संसद टी वी लांच : लोक सभा टी वी और राज्य सभा टी वी का विलय

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नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम् वेंकैया नायडू , प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आज संयुक्त रूप से ‘संसद टीवी’ लॉन्च किया. अब लोक सभा और राज्यसभा टी वी का औपचारिक रूप से विलय हो गया. इसकी घोषणा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने की.

समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम् वेंकैया नायडू ने कहा कि हम सबसे पुराने लोकतंत्र में से एक हैं और यह आयोजन प्रतीकात्मक रूप से लोकतांत्रिक शासन के तहत मीडिया के बीच महत्वपूर्ण संबंधों को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि लोकसभा टीवी पिछले 15 वर्षों से कार्यरत है जबकि राज्यसभा टीवी 10 वर्षों से संसदीय प्रक्रियाओं के प्रसारण सहित विविध कार्यक्रम के प्रसारण में कार्यरत है.संसद टी वी लांच : लोक सभा टी वी और राज्य सभा टी वी का विलय 2

उन्होंने कहा कि दोनों ही चैनलों ने अब तक दोनों सदनों के कार्यक्रमों के साथ-साथ जनता से जुड़े मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया. अब हम सबके सामने विविधता भरे भारत के बारे में दुनिया के सामने प्रभावी तरीके से रखने की चुनौती है. इसी दृष्टिकोण के साथ आज संसद टीवी की लॉन्चिंग अंतरराष्ट्रीय प्रजातंत्र दिवस के दिन की जा रही है. हम सबसे बेहतर प्रजातांत्रिक देश हैं. आज का यह कदम मीडिया और प्रजातांत्रिक शासन के बीच तारतम्य को प्रदर्शित करता है.

इस अवसर पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी channels की भूमिका भी तेजी से बदल रही है। 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए revolution ला रही है। ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें.

उन्होंने कहा कि  India is the mother of democracy. भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है.

उन्होंने कहा कि मेरा अनुभव है कि- “कन्टेंट इज़ कनेक्ट।” यानी, जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं। ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है!  क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है.

 

प्रधानमन्त्री मोदी ने कहा कि हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है। हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है जब लोक सभा टीवी और राज्यसभा को एकीकृत कर संसद टी वी को लांच किया जा रहा है. लोकतंत्र ही शासन के लिए सबसे सर्वोत्तम पद्धति माना गया है. संसद टीवी देश का एकमात्र ऐसा चैनल होगा जिसके माध्यम से देश के नागरिकों को ग्राम पंचायत से लेकर संसद और सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की कार्यप्रणाली तथा जनप्रतिनिधि की भूमिका से परिचित कराने का भी कार्य होगा. यह प्रभावी तरीके से कम करे इस लिए ही दोनों चैनलों को एक किया गया. बेहतर उपयोग होगा जबकि दोनों सदनों के कार्यक्रम के प्रसारण को और प्रभावी बनाएगा. विविध कार्यक्रम भी जनता के लिए प्रस्तुत किये जायेंगे.

इस अवसर पर राज्यसभा और लोक सभा के विपक्ष के नेता सहित बड़ी संख्या में सांसद मौजूद थे.

 

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