गृहमंत्री ने गुरूग्राम में कानून व्यवस्था की स्थिति का लिया जायजा
पुलिस कमिश्नर के के राव ने गृह मंत्री के समक्ष जिला की पुलिस व्यवस्था की विस्तृत रिपोर्ट रखी
विज ने पब्लिक-पुलिस तालमेल के लिए डीसीपी स्तर पर एमिनेंट व्यक्तियों की कमेटी बनाने का दिया निर्देश
विज चाहते हैं कि प्रदेश के हर जिला में साईबर थाना होना चाहिए
पुलिस भर्ती पर रहेगी प्राथमिकता
गुरुग्राम , 08 सितंबर : हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक डीसीपी स्तर पर एमिनेंट (प्रमुख) व्यक्तियों की एक कमेटी बनाई जाए जिनके साथ महीने या दो महीने में विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा होनी चाहिए। इससे जहां एक ओर आम जनता और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा वहीं उससे फीडबैक भी मिलेगा तथा पुलिस की जनता में छवि सुधरेगी। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि प्रदेश के हर जिला में साईबर थाना हो, लेकिन अभी रेंज के स्तर पर साईबर थाने खुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में नए डीजीपी आ गए हैं और अब पुलिस भर्ती प्राथमिकता पर रहेगी। श्री विज ने यह जानकारी आज गुरूग्राम में पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों के साथ बैठक करने उपरांत दीं।
श्री विज ने गुरूग्राम पुलिस कमिश्नरेट के प्रदर्शन पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि आप अच्छा काम कर रहे हैं परंतु इसे और बेहत्तर बनाएं। बैठक में पुलिस आयुक्त के के राव ने पूरे जिला की पुलिस व्यवस्था की विस्तृत रिपोर्ट गृहमंत्री के सामने रखी। इसके बाद गृहमंत्री श्री विज ने हर डीसीपी से उसके क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि हम हर व्यक्ति पर पुलिस खड़ा नहीं कर सकते परंतु अपराधियों में पुलिस का भय खड़ा कर सकते हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि प्रदेश में अब गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है और किसी भी अपराधी गैंग को पनपने ना दें क्योंकि बार-बार अपराध ये गैंग ही करती हैं, इनको काबू करना जरूरी है।
बैठक में श्री विज ने लगभग 3 घंटे तक गुरूग्राम में कानून व्यवस्था की हर पुलिस उपायुक्त के क्षेत्रवार जानकारी हासिल की, जिसमें खासतौर पर जघन्य अपराध की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी गई। हर डीसीपी से पूछा गया कि उसके क्षेत्र में जघन्य अपराधों के कितने केस लंबित हैं और उसके पीछे कारण क्या हैं। उन्होंने पुलिस उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सप्ताह में कम से कम एक पुलिस थाने को अवश्य चैक करें और वहां पर रजिस्टर में एंट्री भी करें। इसके अलावा, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को हर रोज अपने कार्यालय में प्रातः 11 बजे दोपहर 12 बजे तक जनता दरबार लगाने के आदेश देते हुए कहा कि दरबार में मिलने वाली शिकायतों का रजिस्टर या कम्प्यूटर में इंद्राज करें। उन्होंने कहा कि सबकुछ रिकॉर्ड पर होना चाहिए और जिस शिकायत पर केस दर्ज हो सकता है, उस पर तत्काल मामला दर्ज करें और जो रिजेक्ट होती हैं उसके बारे में भी शिकायतकर्ता को सूचित करें।
श्री विज ने गुरूग्राम में ट्रैफिक व्यवस्था का भी जायजा लिया और कहा कि टैªफिक जाम वाले स्थानों को चिन्ह्ति करके उनकी प्लानिंग करें। उन्होंने साईबर क्राइम पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के हर जिला में साईबर थाना होना चाहिए। अभी रेंज के स्तर पर साईबर थाने खुले हुए हैं। ध्यान रहे कि गुरूग्राम में प्रदेश का पहला साईबर क्राइम सैल खुला था। साईबर क्राइम सैल को देख रहे एसीपी करण गोयल ने गृहमंत्री को बताया कि इस सैल में 54 कर्मचारी काम कर रहे हैं जिनमें से 27 जांच अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं। इन सभी ने साईबर क्राइम नियंत्रण को लेकर मधुबन में प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ है। यही नहीं, ज्यादा जटिल मामलों में पुलिस आयुक्त से अनुमति लेकर प्राइवेट एक्सपर्ट्स को भी हायर किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह सैल खुलने से लेकर अब तक 16500 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से लगभग 12500 का निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि इन साईबर क्राइम की घटनाओं के निपटारे से आम जनता को 1 करोड़ 80 लाख रूपए की राशि वापिस दिलवाई गई है जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सराहा है।
गुरूग्राम में पुलिस कर्मियों की कमी पर बोलते हुए श्री विज ने कहा कि अब प्रदेश में नए डीजीपी आ गए हैं, पुलिस भर्ती प्राथमिकता पर रहेगी। गुरूग्राम के पुलिस आयुक्त के के राव ने गृहमंत्री को अवगत करवाया था कि गुरूग्राम जिला में 8221 स्वीकृत पद हैं जिनमें से 5850 भरे हुए हैं और 2370 पद रिक्त हैं। श्री विज ने यह भी कहा कि पुलिस थानो का अपना भवन हो और कर्मियों के बैठने तथा रहने के लिए अच्छी व्यवस्था हो। गुरूग्राम में किराए के भवनों में चल रहे पुलिस थानों के भवन बनाने के लिए जगह की पहचान कर प्रस्ताव बनाकर भेजने के आदेश पुलिस आयुक्त को दिए गए।
श्री विज ने हाईवे पर लेन ड्राईविंग पर भी फोकस किया और कहा कि नियमों का उल्लंघन करते हुए लेन बदलने वालों के चालान करें। इस पर डीसीपी ट्रैफिक रविंद्र तोमर ने बताया कि हाईवे पर लेफ्ट लेन ट्रको के लिए है और उन्हें इसी लेन में चलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाईवे पर बने फुट ओवर ब्रिज से वीडियोग्राफी करके लेन व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों को पोस्टल चालान भेजे जा रहे हैं। इस साल में अब तक 2587 चालान लेन बदलने के किए गए हैं।
शस्त्र लाईसेंस बनाने के कार्य की समीक्षा करते हुए श्री विज ने कहा कि अगर आवेदक का लाईसेंस नियम अनुसार बन सकता है तो बना दो अन्यथा कारण बताते हुए उसके आवेदन को रिजेक्ट कर दें क्योंकि आवेदन को ज्यादा दिन तक लंबित रखने से भ्रष्टाचार को बल मिलता है। पुलिस आयुक्त के. के. राव ने बताया कि शस्त्र लाईसेंस रिन्यू करने के कार्य को सुचारू किया गया है। रिन्यू की तिथि आने से 15 दिन पहले संबंधित व्यक्ति को एसएमएस भेजकर सूचित किया जाता है। उसके बाद एक दिन पहले फिर से मैसेज भेजा जाता है और रिन्यू होने के बाद भी आवेदक को सूचित किया जा रहा है।
बैठक के बाद गृहमंत्री ने सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया। इनमें महिला पुलिस थाना मानेसर की थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम हुड्डा, एएसआई हरपाल, एएसआई दीपक कुमार तथा एएसआई नवीन कुमार शामिल थे। इस अवसर पर संयुक्त पुलिस आयुक्त कुलविंद्र सिंह, डीसीपी मानेसर वरूण सिंगला, डीसीपी ईस्ट मकसूद अहमद, डीसीपी साउथ धीरज सेतिया, डीसीपी वेस्ट दीपक सहारन, डीसीपी टैªफिक रविंद्र तोमर सहित एसीपी भी उपस्थित थे