गुरुग्राम, 30 जनवरी। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज कहा कि आबकारी एवं कराधान तथा राजस्व विभाग के अधिकारीगण हरियाणा की आर्थिक उन्नति को गति देने का काम करें। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण सबसे पहले राज्य के बारे में सोचें।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आज गुरुग्राम के सेक्टर 18 स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में नवनियुक्त 46 आबकारी एवं कराधान तथा 19 राजस्व अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आबकारी एवं कराधान तथा राजस्व विभाग, दोनों ही विभाग सरकार की रीढ़ माने जाते हैं क्योंकि ये दोनों विभाग सरकार को राजस्व अर्जित करके देते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा आज पूरे भारतवर्ष में तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य है। आबकारी एवं कराधान विभाग का जिक्र करते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोविड-19 से पहले इस विभाग का चालू वित्त वर्ष के लिए 40000 करोड रुपए राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया था। कोविड-19 के बावजूद विभाग इस लक्ष्य को प्राप्त करने के नजदीक है। गत 27 जनवरी तक विभाग ने 35 हज़ार करोड रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित कर लिया है। अभी लगभग 2 महीने का और समय बचा है जिसमें उन्हें आशा है कि दिया गया लक्ष्य प्राप्त हो जाएगा।
इस उपलब्धि के लिए उपमुख्यमंत्री श्री चौटाला ने आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाई और कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत की है। साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी गण राजस्व अर्जित करने के नए उपायों पर मंथन करें । उदाहरण के तौर पर ई-कॉमर्स कंपनियों से बेहतर राजस्व प्राप्त करने के लिए अधिकारीगण विचार करें। इस प्रकार के नए काम करना वास्तव में कठिन है। उन्होंने यह भी कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग में श्रेष्ठ इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए हमें दिन रात मेहनत करनी होगी।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक आबकारी एवं कराधान विभाग के कार्यालयों में इंटरनेट सुविधा तथा सिस्टम में बेहतरी की जाएगी। अभी जीएसटी के मॉडल-एक सॉफ्टवेयर पर काम हो रहा है और जल्द ही जीएसटी का मॉडल- दो सॉफ्टवेयर शुरू हो जाएगा जिस पर नवनियुक्त अधिकारियों को काम करना होगा। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में भी सरकार ने कई नई पहल शुरू की हैं। पूरे प्रदेश में स्वामित्व योजना के अंतर्गत भू-संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य की सराहना प्रधानमंत्री ने भी की है और इसे देश के 8 राज्यों में लागू किया है। उन्होंने कहा कि आम जनता की सुविधा के लिए हमने राजस्व विभाग में कई नए बदलाव किए हैं। उदाहरण के तौर पर भूमि या प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सुविधा शुरू की गई है। अब इस कार्य के लिए बाबुओं के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी गण अपने राज्य को उन्नति के शिखर पर ले जाने के लिए कठिन परिश्रम करें और अपनी तरफ से श्रेष्ठ देने का प्रयास करें। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण पत्र भी वितरित किए। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को हिपा गुरुग्राम में दिए गए प्रशिक्षण की यात्रा पर आधारित स्मारिका का भी विमोचन किया।
इससे पहले, हिपा गुरुग्राम की महानिदेशक सुरीना राजन ने उप मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए बताया कि एक साल पहले हरियाणा के 166 एचसीएस एग्जीक्यूटिव तथा अलाइड सेवाओं के अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था जिसका आज समापन हुआ है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने नवनियुक्त अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का दायित्व हिपा गुरुग्राम को दिया था ताकि ये अधिकारी अपने उत्तरदायित्वों और कर्तव्यों को समझते हुए फील्ड में आम जनता को बेहतर सेवाएं दे सकें।
इस मौके पर आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी ने भी नवनियुक्त अधिकारियों को बेहतर सेवा करने के लिए सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारीगण अपने आंख, कान खुले रखें और मुंह बंद रखें। सेवा के दौरान बहुत सारे मुद्दे आएंगे लेकिन अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें इसलिए अभ्यास करते रहें और हर परिस्थिति में अपने आप को खुश रखने की कोशिश करें। अपनी हॉबी जारी रखें।
कार्यक्रम के अंत में उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त दलबीर सिंह माथुर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम में 3 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण के दौरान के अपने अनुभव भी सांझा किए। इनमें धीरज, हरित चौधरी और कोमल सिंह शामिल थे।इस अवसर पर कोर्स डायरेक्टर एवं सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी प्रोफेसर के जी चौधरी, हिपा के अतिरिक्त निदेशक एमडी सिन्हा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी महेंद्र कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ एकता चोपड़ा, अतिरिक्त निदेशक रेखा, हिपा फैकल्टी से डॉक्टर राजवीर ढाका, डॉ अभय श्रीवास्तव, प्रोफेसर गुलाटी, अंशु तिवारी, सहित समस्त फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे।