गुरुग्राम जिला प्रशासन इस वर्ष 60 तालाबों का करेगा कायाकल्प : उपायुक्त डा. गर्ग

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  • कंपनियों के सीएसआर तथा ग्राम पंचायतों के सहयोग से होगा काम
  • हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के साथ हुई बैठक

  • गुरुग्राम, 15 मार्च। गुरुग्राम् के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने आज कहा कि गुरूग्राम जिला प्रशासन इस वर्ष में 60 तालाबों का कायाकल्प करेगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है।

  • डा. गर्ग आज अपने कार्यालय में हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ गुरूग्राम जिला में बेकार पडे़ तालाबों तथा जलाशयों के पुनद्र्धार को लेकर बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में गुरूग्राम जिला में जलाशयों का कायाकल्प करने के लिए गठित ‘गुरूजल सोसायटी‘ के सदस्य भी उपस्थित थे। इस मौके पर हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा भी उपस्थित थे।

  • बैठक में उपायुक्त डा. गर्ग ने बताया कि गुरूग्राम जिला प्रशासन पहले ही जलाशयों का कायाकल्प करने के कार्य में लगा हुआ है। प्रशासन ने जिला में 320 जलाशयों की पहचान की है, जिनका कायाकल्प चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इस वर्ष के दौरान इनमें से 60 तालाबांे अथवा जलाशयों का कायाकल्प किया जाएगा। इस कार्य में प्राधिकरण की भी मदद ली जाएगी और सभी तथ्य प्राधिकरण के साथ सांझे किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब तक जिला प्रशासन ने कंपनियों के सीएसआर तथा ग्राम पंचायतों के सहयोग से जिला के 6 तालाबों का कायाकल्प किया है जिनमें गांव हरचंदपुर, इकबालपुर, मौजाबाद, खेंटावास, भौंड़ाकलां तथा नवादा के तालाब अथवा जोहड़ शामिल हैं। इनके अलावा, 11 तालाबों अथवा जलाशयों का कायाकल्प करने का कार्य प्रगति पर है जिनमें गांव कासन, वजीरपुर, धर्मपुर, बुढे़ड़ा, दौलताबाद, हरियाहेड़ा, दौला, पालासोली, बिलासपुर, ताजनगर तथा भौंडसी के तालाब शामिल हैं।

  • डा. गर्ग ने बताया कि तालाब की जगह तथा उसमें भरे पानी की गुणवत्ता के अनुसार अलग-अलग तकनीक से कायाकल्प करने का कार्य किया जा रहा है। कायाकल्प करने के कार्य में पहले तालाब का पूरा पानी निकालकर उसे साफ किया जाता है, उसके बाद जरूरत अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाता है, पूरी जगह की लैंडस्केपिंग करके वहां पर पौधारोपण आदि का कार्य करवाकर पूरी जगह का सौंदर्यकरण किया जाता है ताकि उस क्षेत्र के लोग सुबह शाम वहां पर टहल भी सकें। प्राधिकरण के साथ विचार विमर्श के दौरान उपायुक्त डा. गर्ग ने गुरूग्राम जिला में एक्वेटिक प्लांट्स अर्थात् पानी में उगने वाले पौधों की नर्सरी तैयार करवाने का भरोसा दिलाया, जिससे गुरूग्राम व आसपास के जिलों की मांग को पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान में प्राधिकरण ने वन विभाग से ऐसी पौध तैयार करने का आग्रह किया है। डा. गर्ग ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन गुरूग्राम के अलावा, नगर निगम गुरूग्राम ने भी अपने क्षेत्र में 25 तालाबों की पहचान की है जिनका कायाकल्प नगर निगम करवाएगा। इनमें से चार तालाबों का नगर निगम कायाकल्प करवा भी चुका है जिनमें गांव सुखराली, कादीपुर, सरहौल तथा बसई के तालाब शामिल हैं और नगर निगम क्षेत्र में चार अन्य तालाबों की कायाकल्प करने का कार्य प्रगति पर है।

  • तालाबों के कायाकल्प के गुरूग्राम जिला प्रशासन के कार्यों की हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण ने सराहना करते हुए कहा कि जिला प्रशासन और नगर निगम इस कार्य को जारी रखे परंतु परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट प्राधिकरण के साथ सांझा करते रहें ताकि इस कार्य में लगी सभी ऐजेंसियां तालमेल के साथ समन्वित प्रयासों से काम कर सकें। प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के आदेशों के अनुसार प्राधिकरण तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य में तीन पहलुओं पर फोकस कर रहा है जिनमें तालाब में पानी की गुणवत्ता ऐसी हो जो मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त हो, तालाब का प्रयोग मवेशियों के लिए भी हो सके तथा उसके पानी का प्रयोग सूक्ष्म सिंचाई के लिए किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने पूरे प्रदेश में ऐसे 1969 तालाबों की पहचान की है जिनमें गंदा पानी भरा है और वह ओवर फलो हो रहा है। इनमें से 1890 तालाबों को तीन साल मंे ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल में प्रदेश में 682 तालाबों की कायाकल्प करने का लक्ष्य है जिनमें 9 तालाबों का काम पूरा भी हो चुका है।
  • उसमें भरे पानी की गुणवत्ता के अनुसार अलग-अलग तकनीक से कायाकल्प करने का कार्य किया जा रहा है। कायाकल्प करने के कार्य में पहले तालाब का पूरा पानी निकालकर उसे साफ किया जाता है, उसके बाद जरूरत अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाता है, पूरी जगह की लैंडस्केपिंग करके वहां पर पौधारोपण आदि का कार्य करवाकर पूरी जगह का सौंदर्यकरण किया जाता है ताकि उस क्षेत्र के लोग सुबह शाम वहां पर टहल भी सकें। प्राधिकरण के साथ विचार विमर्श के दौरान उपायुक्त डा. गर्ग ने गुरूग्राम जिला में एक्वेटिक प्लांट्स अर्थात् पानी में उगने वाले पौधों की नर्सरी तैयार करवाने का भरोसा दिलाया, जिससे गुरूग्राम व आसपास के जिलों की मांग को पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान में प्राधिकरण ने वन विभाग से ऐसी पौध तैयार करने का आग्रह किया है। डा. गर्ग ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन गुरूग्राम के अलावा, नगर निगम गुरूग्राम ने भी अपने क्षेत्र में 25 तालाबों की पहचान की है जिनका कायाकल्प नगर निगम करवाएगा। इनमें से चार तालाबों का नगर निगम कायाकल्प करवा भी चुका है जिनमें गांव सुखराली, कादीपुर, सरहौल तथा बसई के तालाब शामिल हैं और नगर निगम क्षेत्र में चार अन्य तालाबों की कायाकल्प करने का कार्य प्रगति पर है।

  • तालाबों के कायाकल्प के गुरूग्राम जिला प्रशासन के कार्यों की हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण ने सराहना करते हुए कहा कि जिला प्रशासन और नगर निगम इस कार्य को जारी रखे परंतु परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट प्राधिकरण के साथ सांझा करते रहें ताकि इस कार्य में लगी सभी ऐजेंसियां तालमेल के साथ समन्वित प्रयासों से काम कर सकें। प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के आदेशों के अनुसार प्राधिकरण तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य में तीन पहलुओं पर फोकस कर रहा है जिनमें तालाब में पानी की गुणवत्ता ऐसी हो जो मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त हो, तालाब का प्रयोग मवेशियों के लिए भी हो सके तथा उसके पानी का प्रयोग सूक्ष्म सिंचाई के लिए किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने पूरे प्रदेश में ऐसे 1969 तालाबों की पहचान की है जिनमें गंदा पानी भरा है और वह ओवर फलो हो रहा है। इनमें से 1890 तालाबों को तीन साल मंे ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल में प्रदेश में 682 तालाबों की कायाकल्प करने का लक्ष्य है जिनमें 9 तालाबों का काम पूरा भी हो चुका है।

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