सर्वाधिक कोरोना प्रकोप वाले क्षेत्रों को पीएचसी वार 27 भागों में विभाजित कर 165 कन्टेनमेंट ज़ोन बनाये गए

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 गुरुग्राम, 13 मई  । गुरुग्राम ज़िला में कोरोना संक्रमण को और बढ़ने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों की सूची जारी करते हुए उनमें प्रभावी प्रबंधन के आदेश जारी किए गए हैं। अब इन क्षेत्रों में कंटेनमेंट के नियम सख्ती से लागू किए जाएंगे और अवहेलना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा भारतीय दंड संहिता 1860 के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।जिलाधीश डॉक्टर यश गर्ग  द्वारा जारी किए गए इन आदेशों में कोरोना के बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों अर्थात जिनमें कोरोना के पॉजिटिव केसों की संख्या ज्यादा है,  उन क्षेत्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वार 27  भागों में बांटा गया है ताकि उनका प्रबंधन ठीक से हो सके।

आदेशों के साथ संलग्न सूची के अनुसार बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों में 165 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। सबसे ज्यादा 26 कंटेनमेंट जोन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तिगरा के क्षेत्र में है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दौलताबाद, नाहरपुर रूपा, खांडसा और मंदपुरा के क्षेत्रों में सबसे कम एक-एक कंटेनमेंट जोन है। सूची के अनुसार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंद्रलोक के क्षेत्र में 19, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पटेल नगर के क्षेत्र में 15, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नाथूपुर के क्षेत्र में 14 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बादशाहपुर व चौमा के क्षेत्रों में 9- 9 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

स्वास्थ्य केंद्र फिरोज गांधी कॉलोनी, कासन और वजीराबाद में 7–7 कंटेनमेंट जोन बने हैं जबकि राजीव नगर, भांगरोला, फाजिलपुर स्वास्थ्य केंद्रों के क्षेत्रों में 6- 6 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। राजेंद्रा पार्क और भोड़ा कला स्वास्थ्य केंद्रों के क्षेत्रों में 5–5 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।इन लार्ज आउटब्रेक रीजन अर्थात बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों के लिए जिलाधीश द्वारा विस्तृत प्रबंधन प्लान तैयार कर के उसे कड़ाई से लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं।

इस प्रबंधन प्लान के अनुसार चिन्हित किए गए क्षेत्रों में आवागमन पर उचित प्रतिबंध रहेगा, सभी लोगों के स्वास्थ्य की डोर टू डोर स्क्रीनिंग होगी लेकिन ऐसा करते समय यह भी ध्यान रखा गया है कि इन क्षेत्रों में आदेशों का सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों पर कम से कम प्रतिकूल प्रभाव पड़े, इसके लिए जिलाधीश द्वारा अधिकारियों की ड्यूटियां भी लगाई गई हैं।

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