” जान चली जायेगी लेकिन नहीं बनने देंगे सीआरपीएफ कैंप “

Font Size

 

गांव टूंडलाका में सीआरपीएफ कैंप के विरोध में महा पंचायत : संघर्ष का ऐलान 

 महापंचायत में राजनेता, समाजसेवी, उलेमा और यूथ भी पहुंचे  

गांव टूंडलाका सहित एक दर्जन गांव के लोगों ने दी पंचायत को मंजूरी

यूनुस अलवी

" जान चली जायेगी लेकिन नहीं बनने देंगे सीआरपीएफ कैंप " 2मेवात:  मेवात जिला के गांव टूंडलाका कि गरीब 85 एकड जमीन पर सरकार द्वारा प्रस्तावित सीआरपीएफ कैंप के खिलाफ लांमबंद हुऐ राजनेता, समाजसेवी, जमियते-उलेमा-हिंद और पांच गांवों के लोग। किसी भी कीमत पर गांव टूंडलाका में बनने नहीं दिया जाऐगा सीआरपीएफ कैंप। पहले डीसी और सरकार से लोगों कि भावनाओं से अवगत कराया जाऐगा, सरकार नहीं मानी तो होगा बडा आंदौलन और महापंचायत। पंचायत ने कहा गांव टूडलाका की जमीन पर सीआरपीएफ कैंप नहीं बल्कि रोजगार के लिये कोई उद्योग या फिर यूनिवर्सिटी चाहिये। चाहे जान चली जाये पर सरकार को घणी आबादी के बीच किसी भी कीमत पर सीआरपीएफ कैंप बनने नहीं दिया जाऐगा।

पंचायत में कहा सीआरपीएफ कैंप बनाये पर आबादी के नजदीक किसी भी कीमत पर बरदास्त नहीं किया जाऐगा। पंचायत में किसी कारणवश ना पहुंचने वाले नेताओं ने पंचायत के फैंसले के साथ रहने कि फोन पर दी अपनी इजाजत। वहीं पंचायत में इलाके में अमन शांति के लिये दुआ भी मांगी गई। पंचायत कि अध्यक्षता जमियते-उलेमा-हिंद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंदीगढ के महासचिव मोलाना रजमान ने की।

कौन-कौन हुए शरीक

 पंचायत में पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान, मुख्य संसदीय सचिव के पुत्र इसराईल खान, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव मामन खां इंजिनियर, कांग्रेस प्रदेश सचिव मोहम्मदी बेगम, हाजी अखतर, इब्राहीम इंजिनियर, मेवात विकास सभा के पूर्व अध्यक्ष दीन मोहम्मद, रशीद ऐडवोकेट, शहीद खां, गांव लुंहिगाकला सरपंच सलीम, बादली के सरपंच जावेद, टूंडलाका के सरपंच पति अरशद के अलावा बादली, टूंडलाका, लुहिंगाकला, पिपरौली, गौधोला, पुन्हाना, गौधोली सहित करीब चार दर्जन से अधिक गांवों के चौधरी, खाप और पालों के प्रमुख लोगों ने भाग लिया।

क्या है पूरा मामला?

   गांव टूंडलाका की 686 कनाल यानी करीब 85 एकड़ जमीन पर सरकार द्वारा सीआरपीएफ कैंप बनाने को मंजूरी दी है। गत 18 दिसंबर को प्रशासन ने इसी वजह से पंचायत कि जमीन पर पिछले 30-40 वर्षों से रहे करीब 80 परिवारों के मकान तोड़ कर खाली कराये थे। सीआरपीएफ कैंप के लिए ली गई जमीन में गांव के दो कब्रिस्तान, दो तालाब, स्कूल, शमशान घाट कि जगह को भी लिया गया है। प्रशासन द्वारा हटाये गये जमीन पर लोग पिछले 9 दिन से ठंठ के मौसम में तंबू डाल कर रहे रहे हैं।

 किसने क्या कहा ?

: पूर्व विधायक हबीबर्रहमान– ने कहा कि इस भूमि पर किसी भी कीमत पर सीआरपीएफ कैंप बनने नहीं दिया जाऐगा चाहे इसके लिये जान ही क्यों न देनी पडे। 

: समाजसेवी रमान चौधरी--पंचायत में विधायक नसीम अहमद, विधायक जाकिर हुसैन, पूर्व मंत्री आफताब अहमद, पूर्व मंत्री मोहम्मद इलयास तो नहीं पहुंचे लेकिन उन्होने पंचायत को फोन पर पंचायत के फैंसले को अपनी मंजूरी दे दी है।

: मामन खां इंजिनियर –-आज पंचायत में एक साथा निर्णय लिया गया कि सीआरपीएफ कैंप के खिलाफ मेवात कि 36 बिरादरी, राजनेता, उलेमा और समाजसेवी मिलकर लडेगें। इसके लिये पहले डीसी, फिर सीएम से बात कि जाऐगी। बात नहीं मानी तो संविधानिक तरीके से महा विरोध किया जाऐगा।

: इसराईल खां- छिरकलौत पाल के चौधरी जलेब खां के पुत्र इसराईल खान ने कहा कि सीआरपीएफ कैंप गांव से दूर बने, आबदी के पास नहीं। सरकार को कुछ बनाना ही है तो टूंडलाका में यूनिवर्सिटी बनानी चाहिये।

: मोलाना हाजी रमजान–जमियते उलेमा हिंद हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंदीगढ के महासचिव मोलाना रजमान ने कहा कि पंचायत के इस के इस फैंसले के साथ उनकी जमियत पूरी तरह साथ है।

You cannot copy content of this page