गौमाता चलता फिरता मंदिर है और गौसेवा किसी तीर्थ से कम नहीं : मोहित ग्रोवर

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गुरुग्राम : “गौमाता चलता फिरता मंदिर है और गौसेवा किसी तीर्थ से कम नहीं” उक्त विचार श्री गुड़गांव गौशाला सभा के115वें वार्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए युवा समाजसेवी मोहित मदनलाल ग्रोवर ने व्यक्त किया । उन्होंने इस आयोजन में उन्हें मिले सम्मान के लिए संस्था के सभी साद्स्यों का आभार जताया और वार्षिक उत्सव की बधाई दी.

गौमाता चलता फिरता मंदिर है और गौसेवा किसी तीर्थ से कम नहीं : मोहित ग्रोवर 2

उन्होंने कहा कि गौमाता की रक्षा करना मनुष्य का धर्म कर्तव्य है इसलिए हमें गौ माता की सेवा और रक्षा करनी चाहिए। मोहित ग्रोवर ने गौशाला सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने का आश्वासन देते हुए कहा कि जिस प्रकार मेरे पिता भी एक बहुत लम्बे अरसे से गौशाला, समाज कल्याण व 36 बिरादरी के दुःख-सुख में बढ़चढ़ कर शामिल होते रहे हैं, उसी प्रकार आपका यह बेटा, आपका भाई भी आप सभी की सेवा करेगा। उन्होंने कहा कि जो इंसान गौसेवा करता है वह इंसान 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा करता है।

आपके भरोसे को कभी टूटने नहीं दूंगा

मोहित ग्रोवर ने उपस्थित जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह आप सबका आशीर्वाद व प्यार ही था कि चुनाव में मुझ जैसे एक 26 वर्ष के नौजवान को पचास हजार वोट देकर जनता जनार्धन ने अपना भरोसा जताया, अगर मैं कहू की ये सब कुछ मैंने किया है तो ये गलत होगा, जब तक छतीस बिरादरी का आशीर्वाद आपके बेटे के पास नही होगा मैं अकेले कुछ नही कर सकता। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूँ, आपका भरोसा कभी टूटने नहीं दूंगा। जो परमात्मा ने बल, बुद्धि आपके बेटे को दी है, उस पूरी ताकत के साथ मैं हर पल समाज के लिए समर्पित हूँ। उन्होंने कहा कि लोग राजनीति में पैसा व पद कमाने आते हैं, ये आपका बेटा अपना पद, व्यापार छोड़कर इस समाज के लिए, गौमाता, गोशाला के लिए, समाज के हर वर्ग, 36 बिरादरी के लिए हर पल समर्पित रहेगा।

पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया

कार्यक्रम के समापन में गौशाला के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर गौशाला प्रधान सुरेंद्र सिंह यादव, महामंत्री ओम प्रकाश सहरावत, उपाध्यक्ष ओमपाल तंवर, सचिव अत्तर सिंह दहिया, कोषाध्यक्ष श्री महिपाल यादव, जगपाल कटारिया, महाबीर ठाकरान, डी.पी. कटारिया, बलजीत सहरावत (सुखराली), ईश्वर सिंह यादव, उमेद सिंह कटारिया, श्याम ठाकरान, वीरेंद्र ठाकरान, साधू राम गुप्ता, लक्ष्मी नारायण डाबला, नत्थू जी सरपंच इत्यादि अनेकों गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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