केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी सरकार की पोल खोल कर रख दी ! आंकड़ों के सहारे किये तीखे हमले

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सुभाष चौधरी

बीरभूम,(पश्चिम बंगाल) :  केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य के आर्थिक हालात बयां करने वाले आकडे के माध्यम से तीखा हमला बोला. उन्होंने बीरभूम में भाजपा राज्य इकाई की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में पश्चिम बंगाल की वास्तविक तस्वीर पेश करते हुए देश के अति पिछड़े राज्यों में से एक बताया. गृह मंत्री ने इस बदहाली के लिए तीन दशक तक रहे वामपंथी शासन और एक दशक से जारी टीएमसी शासन को जिम्मेदार ठहराया. उनका कहना था कि भारत के सबसे बड़े दल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर जानलेवा हमला केवल भाजपा के अध्यक्ष पर हमला नहीं है बल्कि बंगाल के अंदर लोकतंत्र की व्यवस्था पर हमला है। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी तृणमूल कांग्रेस की सरकार की और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की है.

केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने तीखे शब्दों का प्रयोग करते हुए आरोप लगाया कि टोलबाली, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, हिंसा, बंम धमाकों, कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में बंगाल नंबर एक है जबकि  किसानों की मासिक औसत आय के मामले में नाबार्ड का जो 2016-17 का सर्वे हुआ है, उसके हिसाब से 29 राज्यों में से बंगाल 23वें स्थान पर है. उनका कहना था कि ममता बनर्जी अब अपने भतीजे को बंगाल का मुख्यमंत्री बनवाना चाहती है. उन्हें अपने परिवार से बाहर किसी की चिंता नहीं है. बंगाल के किसानों को केंद्र सरकार की योजनाओं से वंचित रखा गया है.

उन्होंने बल देते हुए कहा कि  बंगाल को आगे ले जाने के लिए अब न कम्यूनिस्ट विकल्प है और  न तृणमूल कांग्रेस विकल्प है। उनका कहना था कि हमारा संकल्प है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम बंगाल को फिर से एक बार सोनार बांग्ला बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. कटाक्ष करते हुए कहा कि मां, माटी, मानुष का नारा लेकर चलने वाले अब टोलबाजी, तुष्टिकरण और तानाशाही में अटक कर रह गए हैं। एक पारिवारिक पार्टी बनकर टीएमसी रह गई है.

श्री शाह ने वर्तमान में पश्चिम बंगाल को विकास के मायने में अतिपिछडा करार दिया. उनके अनुसार बंगाल में शिक्षा क्षेत्र में 90% प्राथमिक स्कूलों में डेस्क नहीं है। 30% से ज्यादा स्कूलों में पर्याप्त क्लासरूम नहीं है।  10% स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। 56% स्कूलों में शौचालय नहीं है।  प्रति एक लाख जनसंख्या पर 13 कॉलेज हैं.

उन्होंने कहा कि देश आजाद होने के बाद जीडीपी में एक तिहाई योगदान करने वाला बंगाल आज नीचे है. तब इंडस्ट्री के मामले में 30 प्रतिशत योगदान था जबकि अब केवल 3.5 प्रतिशत रह ग्य है. रोजगार के मामले में 1960 में 27 प्रतिशत था जबकि अब केवल 4 प्रतिशत, प्रति व्यक्ति आय के मामले में महाराष्ट्र से 105 प्रतिशत ज्यादा तह कबकी अब आधी भी नहीं है. 1960 में बंगाल अमीर राज्यों में से था अब निचे गिरता हुआ राज्य है. उन्हने सवाल किया किया 1960 से किसका शासन है ? इसके लिए कौन जिम्मेदार है ?

उन्होंने बताया कि बंदरगाहों से आवाजाही के ममाले में यहाँ से 42 प्रतिशत आवाजाही होती थी अब केवल 10 प्रतिशत रह गई है. फार्मा इंडस्ट्री के मामले में भी इस राज्य की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत थी लेकिन आज केवल 7 प्रतिशत रह गई है. जूट उद्योग बंद पड़े हैं. 

गृह मंत्री ने दावा किया कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में बंगाल अब 22 वें स्थान पर, स्थिर मूल्यों में 24 वें स्थान पर, जीडीपी के मामले में 6.3 प्रतिशत, इंडस्ट्री के मामले में 20 वें स्थान पर, राजास्व वृद्धि के मामलेमें 16 वें स्थान पर है.

उन्होंने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचनाओं की स्थिति बदतर है. उन्होंने कहा की वे दो दिनों से बंगाल में हैं और राज्य की जनता से अपील करने आये हैं कि अब इस राज्य का भला नरेंद्र मोदी के पूर्व उदय की धारणा से ही होगा.

भाजपा में दूसरे दलों के नेताओं के ज्वाइन करने के सवाल उनका कहना था कि शुभेंदु अधिकारी सहित तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियों के कई नेता शामी हुए हैं. उन्हों राज्य के विकास का वास्ता देते हुए दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में आने का खुला निमंत्रण दिया.उन्होंने कहा की बीरभूम में उनके रोड शो और रैली में उमड़े जनसैलाब से यह स्पष्ट हो गया है कि आने वाले विधान्सभा चुनाव में यहाँ की जनता ने मामता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार को हटाने का निर्णय ले लिया है.

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