छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए 392 हवाई मार्गों का दिया प्रस्ताव

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नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘आजादी का अमृत महोत्सव (इंडिया @ 75)’ के मद्देनजर नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने उड़ान 4.1 बोली प्रक्रिया के तहत लगभग 392 मार्गों का प्रस्ताव दिया है। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) – उड़े देश का आम नागरीक (उड़ान) देश में हवाई यात्रा को सस्ती और व्यापक बनाने के लिए परिकल्पित नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य देश भर में समावेशी राष्ट्रीय आर्थिक विकास, रोजगार के अवसर और हवाई परिवहन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देना है। अब तक, उड़ान योजना के तहत 5 हेलिपोर्ट्स और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 325 मार्गों और 56 हवाई अड्डों का परिचालन सुनिश्चित किया गया है।

उड़ान 4.1 दौर विशेष हेलीकॉप्टर एवं सीप्लेन मार्गों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने पर केंद्रित है। इनके अलावा, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के परामर्श से सागरमाला विमान सेवा के तहत कुछ नए मार्गों का प्रस्ताव किया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव श्रीमती उषा पाधी ने कहा, ‘बोली प्रक्रिया के चार सफल दौर के बाद उड़ान 4.1 के विशेष बोली दौर के तहत प्राथमिकता वाले उन मार्गों के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं जो अब तक उड़ान के तहत कवर नहीं किए गए हैं। इस बोली के दौर में उन मार्गों को भी शामिल किया गया है जिनके लिए विशेष तौर पर राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों ने आग्रह किया है। इसके अलावा कुछ ऐसे मार्ग भी शामिल हैं जिन्‍हें पहले से रद्द/ समाप्त कर दिया गया था। इन क्षेत्रीय मार्गों की अनिवार्यता और महत्‍व के साथ-साथ हमने कई टियर-2 और टियर-3 उड़ान मार्गों पर जबरदस्‍त मांग देखी है। हम अपने देश को सबसे मजबूत हवाई संपर्क नेटवर्क से लैस करना चाहते हैं।’

छोटे शहरों/ हवाई पट्टियों को जोड़ने के लिए उपयुक्त परिचालन मॉडल सुनिश्चित करने के लिए उड़ान 4.1 के तहत विमानन कंपनियों को कुछ परिचालन रियायत प्रदान की गई है। इसके अलावा  एनएसओपी के तहत सीप्लेन, फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट के परिचालन की अनुमति दी जाएगी। साथ ही उड़ान 4.1 के तहत आवंटित आरसीएस मार्गों के लिए हेलीकॉप्टरों को परिचालन की अनुमति दी जाएगी।

इच्‍छुक विमानन कंपनियों से बोलियां आमंत्रित करते हुए बोली दस्तावेज को नेशनल इन्‍फॉर्मेटिक्‍स सेंटर के सेंट्रल प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर अपलोड किया गया है। बोली की प्रक्रिया 6 सप्‍ताह में पूरी होने की उम्मीद है।

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