हिन्दू संस्कृति के प्रति अलख जगाने के लिए देश में तुलसी पूजन दिवस का आयोजन
गुरुग्राम : प्रति वर्ष की भांति इस बार भी 25 दिसम्बर रविवार को तुलसी पूजन दिवस का आयोजन देश भर में किया जा रहा है. भारतीय संस्कृति अपनाओ भारत को विश्वगुरु बनाओ की धारणा के साथ अखिल भारतीय हिन्दू क्रान्ति दल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक रेलवे रोड स्थित कार्यालय में आयोजित की गयी. बैठक में दल के राष्ट्रीय महामंत्री राजीव मित्तल ने पाश्चात्य परम्पराओं पर आधारित दिवसों का बहिष्कार करने की अपील की. उन्होंने सभी से भारतीय संस्कृति व परम्पराओं के अनुरूप विशेष दिवसों व पर्व त्यौहारों को मनाने का आहवान किया.
बैठक में सभी ने एक स्वर से यह निर्णय लिया कि तुलसी पूजना दिवस के पवित्र अवसर पर लोगों में भारतीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक मान्यताओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए टीम बनाकर तुलसी के पौधों को समाज के अग्रणी लोगों को भेंट किया जाए.
अखिल भारतीय हिन्दू क्रान्ति दल के कार्यकर्ताओं की कई टीमों ने शहर के विभिन्न कालोनियों में रहने वाले परिवारों को इस अभियान के तहत तुलसी के पौधे भेंट किये और उनसे भारतीय संस्कृति के अनुरूप अपनी दिनचर्या को ढालने की अपील की. क्रान्ति दल के सदस्य व पदाधिकारी अलग लग टीम के रूप में हरियाणा कला परिषद के निदेशक अजय सिंहल, हरियाणा भाजपा की प्रदेश सचिव गार्गी कक्कड़, वरिष्ठ भाजपा नेता कुलभूषण भारद्वाज, कांग्रेस नेता गजे सिंह कबलाना, प्रशांत भारद्वाज, मेजर दीनदयाल सैनी समेत कई बुद्धिजीवी समाजसेवियों के घर गए और उन्हें तुलसी के पौधों भेंट किये.
समाज के लोगों ने तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर शहर के राजेंद्र पार्क, न्यू कालोनी, सेक्टर 17, सेक्टर 12 राजीव नगर, शीतला कालोनी, लक्ष्मण विहार सहित दर्जनों आवासीय लोनियों में अखिल भारतीय हिन्दू क्रान्ति दल द्वारा चालाये गए इस अभियान की सराहना की. इस अभियान में चेतन शर्मा, योगेश हिन्दुस्तानी , राजवीर , प्रवीन कौशिक , सुनील शर्मा, प्रदीप गौतम, आशुतोष भारद्वाज, राजेश कुमार, श्वेता एवं लक्ष्मी भारद्वाज ने अपना योगदान दिया और लोगों में सनातन संस्कृति के प्रति आस्था व विश्वाश को जागने का सराहनीय कार्य किया.
” तुलसी पूजन विधि एवं इसका महत्व “
आज तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर है. हम सभी जानते हैं कि हमारी भारतीय संस्कृति में तुलसी का स्थान पवित्र और महत्त्वपूर्ण है. यह मां के समान सभी प्रकार से हमारी रक्षा और पोषण करती है. तुलसी पूजन के लाभ तो है ही साथ ही इसके पूजन से आर्थिक और आध्यात्मिक लाभ भी होते हैं. तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल और आरोग्यबल का विकास होता है.
पुराणों में तुलसी का वर्णन :
– स्कंद पुराण के अनुसार, जिस घर में तुलसी का बगीचा होता है अथवा प्रतिदिन पूजन होता है उसमें यमदूत प्रवेश नहीं करते.
– तुलसी की उपस्थिति मात्र से हलके स्पंदनों, नकारात्मक शक्तियों एवं दुष्ट विचारों से रक्षा होती है.
– गरुड पुराण के मुताबिक, तुलसी का वृक्ष लगाने, पालन करने, सींचने तथा ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से पूर्व जन्मार्जित पाप जलकर खत्म हो जाते हैं.
– पद्म पुराण के अनुसार, तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है.
-ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, मृत्यु के समय मृतक के मुख में तुलसी के पत्तों का जल डालने से वह सम्पूर्ण पापों से मुक्त होकर भगवान विष्णु के लोक में जाता है.
– ईशान कोण में तुलसी लगाने से तथा पूजा के स्थान पर गंगाजल रखने से घर में बरकत होती है .
– तुलसी पूजन दिवस के दिन शुद्ध भाव व भक्ति से तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता दूर होती है.
कैसे करें तुलसी पूजन ?
आज के दिन ही नहीं बल्कि प्रति दिन सुबह घर के स्वच्छ स्थान पर तुलसी के गमले को कुछ ऊंचे स्थान पर रखें. उसमें यह मंत्र बोलते हुए जल चढाएं :
महाप्रसादजननी सर्वसौभाग्यवद्र्धिनी।
आधिव्याधिहरा नित्यं तुलसी त्वं नमोऽस्तु ते।।
फिर तुलस्यै नमः। मंत्र बोलते हुए तिलक करें, अक्षत, पुष्प, वस्त्र व कुछ प्रसाद चढाएं। आरती करें और तुलसीजी की 7, 11, 21, 51 या 108 परिक्रमा करें.
उस शुद्ध वातावरण में शांत होकर भगवत्प्रार्थना एवं भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करें.
तुलसी के पास प्राणायाम करने से बल, बुद्धि और ओज की वृद्धि होती है। फिर तुलसी के पत्ते डालकर प्रसाद वितरित करें.
इस प्रकार से तुलसी-पूजन कर घर में पवित्र वातावरण बनाएं तथा 12 बजे तक तुलसी के समीप रात्रि-जागरण कर भजन, कीर्तन व जप करके भगवद्-विश्रांति पाएं। तुलसी-पूजन आश्रम या तुलसी वन अथवा जहां भी आपको अनुकूल लगे वहां पूजा कर सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी तुलसी :
* तुलसी शरीर के सभी रोगों के लिए रामबाण औषधि है.
* तुलसी प्रदूषित वायु का शुद्ध करती है. इसके रोजना इस्तेमाल से भंयकर से भंयकर रोग भी ठीक हो जाते हैं.
* सुबह खाली पेट तुलसी के 5-7 पत्ते चबाकर पानी पीने से बल, तेज और स्मरणशक्ति बढती है.
– तुलसी किडनी के काम करने की क्षमता को बढ़ाता है.
– कोलेस्ट्रोल को सामान्य बना देती है. हृदयरोग में आश्चर्यजनक लाभ करती है.
-आंतों के रोगों के लिए तो यह रामबाण है.
– तुलसी एक अद्भुत औषधि है, जो ब्लडप्रेशर और पाचनतंत्र को सही रखता है.
वैज्ञानिक तथ्य :
– तिरुपति के एस.वी. विश्वविद्यालय में किये गये एक अध्ययन के अनुसार तुलसी का पौधा पर्यावरण में ओजोन वायु छोडता है, जो हमारे लिए संजीवनी है.
– आभामंडल नापने के यंत्र ‘यूनिवर्सल स्केनरय के माध्यम से तकनीकी विशेषज्ञ के.एम. जैन द्वारा किए गए परीक्षणों से यह बात सामने आयी है कि यदि कोई व्यक्ति तुलसी के पौधे की 9 बार परिक्रमा करे तो उसके आभामंडल के प्रभाव-क्षेत्र में 3 मीटर की आश्चर्यकारक बढ़ोतरी होती है.