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- प्रथम चरण में 40 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को कवर करने का लक्ष्य
- 70 प्रतिशत से अधिक आबादी कवर होने तक सावधानी बरतना जारी रखें-डीसी
- वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं, बल्कि ऐच्छिक है
गुरुग्राम, 13 जनवरी। गुरूग्राम जिला में प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड वैक्सीन लगाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए आवश्यक वालेंटियर भी तैयार कर लिए गए हैं। प्रथम चरण में गुरुग्राम जिला में लगभग 40 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को यह वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह जानकारी आज गुरूग्राम के नवनियुक्त उपायुक्त डा. यश गर्ग ने लघु सचिवालय के प्रथम तल पर स्थित सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव, उपसिविल सर्जन डा. अनुज गर्ग तथा पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनिता भी उनके साथ उपस्थित थे।
कोविड वैक्सीनेशन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उपायुक्त डा. गर्ग ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर पोर्टल पर डाटा फीड किया हुआ है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के लिए प्राप्त होने वाली कोविड वैक्सीन आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल चण्डीगढ में प्राप्त करेंगे। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि भारत सरकार ने हरियाणा को कितनी वैक्सीन दी हैं और उनमें से गुरुग्राम को कितनी मिलेंगी। डा. गर्ग ने आशा जताई कि आज रात या कल वीरवार तक गुरुग्राम में वैक्सीन आ जाएंगी।
वैक्सीन को लेकर आम जनता में भ्रांतियों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने कहा कि जनता की भ्रांतियों को दूर करने के लिए सबसे पहले वे स्वयं वैक्सीन लगवाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नरेश त्रेहन, उप सिविल सर्जन डा. सुशीला कटारिया से भी वे यह वैक्सीन लगवाने का आग्रह करेंगे। साथ ही वे गुरूग्राम के नवनियुक्त उपायुक्त डा. यश गर्ग, जो स्वयं क्वालिफाइड डाक्टर हैं, से भी वैक्सीन लगवाने का अनुरोध करेंगे। इस पर मौके पर ही उपायुक्त डा. गर्ग ने हामी भर दी। सिविल सर्जन ने कहा कि इससे ज्यादा भ्रांति दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि वैक्सीनेशन का इतिहास सालो पुराना है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पहले चेचक, टीबी आदि बिमारियों से बहुत लोगों की मृत्यु हो जाती थी लेकिन जब से इन बिमारियों के वैक्सीन बने तो बचपन में ही टीके लगाए जाने लगे और अब ये बिमारियां देश से खत्म हो गई हैं। डा. गर्ग ने बताया कि वैक्सीन लगने से व्यक्ति में उस बीमारी के प्रति एंटी बाॅडिज विकसित होती हैं जो व्यक्ति के शरीर से बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर्ड इम्युनिटी विकसित होने से ही यह कोविड-19 बीमारी भी खत्म हो सकती हैं और हर्ड इम्युनिटी अधिकत्तर जनसंख्या में कोविड संक्रमण फैलने से विकसित हो सकती है या फिर वैक्सीन लगाने से।- उन्होंने कहा कि मानव जाति ने किसी भी बीमारी पर विजय पाई है तो वह वैक्सीन से संभव हुआ है, इसलिए कोविड वैक्सीन को लेकर किसी को भी भयभीत होने की जरूरत नही है। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि हो सकता है भविष्य में अन्य रोगो की तरह बचपन में या एक निश्चित अंतराल के बाद कोविड से बचाव के लिए यह वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम भी बन जाए। उपायुक्त ने जिला वासियों से अपील की है कि जब तक जिला की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को कोविड बचाव वैक्सीन ना लग जाए, तब तक सावधानी बरतें और कोविड प्रोटोकोल का पालन जारी रखें। इसमें फेसमास्क लगाना, अपने हाथो को साबुन से धोना या सैनेटाइज करना और एक-दूसरे के बीच 2 गज की दूरी बनाए रखना जरूरी है।
सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को प्रथम चरण के वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत वीडियों काॅन्फें्रसिंग से करेंगे। उन्हांेने बताया कि इस प्रथम चरण के लिए गुरूग्राम जिला में 161 सैंटर बनाए गए हैं। प्रत्येक संैटर पर हर रोज 100 स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड बचाव का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है, बाकि टीकाकरण वैक्सीन की डोज की संख्या पर निर्भर करेगा। उन्हांेने यह भी बताया कि टीका लगने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे तक सैंटर में ही आॅब्जर्वेशन में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि एक टीका लगने के 28 दिन बाद दूसरी डोज का टीका लगेगा। डा. यादव ने स्पष्ट किया कि टीका लगते ही व्यक्ति यह ना समझे कि अब उसे कोरोना नहीं होगा क्योंकि एंटी बाॅडिज विकसित होने में समय लगता है। उन्होंने कहा कि पहला टीका लगने के लगभग 42 दिन बाद एंटी बाॅडिज विकसित हो पाएंगी।
एक सवाल के जवाब में डा. यादव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए यह वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं है। यह पूर्ण रूप से ऐच्छिक है। उन्होंने कहा कि फिर भी व्यक्ति को अपनी स्वयं की कोरोना से सुरक्षा और अपने परिचितों व परिजनो की सुरक्षा के लिए यह वैक्सीन लगवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को यह वैक्सीन लगाया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में पुलिस, सिविल डिफेंस वाॅलेंटियर तथा अन्य अग्रणी पंक्ति में काम करने वाले कोरोना योद्धाओं को यह वैक्सीन लगेगा और उसके पश्चात 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को वैक्सीन लगाया जाएगा।