गुडग़ांव : केंद्र सरकार ने छात्रों को सर्वांगीण विकास के लिए प्रोटीन व विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ देने के आदेश सभी प्रदेश सरकारों को दिए हुए हैं। राजकीय स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को मिड डे मील सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है,ताकि शिक्षा के प्रति छात्रों की रुचि बनी रहे, लेकिन कोरोना काल में यह व्यवस्था सुचारु रुप से नहीं चल सकी है।
कोरेाना के चलते स्कूलों में छात्रों के आने की अनुमति नहीं थी। फिर भी शिक्षकों ने मिड डे मील में प्रयुक्त होने वाली सामग्री छात्रों को उनके घरों पर उपलब्ध कराई थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में यह संभव नहीं हो पाया। जिससे बच्चों को पूरा पोषण नहीं मिल पा रहा है। जानकारों का कहना है कि पहले से ही चली आ रही योजना से जुड़ा फ्लेवर्ड मिल्क भी राजकीय स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों को नहीं मिल रहा है।
कोरोना के शुरुआती दौर में जहां बच्चों को उनके घरों में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई थी, वहीं फ्लेवर्ड मिल्क भी बच्चों को दिया गया था, लेकिन गत दिसम्बर के बाद अभी तक बच्चों को फ्लेवर्ड मिल्क उपलब्ध नहीं कराया गया है। गत वर्ष शिक्षा विभाग ने प्रति छात्र 500 ग्राम दूध पाउडर वितरित किया था। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विभाग को खाद्य सामग्री के साथ दूध पाउडर भी उपलब्ध कराना चाहिए था। बिना दूध के बच्चों को पौष्टिक आहार कैसे मिल सकेगा।
उधर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फ्लेवर्ड मिल्क कुछ समय तक ही स्टॉक करके रखा जा सकता है। ऐसे में उसके खराब होने का अंदेशा रहता है। इसीलिए शिक्षा विभाग से फ्लेवर्ड मिल्क नहीं आया है। जब भी फ्लेवर्ड मिल्क आ जाएगा उसे भी छात्रों को उपलब्ध करा दिया जाएगा। शिक्षा विभाग छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्प है।