बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे

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बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे 2

गुरुग्राम,24 जनवरी। बिजली संशोधन बिल 2020 को वापस कराने, ठेका कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन व डीए बहाली की मांग को लेकर 15 लाख बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। यह ऐलान रविवार को इलैक्ट्रिसिटी इंप्लाईज फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने महरौली रोड़ स्थित सबोर्डिनेट रेस्ट हाउस में एएचपीसी वर्कर यूनियन के बेनर तले आयोजित जोन स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए किया।

बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष सुरेश नौहरा, एएचपीसी वर्कर यूनियन की केन्द्रीय कमेटी के नेता रमेश चंद,सुदाम पाल, अशोक लांबा, शब्बीर अहमद गनी, मनोज जाखड़, सर्कल सचिव अशोक कुमार, रामचरण, सुशील शर्मा, बिजेंद्र फोगाट, राजेश शर्मा, रामनिवास आदि मौजूद थे। फैडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल को रद्द करवाने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया और केन्द्र सरकार से अड़ियल रवैए छोड़ कर कृषि कानूनों को रद्द कर आंदोलन को समाप्त करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिजली निजीकरण का संशोधन बिल 2020 पास हुआ तो सब्सिडी व क्रास सब्सिडी समाप्त हो जाएगी और बिजली किसान व गरीब उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।

इस बैठक में फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, रेवाड़ी व नारनौल सर्कलों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में 3 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए 25 जनवरी से सभी यूनिटों में जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया। बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर बिजली निगमों के कर्मचारियों की सभी यूनियनों से हड़ताल का समर्थन करते हुए शामिल होने का आग्रह किया।


इलैक्ट्रिसिटी इंप्लाईज फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बैठक में बोलते हुए कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020 अभी पास नही हुआ है। लेकिन इससे पहले ही केन्द्र सरकार ने स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट्स के माध्यम से चंडीगढ़ सहित केन्द्र शासित प्रदेशों में बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और उड़िसा में निजीकरण किया जा चुका है।

उन्होंने कहा  कि 3 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में केन्द्र शासित प्रदेशों और राज्य पावर युटिलिटीज में ट्रांसमिशन, वितरण व जनरेशन का केएसईबी व एचपीएसईबी की तरह एकीकृत करने, केन्द्र शासित प्रदेशों सहित राज्यों में जारी निजीकरण की प्रक्रिया पर तूरंत रोक लगाने, ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम समान वेतन देने सहित सेवा सुरक्षा प्रदान करने, एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल करने,प्री मेच्योर रिटायरमेंट के आदेश को वापस लेने,पावर सेक्टर में खाली पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भरने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। 


मीटिंग में कई पदाधिकारी मौजूद थे:-


जोन स्तरीय बैठक में बिजली कर्मचारी नेता अमरजीत हुड्डा, सच्चिदानंद,उमेद सिंह दलाल, विनोद कुमार, विजय पाल, मुकेश, सत्येन्द्र यादव, सत्यवान, नरेंद्र सौरोत, वेदपाल तेवतिया, राजकुमार डागर,सरजीत सौरोत,योगराज दीक्षित, लियाकत अली, रमेश तेवतिया, कृष्ण कुमार,दिनेश शर्मा,असरभ खान, सतीश छाबड़ी व करतार सिंह आदि मौजूद थे।

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