गुरुग्राम के अस्पतालों के नाम पर ऑक्सीजन की कालाबाजारी कौन कर रहा है ?

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सुभाष चौधरी

गुरुग्राम: गुरुग्राम में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के रिफिलिंग सेंटर पर गुरुग्राम जिला से बाहर के हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम्स ऑक्सीजन लेने की अवैध कोशिश कर रहे हैं . इसके कारण ही गुरुग्राम के रजिस्टर्ड हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम को ऑक्सीजन की किल्लत झेलनी पड़ रही है. इस पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने जिला के बाहर के अस्पतालों को ऑक्सीजन देने पर रोक लगा दी है. उन्होंने आदेश जारी कर संबंधित एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और गुरुग्राम पुलिस के अधिकारियों को इस महामारी के दौरान भी अनैतिक तरीके से ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर मोटी कमाई करने वाले अस्पतालों पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। आदेश में यह साफ कर दिया गया है कि गुरुग्राम के ऑक्सीजन आपूर्ति सेंटर से केबल उन्हीं हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को ऑक्सीजन दिए जाएंगे जो प्रतिदिन हरियाणा सरकार की वेबसाइट पर शाम 5:00 बजे तक अपने अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और उपलब्ध बेड एवं ऑक्सीजन की आवश्यकता की पूरी जानकारी अपलोड करेंगे। आपूर्ति केंद्र की गतिविधि को मोनिटर करने के लिए एचसीएस अधिकारी प्रदीप अहलावत को नोडल अधिकारी बनाया गया है.


नगर निगम कमिश्नर की ओर से यह आदेश गुरुग्राम जिला के नोडल अधिकारी व एडीशनल चीफ सेक्रेट्री टी सी गुप्ता के निर्देश पर जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि गुरुग्राम में पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है. इसके कारण यहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता भी अपेक्षा से अधिक बढ़ गई है। ऐसे में सरकार ने ऐसे सभी हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को जिन्होंने कोरोना मरीजों के लिए वेड आवंटित किए हैं अपनी पूरी जानकारी सहित हरियाणा सरकार के पोर्टल covidharyana.in पर प्रतिदिन शाम 5:00 बजे तक पंजीकृत करना होगा. अगर गुरुग्राम जिला की सीमा में संचालित होने वाले हॉस्पिटल या नर्सिंग होम्स भी प्रतिदिन अपने यहां उपलब्ध वेड और मरीजों के इलाज व ऑक्सीजन की आवश्यकता संबंधी जानकारी अपडेट नहीं करेंगे तो उन्हें भी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की जाएगी।

निगम आयुक्त के आदेश में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है की गुरुग्राम से बाहर के भी हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम्स की गाड़ियां ऑक्सीजन आपूर्ति केंद्र पर आकर अनावश्यक ऑक्सीजन के लिए दबाव बना रहे हैं. इससे गुरुग्राम के अस्पतालों को भी ऑक्सीजन मुहैया कराने में कठिनाई हो रही है। आशंका व्यक्त की गई है कि गुरुग्राम से बाहर के हॉस्पिटल की गाड़ियां गुरुग्राम के हॉस्पिटल के नाम पर ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने में जुट गए हैं। ऐसे वाहन दावा कर रहे हैं कि वे गुरुग्राम के अस्पतालों को ही आपूर्ति कर आरहे हैं लेकिन प्रशासन को आशंका है कि ये कोविड के नाम पर पैसे कमाने में जुट गये हैं हैं. इससे निबटने के लिए निगमायुक्त ने संबंधित एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और आपूर्ति केंद्र पर तैनात पुलिस अधिकारी को इन वाहनों से निबटने का सख्त निर्देश दिया है। अब बाहर से आने वाली गाड़ियों में ऑक्सीजन की आपूर्ति किसी भी कीमत पर नहीं की जाएगी।

निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह ने एचसीएस अधिकारी प्रदीप अहलावत को ऑक्सीजन आपूर्ति संबंधी सभी व्यवस्था को मॉनिटर करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। उनके साथ कई और अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। उन्हें गुरुग्राम के पंजीकृत हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को ही आवंटन/ टोकन के अनुसार ऑक्सीजन वितरित करने का आदेश दिया गया है।

ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले अस्पताल और नर्सिंग होम्स को किसी भी स्थिति में ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराने का आदेश दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने तीन दिन पूर्व ही गुरुग्राम के अस्पतालों की आवश्यकता का आकलन करते हुए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा कर 35 एमटी क्र दिया था. बावजूद इसके यहाँ ऑक्सीजन की कमी का रोना रोकर अस्पताल प्रबंधन लोगों को सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं. इससे जन सामान्य को लगता है कि सरकार या प्रशासन व्यवस्था नहीं कर पा रहा है. धारणा इस प्रकार की बन रही है कि ऑक्सीजन के कारण लोगों की जान जा रही है. वास्तविकता यह है कि गुरुग्राम के अस्पतालों को अगर ऑक्सीजन की किल्लत झेलनी पद रही है तो वह जिला से बाहर के अस्पतालों की आने वाली गाड़ियों के कारण.

कई बार गुरुग्राम के अस्पताल भी मरीजों के रिश्तेदारों को ऑक्सीजन नहीं होने की झूठी सूचना देकर प्रशासन के खिलाफ भड़का रहे हैं. इस तरह की घटना कुरुक्षेत्र में भी देखने को मिली है. पुलिस उसकी जाँच कर रही है.

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