कैसे मिले किसानों को जानकारी ?
पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका उपमंडल के 38 पदों में से केवल एक अधिकारी
यूनुस अलवी
मेवात : करीब 90 फीसदी कृषि पर आधारित पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका उपमंडल का कृषि विभाग राम भरोसे चल रहा है। पुन्हाना के 111, नगीना के 66 और फिरोजपुर झिरका के 62 गावों सहित कुल 239 गावों के किसानोंं कि जिम्मेदारी केवल एक अधिकारी संभाल रहा है। गावों के लिये सरकार द्वारा करीब 38 पद मंजूर किये गये है, जो काफी समयं से खाली पडे हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 90 फीसदी कृषि पर आधारित रहने वाले मेवात के किसानों को सरकार कि ओर से दी जाने वाली सुविधाऐं कैसे पहुंच पाती होगीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुन्हाना खण्ड में पांच, नगीना खण्ड में चार और फिरोजपर झिरका खण्ड में पांच सहित कुल 14 कृषि विकास अधिकारी (एडीओ) और 14 फील्डमेेन, तीन बीईओ, एक एसडीओ, करीब 6 फौर्थ क्लास के पदों सहित करीब 38 पद मंजूर है। तीनों खण्डों के 239 गावों की जिम्मेदारी केवल एक ही एडीओ पर है।
इसके अलावा एसएमएस के पांच, क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेंक्टर सहायक सांखिकी और एपीपी का एक-एक पद के अलावा दो पद भूमि परीक्षण अधिकरियों के पद जिले में काफी समय से खाली पडे हैं। जो कृषि विभाग में अहमं पद माने जाते हैं।
सरकार ने भले ही मेवात को करीब 12 साल पहले जिला बना दिया हो लेकिन कृषि विभाग के महत्वपूर्ण अधिकारियों के पद आज तक नहीं भरे हैं, जिनमें से दो भूमि प्रशिक्षण अधिकारी जिनका काम होता है कि वे भूमि कि जांच कर किसानों को बताये कि उनकी जमीन मेंं कौन सी फसल बोई जा सकती है। जमीन में किन-किन रसायनों कि कमी है। क्वालिटी इंस्पेंक्टर का काम होता है कि वह खाद बीज का सैंपल लेकर जांच करे कहीं दुकानदार किसानों को घटिया खाद बीज तो नहीं दे रहे हैं। सहायक संाखिकी अधिकारी का काम होता है कि वह जिले के सभी डाटा इक्टठा करे।
पुन्हाना के कृषि विकास अधिकारी अभय राम ने बताया कि उसके पास पुन्हाना, नगीना और फिरोजपुर झिरका खण्डों कि अकेले के पास जिम्मेदारी है। जिसकी वजह से उसे सरकारी योजनाओं को आम जनता तक सही माईने में पहुंचाने में दिक्कत आती है। उन्होने बताया कि मेवात इलाका कृषि बहुल्य इलाका है।
किसान मुबारिक मलिक, मुबारिक नोटकी, मुबीन तेडिया और मकसूद शिकरावा ने बताया कि भाजपा सरकार मेवात के किसानों के साथ सौतेला ब्यवहार कर रही है। जब कृषि विभाग में अधिकारी नहीं होगें तो वे किसानों को कैसे जानकारी दे पाऐगें। उन्होने सरकार से मांग कि ही तुरंत कर्मचारी और अधिकारियों के पद भरे जायें।