द्वारा राज्य मंत्री (श्रम और रोजगार) रामेश्वर तेली की उपस्थिति में किया गया था।
पोर्टल प्रवासी श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों, अनियमित और किसी प्लेटफॉर्म के जरिये रोजगार पाने वाले श्रमिकों सहित असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस है। यह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं का लाभ पहुंचाने की सुविधा प्रदान करता है।
पोर्टल को आधार के साथ जोड़ा गया है और इसमें पंजीकृत श्रमिकों के नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता, कौशल का प्रकार और परिवार की जानकारी आदि का विवरण होगा। इस प्रकार यह उनकी रोजगार क्षमता का अधिकतम लाभ उठाने में सक्षम होगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा।
16-59 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी श्रमिक जो असंगठित क्षेत्र में काम कर रहा है ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए पात्र है। प्रवासी श्रमिक, अनियमित श्रमिक, किसी प्लेटफॉर्म के जरिये रोजगार पाने वाले श्रमिक, कृषि श्रमिक, मनरेगा श्रमिक, मछुआरे, दूधवाले, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्ट्रीट वेंडर, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक और असंगठित क्षेत्र में इसी तरह के अन्य व्यवसायों में लगे अन्यकार्यकर्ता सभी पात्र हैं।
ईएसआईसी कोविड-19 राहत योजना
ईएसआई अधिनियम के तहत मौजूदा नकद लाभों के अलावा, कोविड-19 राहत योजना शुरू की गयी है। इस योजना के तहत, मृत बीमित कर्मचारी जिनकी कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गयी है, के औसत वेतन का 90% की दर से आवर्ती भुगतान बीमित कर्मचारी के पात्र आश्रितों को किया जाता है।
अभी तक काम के दौरान चोट लगने के कारण बीमित कर्मचारी की मृत्यु पर औसत वेतन का 90% की दर से आवर्ती भुगतान देय था, लेकिन अब पात्र आश्रितों को राहत के भुगतान में कोविड-19 के कारण हुई मृत्यु को भी शामिल कर लिया गया है।
इसके अलावा, यदि बीमित कर्मचारी कोविड-19 से संक्रमित हो जाता है और इसकी वजह से काम करने में असमर्थ होता है, तो काम न कर पाने के लिये 91 दिनों की औसत दैनिक मजदूरी के 70% की दर से बीमारी लाभ का दावा किया जा सकता है।
योजना के बारे में अधिक विवरण यहां पाया जा सकता है।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ (एबीवीकेवाई) ईएसआई कॉरर्पोरेशन द्वारा शुरू की गई एक योजना है। इसके तहत, यदि बीमित व्यक्ति (आईपी) अपनी नौकरी खो देता है, तो उसे पिछले चार अंशदान अवधियों (चार योगदान अवधि के दौरान कुल कमाई/730 ) के दौरान प्रतिदिन की औसत कमाई का 25% की राहत राशि दी जाती है।
जीवन में एक बार उठाये जा सकने वाले इस लाभ में, बेरोजगारी के दौरान अधिकतम 90 दिनों तक राहत का भुगतान किया जायेगा। दावा करने के बाद एबीवीकेवाई के तहत राहत का भुगतान शाखा कार्यालय द्वारा आईपी को सीधे उसके बैंक खाते में ही किया जाएगा/देय होगा।