Font Size
गुरुग्राम। मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज एक्शन मोड में प्रदेश में स्थित ऑक्सिजन संयंत्रों का दौरा करने उपरांत पहुंचे गुरुग्राम
- गुरुग्राम पहुंचने के बाद उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजीव अरोड़ा तथा चंडीगढ़ के उच्चाधिकारियों के साथ प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई, इंजेक्शन रेमडेसीविर की उपलब्धता व बेड आदि की व्यवस्थाओं सहित कोविड की स्थिति का लिया जायजा
- प्रदेश में कोविड की स्थिति और व्यवस्थाओं पर निगरानी के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय पर बनाया गया सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम
- कंट्रोल रूम का इंचार्ज प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार को बनाया गया जहाँ से सभी उपायुक्तों के साथ रखा जाएगा तालमेल
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को 162 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की एलोकेशन केंद्र सरकार से हुई है, उसका प्रदेश में प्राथमिकता तय करके जिलों में किया जाएगा सही ढंग से वितरण
- मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे केंद्र सरकार से बात करके प्रदेश के लिए ऑक्सीजन की एलोकेशन बढ़वाने का करेंगे प्रयास
- डायरेक्टर एम एस एम ई और डायरेक्टर इंडस्ट्रीज को निर्देश दिए गए हैं कि वे इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन प्लांट से उद्योगों के लिए तैयार होने वाली ऑक्सीजन को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन में कन्वर्ट करके देना सुनिश्चित करेंगे ताकि मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी ना रहे
- ऑक्सीजन के सही वितरण की व्यवस्था के लिए हर जिला में ड्रग कंट्रोल ऑफिसर को दी गई जिम्मेदारी
- मुख्यमंत्री ने कोविड मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड तथा दवाएं उपलब्ध करवाने पर दिया जोर और कहा कि रेमडेसीविर इंजेक्शन और जरूरी दवाएं जहां से भी हम मंगवा सकते हैं मंगवाए
- बताया गया कि गुरुग्राम में मेदांता और एम3एम के बीच हुआ है तालमेल, खाली फ्लैटों में ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड की व्यवस्था की जाएगी, जहां पर मेदांता अस्पताल से स्टेप डाउन मरीजों अर्थात कम गंभीर मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा, इस प्रकार मेदांता में उपलब्ध होंगे 300 से 400 और मरीजों को बेड
- यह भी बताया गया कि हिसार और पानीपत में भी अस्थाई कोविड अस्पतालों की व्यवस्था की जा रही है, आज दौरे में मुख्यमंत्री ने इन अस्पतालों की जगहों का किया मौका मुआयना
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था करने पर भी हुआ विचार, मुख्यमंत्री ने कहा- जहां से भी मिलें, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था हमें कर लेनी चाहिए।
- कोविड मरीजों के इलाज में कोई कमी ना रहे, इसके लिए पीजीआईएमएस रोहतक के चौथे और पांचवें साल की परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों के अलावा एमडी और एमएस करने वाले विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाएगा
- इन चिकित्सकों को रेशनेलाइज करके स्वास्थ्य विभाग तथा प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त डॉक्टर भेजे जाएंगे।
—–//—