टोक्यो ओलंपिक/ पैरालिम्पिक्स खेलों के लिए 1 नवंबर से देश के साई प्रशिक्षण केंद्रों में खेल गतिविधियां फिर से होंगी शुरू

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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक और पैरालिम्पिक्स खेलों के लक्ष्य के साथ, 1 नवंबर से देश भर के भारतीय खेल प्राधिकरण-साई प्रशिक्षण केंद्रों में खेल गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा रहा है।

मौजूदा कोविड-19 स्थिति को देखते हुए और एथलीटों को कोरोना वायरस के संपर्क से बचाने के लिए, भारतीय खेल प्राधिकरण ने एनसीओई/साई प्रशिक्षण केंद्रों के एथलीटों को प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने के लिए परिवहन व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष मार्च में अचानक कोरोनोवायरस के कारण सामने आई स्थिति की वजह से एथलीटों को प्रशिक्षण केंद्रों से वापस घर भेज दिया गया था। प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि जिन एथलीटों को 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करनी है, उन्हें हवाई टिकट प्रदान किया जाएगा। ऐसे एथलीट जो 500 किलोमीटर से कम दूरी पर हैं, उन्हें रेलगाड़ी से यात्रा करने के लिये वातानुकूलित तृतीय श्रेणी का टिकट दिया जायेगा।

इसके अलावा, साई केंद्रों में प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने के लिए बायो-बबल तैयार करने के लिए, सभी प्रशिक्षकों और एनसीओई / एसटीसी के सहायक कर्मचारियों को आवास प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। स्थाई और अनुबंधित कर्मचारियों को सरकारी खर्चे पर आवास प्रदान किया जाएगा।

साई प्रशासन ने सभी एथलीटों और उनके माता-पिता को साई मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में जानकारी उपलब्ध करा दी हैं, जिन्हें साई केंद्रों में शामिल होने से पहले और बाद में पालन करने की आवश्यकता होगी। अपने परिवारों के साथ दीपावली मनाने वाले एथलीटों को दीपावली के बाद साई केंद्रों में शामिल होने का विकल्प भी दिया गया है, क्योंकि एक बार बायो-बबल के संपर्क में रहने के कारण उनके स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।

इससे पहले इस साल मार्च में कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के कारण और सरकार की सलाह के मद्देनजर, साई ने सक्रिय रोकथाम के उपायों को अपनाया था और सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को निर्देश जारी किए गए थे। एनसीओई और एसटीसी में सभी प्रशिक्षणों को 17 मार्च से निलंबित किया जा रहा है और एथलीटों को असुविधा से बचने के लिए 20 मार्च तक छात्रावास की सुविधाएँ खुली रखी गई हैं। साई केंद्रों के संबंधित क्षेत्रीय निदेशकों से कहा गया कि वे उन सभी एथलीटों को जो 400 किलोमीटरों से अधिक दूरी पर रहते है, हवाई जहाज़ से और 400 किलोमीटर से कम दूरी वाले एथलीट्स को रेलगाड़ी से वातानुकूलित तृतीय श्रेणी में वापस भेजें।

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