” आधुनिकता वस्त्रों में नहीं, सकारात्मक विचारों में होनी चाहिए”

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बच्चों को भारतीय परम्पराओं से परिचय कराती हैं रितु गोयल 

 

13-dec-23-aगुरुग्राम : देशी परंपरा को अपनाकर आज के नौजवान अंजान दिशा में चल रहे हैं । इस विषय को ध्यान में रखते हुए समाज सेवी रितु गोयल गुरूग्राम के स्कूलों में जाकर भारतीय संस्कृति व परंपराओं से किशोरों को अवगत करा रही है। प्रत्येक स्कूल में किशोर-किशोरियों से बात करती हैं उन्हें आजादी का मतलब समझाते हुए बताती हैं कि आधुनिकता वस्त्रों में नहीं, सकारात्मक विचारों में होनी चाहिए ।

 

उदाहरण देते हुए किशोरियों को अपने आस-पास की बस्तियों में जाकर निशुल्क भाव से अपने से छोटों को पढ़ाना ,सुंदर लेखन करना,मेहंदी लगाना,पेंटिंग,ड्रॉइंग का अभ्यास करना व कराना दोनों के लिए प्रेरित करती हैं। जिससे समय आने पर खुद में निपुणता आ जाए.  यह स्वावलंबन बनने में बड़ा सहयोगी सिद्ध होगा। उन्हें यह इससे जोड़ कर बताती है कि किशोरियों को सम्मान की आवश्यकता है ना कि अधिकारों की। इसके साथ-साथ  तीन बातों ( स्वस्थ , संपन्न , स्वावलंबन) समरथ किशोरी के विषय को विस्तार में समझाते हुए संपूर्ण महिला स्वरूप का उदाहरण बनने को प्रेरित करती हैं।

 

नारी सम्मान:हमारा तो इतिहास गवाह है हमारी भूमि पर नारियों को श्रेष्ठ श्रेणी का दर्जा देते हुए उन्हें सम्मान व पूजा जाता है। रितु गोयल ने बताया कि नारी ही पूरे जीवन का आधार है।इस को सब को समझना आवश्यक है ।किशोरियां भी विश्वास दिलाती है कि वह इस कार्य को समझ कर अपने अपने क्षेत्र में इसकी चर्चा करेंगी। प्रार्थना और ध्यान के माध्यम से स्वयं को तनावमुक्त महसूस करेंगे। मनुष्य को किसी भी परिस्थिति में नहीं घबराना चाहिए ना ही अपने कर्तव्य से मुंह मोड़ना चाहिए । अभी तक तकरीबन 80 स्कूल 85000 बच्चों के सामने रितु गोयल अपना यह विषय रख चुकी हैं।

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