110 कैडेट चिकित्सा अधिकारी के रूप में सशस्त्र बल मेडिकल सेवा में शामिल किये गए

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नई दिल्ली। सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) के 55वें (सी3) बैच की 21 महिला कैडेट्स समेत 110 मेडिकल कैडेट्स को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) में चिकित्सा अधिकारी के रूप में कमीशन प्रदान किया गया है। मेडिकल कैडेट्स को एएफएमसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल नरदीप नैथानी ने 15 मई, 2021 को एएफएमसी में एक संक्षिप्त समारोह में कमीशन किया। 94 कैडेटों को भारतीय सेना, 10 को भारतीय वायु सेना में और छह कैडेट्स को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया। कमीशन किए गए चिकित्सा अधिकारियों को एएफएमसी के कर्नल प्रशिक्षण, कर्नल ए के शाक्य द्वारा भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई गई। कोविड-19 से उत्पन्न हालात के मद्देनजर इस बार 1982 के बाद से पहली बार पासिंग आउट परेड का आयोजन नहीं किया गया।

अपने कमीशनिंग संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल नैथानी ने नए कमीशंड अधिकारियों को एएफएमएस में शामिल होने के लिए बधाई दी जो कि देश का बेहतरीन एकीकृत चिकित्सा संगठन है। उन्होंने इन विद्यार्थियों की सफलता के लिए उनके अभिभावकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सी3 बैच को 2016 में एएफएमसी में प्रवेश करने वाला एक ऐसा पूरा बैच होने का अनूठा गौरव प्राप्त है जिसने 100 प्रतिशत सफलता के साथ एक साथ स्नातक उत्तीर्ण किया है, जो कि अपने आप में एएफएमसी के शिक्षकों के प्रति सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। कमांडेंट ने स्नातक होने वाले बैच को याद दिलाया कि वे ऐसे समय में चिकित्सा के पेशे से जुड़ रहे हैं जब देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि वे रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए एएफएमसी में प्राप्त अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करें क्योंकि वे कोविड योद्धाओं के रूप में कोविड-19 के विरुद्ध राष्ट्र की लड़ाई में शामिल हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरदीप नैथानी ने विश्वास व्यक्त किया कि अकादमिक कठोरता और प्रशिक्षण को देखते हुए नए कमीशन प्राप्त चिकित्सा अधिकारी हमेशा सैन्य डॉक्टरों से अपेक्षित किए जाने वाले उच्चतम मानकों पर खरा उतरेंगे।

एएफएमसी के इस स्नातक बैच को कमीशन किए जाने की अवधि पहले के चार से पांच सप्ताह के मुकाबले केवल दो सप्ताह कर दी गई है। इन दो हफ्तों का उपयोग पूरी तरह से इन युवा डॉक्टरों को कोविड केयर सेटिंग्स में काम करने के लिए विशेष रूप से तैयार करने के लिए गहन प्रशिक्षण देने के लिए किया गया है। मेडिकल कैडेट्स ने अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) सर्टिफाइड कोर्स इन बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) और एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट (एसीएलएस) को भी पूरा किया है। कमीशन प्राप्त चिकित्सा अधिकारी देश भर के 31 एएफएमएस अस्पतालों में प्रशिक्षु के रूप में शामिल होने के लिए फौरन रवाना होंगे, जिन्हें सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ-साथ नागरिकों की कोविड देखभाल के लिए भी नामित किया गया है।

लेफ्टिनेंट जनरल नरदीप नैथानी, जो कि स्वयं कॉलेज के 17वें (क्यू) बैच के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र रहे हैं, ने शिक्षाविदों में उत्कृष्ट उपलब्धियों और सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए मेडिकल कैडेट्स को ट्राफियां, पदक और पुरस्कार भी प्रदान किए। सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड ग्रेजुएशन कैडेट के साथ-साथ एमबीबीएस कोर्स के दौरान सर्वश्रेष्ठ अकादमिक रिकॉर्ड हेतु मेडिकल कैडेट विनीता रेड्डी को कलिंग ट्रॉफी और डीजीएएफएमएस गोल्ड मेडल हेतु राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। मेडिकल कैडेट सुयश सिंह, जो कॉलेज कैडेट कैप्टेन भी थे, ने दूसरे स्थान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मेजर जनरल एनडीपी करणी ट्राफी प्राप्त की। मेडिकल कैडेट निकिता दत्ता को एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा में टॉप करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल थापर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया ।

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