पीएम मोदी ने मन की बात में ओलम्पिक से सम्बंधित सवाल पूछे, जवाब देने वालों को मिलेंगे पुरस्कार

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नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए ओलम्पिक खेलों के लिए सभी खिलाड़ियों व एथलीटों की चर्चा की जबकि मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए खेल के प्रति उनके जज्बात का भी जिक्र किया. उन्होंने कोरोना काल में देश के डाक्टरों के योगदान की भी सरहानाकी. लोगों के लिए ओलम्पिक से सम्बंधित सवाल भी पूछे जिनके जवाब देने वालों को पुरस्कार दिए जायेंगे. उन्होंने अपने जवाब  MyGov पर भेजने का सुझाव दिया.

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ” ओलंपिक के कौन से खेल में भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं? ओलंपिक में किस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा पदक जीते हैं? अक्सर  #MannKiBaat  में, लोगों  प्रश्नों की बौछार रहती है। इस बार मैंने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, मैं आपसे प्रश्न करूं।”

उन्होंने कहा कि ओलंपिक में Individual Gold जीतने वाला पहला भारतीय कौन था ? आप मुझे जवाब भेजें न भेजें, पर MyGov में Olympics पर जो quiz है, उसमें प्रश्नों के उत्तर देंगे तो कई सारे इनाम जीतेंगे। ऐसे बहुत सारे प्रश्न MyGov के ‘Road to Tokyo Quiz’ में हैं।  उन्होंने देशवासियों से ‘Road to Tokyo Quiz’ में भाग लेने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ” उनके माता-पिता मजदूरी कर परिवार चलाते हैं, और अब उनका बेटा, अपना पहला, Olympics खेलने Tokyo जा रहा है। ये सिर्फ उनके माता-पिता ही नहीं, हम सभी के लिए कितने गौरव की बात है। हमारे प्रवीण जाधव जी के बारे में आप सुनेंगे, तो, आपको भी लगेगा कि कितने कठिन संघर्षों से गुजरते हुए प्रवीण जी यहां पहुंचे हैं। ”

उन्होंने कहा कि प्रवीण जाधव , महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव के रहने वाले हैं। वो Archery के बेहतरीन खिलाड़ी हैं। जब Talent, Dedication, Determination और Sportsman Spirit एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई champion बनता है।

उन्होंने बताया कि Tokyo जा रहे हमारे Olympic दल में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहें बल्कि देश के लिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आप #Cheer4India के साथ अपने इन खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दे सकते हैं।

 

पीएम मोदी ने कोरोना काल में ग्रामीण लोगों द्वारा अपनाए गए बचाव के उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि कभी-ना-कभी, ये विश्व के लिए case study का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों ने, हमारे वनवासी-आदिवासी भाई-बहनों ने, इस कोरोना काल में, किस तरह, अपने सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया।

उन्होंने लोगों से जल संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे देश में अब मानसून का सीजन भी आ गया है। बादल जब बरसते हैं तो केवल हमारे लिए ही नहीं बरसते, बल्कि बादल आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बरसते हैं। इसलिए मैं जल संरक्षण को देश सेवा का ही एक रूप मानता हूं।

प्राकृतिक सम्पदा की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है- “नास्ति मूलम् अनौषधम्” अर्थात, पृथ्वी पर ऐसी कोई वनस्पति ही नहीं है जिसमें कोई न कोई औषधीय गुण न हो ! उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास ऐसे कितने ही पेड़ पौधे होते हैं जिनमें अद्भुत गुण होते हैं, लेकिन कई बार हमें उनके बारे में पता ही नहीं होता !

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के सतना के एक साथी हैं श्रीमान रामलोटन कुशवाहा जी, उन्होंने बहुत ही सराहनीय काम किया है। रामलोटन जी ने अपने खेत में एक देशी म्यूजियम बनाया है। इस म्यूजिम में उन्होंने सैकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है।

प्रधानमन्त्री ने अपने संबोधन में चिकित्सा जगत के योगदान को भी याद किया. उन्होंने कहा कि अब से कुछ दिनों बाद 1 जुलाई को हम National Doctors’ Day मनाएंगे। ये दिन देश के महान चिकित्सक और Statesman, डॉक्टर बीसी राय की जन्म-जयंती को समर्पित है। उन्होंने कहा कि कोरोना-काल में doctors के योगदान के हम सब आभारी हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई लोग ऐसे भी हैं जो डॉक्टर्स की मदद के लिए आगे बढ़कर काम करते हैं। श्रीनगर से एक ऐसे ही प्रयास के बारे में मुझे पता चला। यहां डल झील में एक बोट एंबुलेंस सर्विस की शुरूआत की गई.

आगामी एक जुलाई को Chartered Accountants Day भी मनाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए Chartered Accountants बहुत अच्छी और सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने सभी Chartered Accountants, उनके परिवार के सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं दी.

प्रधानमन्त्री ने ऋषि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अपने व्यापक कार्य के माध्यम से, उन्होंने भारत के लोकाचार की महानता का प्रदर्शन किया। उनके द्वारा लिखा गया ” वंदे मातरम ” हमें विनम्रता के साथ भारत की सेवा करने और अपने साथी भारतीयों को सशक्त बनाने के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है।

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