चंडीगढ़ : हरियाणा में अब तक ब्लैक फंगस या न्यूकोरमाइकोसिस के 115 मामले सामने आए हैं. इस खतरनाक बीमारी से ग्रस्त लोगों के इलाज की दृष्टि से विशेष तौर पर मेडिकल कॉलेज में 20 -20 बेड निर्धारित किए गए हैं. सभी जिले के सिविल हॉस्पिटल को इस प्रकार के केस को मेडिकल कॉलेज में ट्रीटमेंट के लिए रेफर करने का निर्देश दिया गया है जहां इस बीमारी का इलाज विशेषज्ञों द्वारा किया जाना संभव हो सकेगा।
यह जानकारी प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है जो एंफोटरइसिन- बी इंजेक्शन के वितरण का निर्णय लेगी जिसका उपयोग ब्लैक फंगस बीमारी का इलाज करने में किया जाता है. यह इंजेक्शन सरकारी हॉस्पिटल्स सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए मरीजों को निशुल्क दिए जाएंगे .
उन्होंने मिडिया बताया कि सभी मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के लिए 20-20 बेड के वार्ड तैयार किए गए हैं। सभी सिविल अस्पतालों से कहा गया है कि उनके पास ब्लैक फंगस का कोई भी मामला आता है तो वे उसे मेडिकल कॉलेज में भेज दे. वहां पर ब्लैक फंगस की सारी सुविधाएं प्रदान की जा रही है:
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम केंद्र सरकार के लगातार संपर्क में हैं कि हमें ऑक्सीजन की मात्र और बढ़ाई जाए। हमने अपने ऑक्सीजन का ऑडिट करके केंद्र सरकार को भेजा है। अभी जो मिल रहा है हम उसमें अपना गुजारा कर रहे हैं लेकिन अगर हमें और बेड बढ़ाना है तो और ऑक्सीजन की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट आ रही है। राज्य में सक्रिय मामले 1,16,000 के करीब थे जो अब घटकर 96,000 हो गए हैं। प्रतिदिन आने वाले नए मरीजों की संख्या 15,000 के पास थी जो अब घटकर 9,600 पर आ गई है.
उन्होंने कहा कि सभी गांव में हम कोरोना केयर सेंटर बना रहे हैं। हमने पांच लोगों की टीम बनाई है, जो घर-घर जाएगी और लोगों का चेकअप करेगी। अगर किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका कोरोना टेस्ट किया जाएगा.