केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले मरीजों के परिजनों को 5 लाख रु मुआवजा देगी, अन्य राज्यों में भी यह मांग उठने के आसार

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सुभाष चौधरी

नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण प्राण गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को ₹5 लाख तक का मुआवजा देगी. इससे पूर्व दिल्ली सरकार ने कोरोना से जान देने वाले लोगों के परिजनों को ₹50 हजार का मुआवजा देने का भी ऐलान किया था. यह मुआवजा पूर्व की घोषणाओं से अलग दिया जाएगा। यह किसी भी राज्य सरकारों द्वारा ऐसे मामले में पहली घोषणा है. जाहिर है इस प्रकार की मांग अब दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में भी उठने के प्रबल आसार हैं.  

सरकारी सूत्रों का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण प्राण गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को यह मुआवजा कैसे दिया जाए और किस आधार पर ऐसे परिवारों का चयन किया जाए इसके लिए केजरीवाल सरकार ने 6 डॉक्टरों की एक कमेटी का गठन किया है. बताया जाता है कि इस प्रकार के मुआवजे के निर्धारण के लिए देश में किसी भी राज्य में यह पहला निर्णय है. अब तक किसी अन्य राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण प्राण गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मदद करने की दृष्टि से कोई घोषणा नहीं की गई है।

अप्रेल और मई माह के आरंभ में ऑक्सीजन की कमी के कारण देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां बड़ी संख्या में मरीजों की जान गई थी.  इनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों के नाम शामिल हैं। इन प्रदेशों की सरकारों ने अब तक इस मामले में कोई पहल नहीं की है।

मीडिया की खबरों के अनुसार अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में ऐसे परिवारों का चयन करने के लिए 6 डॉक्टरों की समिति का गठन किया है. उक्त समिति मुआवजा देने के आधार निर्धारित करेगी जबकि अधिकतम ₹5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. कमेटी उन सभी शिकायतों पर विचार करेगी जो इस प्रकार के दावे के साथ अपना आवेदन करेंगे. यह समिति सप्ताह में दो बार बैठक करेगी.

बताया जाता है कि कमेटी के सदस्य उन अस्पतालों का भी दौरा करेंगे जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की जान जाने की घटना सामने आई थी. कमेटी के सदस्य उन अस्पतालों के प्रबंधन एवं डॉक्टरों से भी पूछताछ करेगी. अस्पताल में ऑक्सीजन का प्रबंधन सही था या नहीं इस पर भी गौर करेगी. अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए प्रबंधन की ओर से क्या कदम उठाए गए थे इसकी भी जांच होगी. समिति अस्पतालों में ऑक्सीजन संबंधी स्टाक मेंटेन करने वाले रिकॉर्ड भी खंगालेगी।

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