स्वास्थ्य विभाग ने जिला में डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा सौ प्रतिशत सफल रहने का किया दावा

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-डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा में जिला में 80 हजार 100 पैकेट बांटने का था लक्ष्य

गुरुग्राम, 17 जुलाई । जिला में डायरिया नियंत्रण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने व इसके बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले ओआरएस व ज़िंक टेबलेट आदि वितरण के लिए 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित किए गए गहन डायरिया नियंत्रण जांच अभियान का सफलतापूर्वक समापन हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने पखवाड़े के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसमें करीब करीब सौ प्रतिशत सफलता प्राप्त की है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डॉ एम. पी सिंह ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में डायरिया से होने वाले मृत्यु की रोकथाम के उद्देश्य से जिला में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा चलाया गया था। इस पूरे पखवाड़े में 80 हजार 100 बच्चों के परिवारों तक पहुँचने का लक्ष्य तय किया गया था। जिसके तहत जिला में एक से 15 जुलाई के बीच 79 हजार 923 ओआरएस घोल के पैकेट वितरित किए जा चुके है।

उन्होंने कहा कि शून्य से पांच साल के बच्चों में मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया है, इसके जल्द उपचार व बचाव की सही जानकारी से शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।

 

डॉ सिंह ने बताया कि पखवाड़ा के दौरान एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर घर जाकर 5 साल से छोटे बच्चों की माताओं की काउंसलिंग कर उन्हें स्तनपान की उपयोगिता की चर्चा के साथ हाथ धोने की सही विधि के बारे में शिक्षित किया। इसके साथ ही उन्हें ज़िंक व ओआरएस घोल की महत्ता के बारे में बताया गया।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, बुखार, निर्जलीकरण, सूजन, डायरिया के कुछ प्रमुख लक्षण है। इसलिए बरसात के दिनों में ज्यादा तले व भूने भोजन का सेवन न करें। गर्म व ताजा भोजन का सेवन करें। इसके अतिरिक्त सभी लोग अपने आसपास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे। डायरिया से संबंधित अन्य किसी भी प्रकार की पूछताछ या जानकारी के लिये नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क कर सकते है।

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