गुरुग्राम्, 2 दिसंबर। गुरूग्राम जिला में साइंस सिटी विकसित करने को लेकर आज केन्द्र सरकार की टीम ने चार अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया। इस टीम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, हरियाणा सरकार, संस्कृति मंत्रालय, हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सैंटर के पदाधिकारी शामिल रहे। प्रदेश के बच्चो व अन्य युवाओं को विज्ञान के बारे में किताबों के साथ साथ व्यवहारिक जानकारी देने के उद्देश्य से साईंस सिटी विकसित की जा रही है ताकि वे विज्ञान संबंधी तथ्यों को बारिकी से समझ सकें।
टीम ने आज घामडौज, निमोठ, रहाका तथा पातली हाजीपुर का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ सोहना की एसडीएम चिनार चहल भी उपस्थित रही। टीम के कोर्डिनेटर ने बताया कि साईंस सिटी लगभग 25 से 30 एकड़ भूमि में विकसित किए जाने की योजना है। जगह की पहचान होने के उपरांत इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। शुरूआती चरण में इस प्रौजेक्ट पर लगभग 500 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी जिसकी 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार तथा 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। उन्होंने बताया कि देश भर में अब तक 3 साईंस सिटी- कोलकाता, जालंधर तथा अहमदाबाद में है और गुरूग्राम में देश की चैथी तथा एनसीआर व प्रदेश की पहली साईंस सिटी बनकर तैयार होगी।
उन्होंने बताया कि साईंस सिटी मे खेल खेल में विज्ञान व गणित के व्यवहारिक ज्ञान को सिखाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक संख्या में बच्चे व अन्य लोग वहां पहुंचकर विज्ञान संबंधी अपने संशयों को दूर कर सकें। टीम के अनुसार इसे एक बड़ा साईंस म्यूजियम बनाया जाएगा जिसमें साईंस गैलरी, थीम बेस्ड गैलरी, विज्ञान के अलग-अलग साईंटिफिक प्रिंसीपल, डिजीटल प्रणाली, गणित संबंधी विषयो सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इसमें किसी भी विषय को समझने संबंधी व्यवहारिक ज्ञान देने पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कक्षाओं में दिया जाने वाला ज्ञान केवल किताबी ज्ञान होता है जबकि साईंस सिटी में किताबी ज्ञान का प्रैक्टिीकल डैमोस्ट्रेशन करके दिखाया जाएगा ताकि बच्चे उसे आसानी से समझ सकें। उन्होंने कहा कि साईंस सिटी की खास बात यह है कि इसमें केवल बच्चे ही नही बल्कि महाविद्यालयों व युनिवर्सिटी के बच्चों व आम आदमी भी विज्ञान को आसानी से समझ सकता है। साईंस सिटी में विज्ञान के प्रिंसीपल व्यवहारिक तरीके से वर्णित व परिभाषित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कई बार व्यक्ति को विज्ञान संबंधी अनेको प्रकार के संशय होते है जिन्हें साईंस सिटी में दूर किया जाएगा। साईंस सिटी में इंडियन रिसर्च स्पेस आॅर्गेनाइजेशन(इसरो) की वैज्ञानिक सुविधाओं को भी विकसित किया जाने की योजना है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि सैटेलाइट धरती की फोटो कैसे लेती है, इसे प्रौसेस करना, इससे प्लानिंग, सैटेलाइट का आॅरबिट में जाना तथा इसे लांच कैसे किया जाता है आदि का प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का मानना है कि साईंस सिटी बनने से प्रदेश के बच्चों के साथ साथ आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा। इससे एक तरफ बच्चे जहां विज्ञान संबंधी अपने संशयों को दूर करेंगे वहीं दूसरी ओर इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व तथा विज्ञान एव प्रौद्योगिकी विभाग हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा के मार्गदर्शन में इस परियोजना पर काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर नेशनल साईंस सैंटर दिल्ली से डायरेक्टर डा. डी रामा सरमा, चीफ इंजीनियर , डायरेक्टर साईंस एंड टैक्नोलाॅजी हरियाणा सरकार,प्रिंसीपल साईंटिस्ट, सीनियर साईंटिस्ट, हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सैंटर से उपस्थित रहे।