टीबी की सूचना ना देने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ होगी कार्रवाई : स्वास्थ्य मंत्री

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*अब प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा टीबी की सरकार को सूचना ना देने वालों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई- स्वास्थ्य मंत्री*

*अब प्राईवेट डाक्टरों-क्लीनिक्स-प्रयोगशालाओं को टीबी मरीज की जानकारी स्वास्थ्य विभाग/संबंधित सिविल सर्जन कार्यालय को देनी होगी- अनिल विज*

*प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ‘‘देश को वर्ष 2025 तक टयूबरकलोसिस (टीबी) फ्री’’ को साकार करने की दिशा में हरियाणा देगा अहम योगदान- स्वास्थ्य मंत्री*

*टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए ऐप भी बनाई जाए और हर मरीज की जीयो-लोकेशन भी हो- स्वास्थ्य मंत्री*

*राष्ट्रीय स्तर पर टीबी के मरीज को सपलीमेंट देने के लिए स्कीम की हो शुरूआत- विज*

*हरियाणा को वर्ष 2025 तक टीबी फ्री करने के लिए बनाई योजना- अनिल विज*

चंडीगढ़, 2 सितंबर – हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ‘‘देश को वर्ष 2025 तक टयूबरकलोसिस (टीबी) फ्री’’ को साकार करने की दिशा में हरियाणा अहम योगदान देगा। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि हरियाणा में यदि कोई भी प्राईवेट डाक्टर के पास व क्लीनिक में टयूबरकलोसिस (टीबी) का मरीज आता है और उसकी जानकारी हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग या संबंधित सिविल सर्जन कार्यालय में उनके द्वारा नहीं दी गई तो ऐसे प्राईवेट डाक्टर व क्लीनिक के साथ-साथ प्रयोगशालाओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
श्री विज ने यह जानकारी आज यहां केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कान्फ्र्रेंसिग बैठक के दौरान दी। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री द्वारा एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान और डीबीटी अभियान की भी शुरूआत की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यद्यपि यह एक नोटीफाईड बीमारी हैं, परंतु फिर भी कुछ डाक्टर, क्लीनिक्स व प्रयोगशालाएं हैं जो इस बीमारी के संबंध में इलाज कर रही है और इसकी जानकारी संबंधित सिविल सर्जन व सरकार को मुहैया नहीं करवा रहे हैं और इससे आंकडों में फर्क आ जाता है इसलिए इसके इलाज में आगे दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि टयूबरकलोसिस (टीबी) के मरीजों के फोलो-अप के लिए ऐसे सभी प्राईवेट डाक्टरों, क्लीनिकों को अपने यहां टीबी के मरीजों के पुष्टि होने पर सरकार को जानकारी मुहैया करवानी होगी ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत खड़ी न हो। उन्होंने कहा कि यदि कोई टीबी की जानकारी सरकार को मुहैया नहीं करवाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

इसी प्रकार, श्री विज ने सुझाव देते हुए कहा कि हमें राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी स्कीम की भी शुरूआत करनी चाहिए जिसमें टीबी के मरीज को सपलीमेंट दिया जा सकें। उन्होंने कहा कि ये सपलीमेंट टीबी का इलाज कर रहे मरीजों को ही दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव देते हुए कहा कि इसकी एक ऐप भी बनाई जानी चाहिए और हर मरीज की जीयो-लोकेशन भी होनी चाहिए ताकि उसकी समय-समय पर वैरीफिकेशन हो सकें जैसे कि जब ऐसे मरीज को दवाई दी जाए तो उसके इलाज के स्तर के संबंध में पता चल सकें।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम हरियाणा में कोविड से बहुत बहादुरी के साथ लडे़ हैं और हमारा राज्य कोविड संक्रमण से बहुत ही ज्यादा प्रभावित था क्योंकि हम दिल्ली के नजदीक हैं और इस संबंध में दिल्ली का हरियाणा पर बहुत असर रहा है। लेकिन हमारी स्वास्थ्य टीम बहुत बहादुरी के साथ लड़ी और इस लड़ाई में हम बहुत कामयाब भी हुए। उसी प्रकार, हमारी टीम टयूबरकलोसिस (टीबी) को समाप्त करने के लिए पूरी ताकत के साथ लडेगी जिसमें आशावर्करों, डाक्टरों सहित अन्य पदाधिकारियों का पूरा सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने ‘‘देश को वर्ष 2025 तक टयूबरकलोसिस (टीबी) फ्री’’ को अवश्य साकार करेंगें।
उन्होंने कहा कि हमने राज्य को वर्ष 2025 तक टयूबरकलोसिस (टीबी) फ्री करने के लिए योजना बनाई है और हमें पूरा विश्वास हैं कि हम इस लक्ष्य को अवश्य हासिल करेंगें। उन्होंने कहा कि हमारी टीम के सदस्य घर-घर जाकर इस अभियान को सफल बनाने का काम करेंगें। उन्होंने कहा कि टयूबरकलोसिस (टीबी) को भगाने के लिए हरियाणा के पास पर्याप्त आवश्यक उपकरण है चाहे उसमें प्रयोगशालाएं हों, विभिन्न मशीनें हों। इसी प्रकार, हरियाणा के प्रत्येक जिले में आरटीपीसीआर मशीन भी कोविड संक्रमण की जांच के लिए संचालित है।

श्री विज ने कहा कि आज की बैठक के माध्यम से हमें बहुत सी नई जानकारियां व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
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