अधिकारियों ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों से अवगत कराया
गुरुग्राम : पी.आर.केंद्र गुडगाँव पर शनिवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया गया. 24 दिसंबर से आगामी 31 दिसंबर तक राष्ट्रीय उपभोक्ता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है . इस अवसर पर कार्यालय में उपस्थित हुए उपभोक्ताओ को उनके अधिकारो के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी.
उपभोक्ता अधिकार दिवस कार्यक्रम में जिले के सेंकडो उपभोक्ता शामिल हुए. इस अवसर पर खाद्य एवं पूर्ति विभाग के निरीक्षक, प्रेम पूरण सिंह, , ईश्वर सिंह, इन्द्र कुमार, व राजबीर उप निरीक्षक खाद्य एवं पूर्ति विभाग ने उपभोक्ताओ को ग्राहक उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट 1986 के तहत प्राप्त अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. सभी वक्ताओं ने उपभोक्ताओ के अधिकारों के हनन की स्थिति में जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित उपभोक्ता न्यायालयो में किस प्रकार आवेदन कर सकते हैं और अपने अधिकारों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं इस बारे में विस्तार से बताया . ोअधिकारियों द्वारा उन्हें यह बताया गया कि सभी स्तर के उपभोक्ता न्यायलयो में बिना किसी वकील के कोई भी उपभोक्ता अपने अधिकारों की सुरक्षा हेतु शिकायत कर सकता है. इन न्यायालयों में बिना फीस व वकील के ही समय बद्ध सीमा में ही अपने अधिकारों की भरपाई हेतु जा सकते हैं. अदालत में आवेदन या शिकायत करने के लिए किस प्रकार के कागजात व प्रमाण की आवश्यकता होती है इसकी भी जानकारी दी गयी. जागरूकता कार्यक्रम में पहुंचे कई लोगों ने इस क़ानून से सम्बंधित कई सवाल भी किये जिसका निरीक्षक प्रेम पूरण सिंह से जवाब दिया और लोगों को इस अधिकार का सदुपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि इस क़ानून के माध्यम से हम सभी प्रकार के उपभोक्ता वस्तुओं की गुन्वात्त्ता की शिकायत कर सकते हैं साथ ही किसी व्यवसायी द्वारा खरीद बिक्री में बरती गयी लापरवाही की भी शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने आगाह किया कि खास कर खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता के प्रति हमें सतर्क रहन चाहिए.
उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रिय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है क्योंकि 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता सुरक्षा क़ानून को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से मंजूरी मिली थी. इसलिए इस दिन देश में उपभोक्ताओं के अधिकार व उनकी जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक किया जाता है. इस क़ानून का देश में लागू होना बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इस क़ानून के माध्यम से ही उपभोक्ताओं के दोहन को रोका जाना संभव हुआ जबकि नकली खाद्य पदार्थ की बिक्री व स्तरहीन सामान के व्यवसाय पर काफी हद तक रोक लगाना संभव हो सका.
जिला खाद्य एवं पूर्ति विभाग ने लोगों से इस कानून के प्रावधानों का जनहित में लाभ उठाने का आव्हान किया है.