जिला स्तरीय क्लियरेंस कमेटी ने 22 मामले में से 11 को कंसेंट व एनओसी जारी किया

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गुरुग्राम, 15 मार्च। उपायुक्त डा0 यश गर्ग ने आज गुरुग्राम् के उद्यमियों की समस्याएं सुनी और मौके पर अधिकारियों को उनके निवारण के आदेश दिए। वे आज गुरूग्राम के सैक्टर-14 स्थित जीआईए हाउस में उद्योगों के लिए ईज आॅफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित जिला स्तरीय क्लीरेंस कमेटी तथा जिला स्तरीय ग्रीवेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

डा. गर्ग ने इस मौके पर कहा कि अगली बार से आवेदक उद्यमियों को भी इस बैठक में बुलाया जाएगा ताकि वे अपना पक्ष सही ढंग से रख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन आवेदकों के सभी दस्तावेज पूरे हैं, उनको निर्धारित समय अवधि में एनओसी अथवा कंसेंट जारी की जाए।

डा. गर्ग ने कहा कि ऐसे मामलों का अगली बैठक तक निपटारा कर दिया जाए अन्यथा वे डीम्ड क्लीयरेंस जारी करवा देंगे और इसके लिए स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी। आज की बैठक में एनओसी और कंसेंट प्राप्त करने के लिए रखे गए 22 मामलों में से 11 को कंसेंट तथा एनओसी जारी कर दी गई है। यह जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी की 43वीं बैठक थी।


उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्यमियों को बेहत्तर औद्योगिक माहौल उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और हमें भी इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। औद्योगिक क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए।
इस बैठक में उपायुक्त ने बताया कि उद्यमियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने हरियाणा इन्टरप्रैन्योर प्रोमोशन काउंसिल(एचईपीसी)पोर्टल शुरू किया हुआ है जिस पर उद्योग लगाने या पहले से लगे उद्योगों का विस्तार करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों से ली जाने वाली कन्सेंट अथवा एनओसी प्राप्त करने के लिए सिंगल विंडो पर अप्लाई किया जा सकता है। इस पोर्टल पर आने वाले आवेदन संबंधित विभाग को भेजे जाते हैं और कंसेंट तथा एनओसी की प्रक्र्रिया पूरी करने के बाद संबंधित उद्यमी को एक निर्धारित समय अवधि में दस्तावेज दे दिए जाते हैं।

बैठक में उपस्थित जिला उद्योग केन्द्र के संयुक्त निदेशक राजेश कुमार खेड़ा ने बताया कि अब राज्य सरकार ने पोर्टल पर मिलने वाले आवेदनो के लिए अधिकतम 45 दिन की सीमा तय कर दी है। इसका तात्पर्य यह है कि 45 दिन में यदि कोई विभाग आवेदन पर कार्यवाही नही करता है तो उद्यमी को डीम्ड क्लीरेंस मिल जाएगी और उसे कंसेंट या एनओसी के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नही है और संबंधित विभाग के अधिकारी की देरी के लिए जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। इन 45 दिनों की अवधि में उद्यमी से दस्तावेज पूरे करवाने आदि का भी समय शामिल हैं। डीम्ड क्लीयरेंस मिलने के बाद संबंधित उद्यमी पोर्टल से उसकी काॅपी निकालकर अपनी आगे की कार्यवाही कर सकता है।


बैठक में यह भी बताया गया कि 1 नवंबर 2020 से लेकर 30 अप्रैल 2021 की अवधि के दौरान जितनी भी सर्विसेज उद्यमियों को दी गई हैं, उसके बारे में उनसे 1 मई से 30 जून 2021 तक डीआईपीपी द्वारा फोन पर फीडबैक लिया जाएगा। श्री खेड़ा ने सभी उद्यमियों से आग्रह किया कि वे इस दौरान अपना मोबाइल फोन पर आने वाली काॅल को जरूर उठाएं और अपने अनुभव सांझे करें। हरियाणा की पूरे देश में ईज आॅफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में उनकी फीडबैक अथवा रिस्पांस के भी अंक होते हैं।


इस अवसर पर उद्योग विहार इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन से अनिमेश सक्सेना व आर एस सिंह, एनसीआर चैंबर आफ इंडस्ट्रीज से एच पी यादव व अशोक कोहली, जीआईए के अध्यक्ष जे एम मंगला, सैक्टर-37 की इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन से के के गांधी, आईएमटी इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन से पवन यादव, मानेसर इंडस्ट्रीयल वैलफेयर एसोसिएशन से मनमोहन गैंड, हरियाणा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन से के के कपूर, उद्योग विहार इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन प्रवीन यादव, जिला उद्योग कंेद्र से आईएस यादव सहित बिजली निगम, श्रम विभाग, माइनिंग, एचएसआईआईडीसी के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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