नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा है कि उड़ान योजना को टिकाऊ बनाने और अपने दम पर संचालित करने तथा इसकी दक्षता को बेहतर करने के लिए सभी पक्षों को काम करना चाहिए। उड़ान दिवस के उपलक्ष में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उड़ान योजना का आरंभ आम आदमी को सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सस्ती हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। श्री खरोला ने सभी पक्षों और उड़ान योजना से जुड़े कर्मियों की इस योजना को सफल बनाने की दिशा में किए जा रहे अनथक प्रयासों के लिके उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने एयरलाइन कंपनियों से इस योजना के बारे में और प्रचार प्रसार की पहल का अनुरोध किया ताकि उड़ान का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में एएआई, डीजीसीए, एमओसीए और एयरलाइन कंपनियों ने हिस्सा लिया।
श्री खरोला ने कहा कि इस योजना की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें विभिन्न एजेंसियां एक साथ आई हैं और इस योजना को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं। उड़ान के चलते हवाई सेवा का राष्ट्रीय नेटवर्क बना है, जो देश भर में लोगों के लिए नए अवसर का सृजन करेगी। यही लाभार्थी समय उपरांत क्षेत्रीय रूट शुरू करने की मांग कर सकते हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि एएआई उड़ान योजना के अंतर्गत देशभर में बुनियादी ढांचा निर्मित करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव उषा पाधी ने उड़ान योजना को सफल बनाने के लिए सभी के प्रयासों को लेकर उन्हें धन्यवाद दिया। भारत सरकार ने उड़ान पहल के योगदान को मानते हुए 21 अक्टूबर, 2020 को उड़ान दिवस के रूप में मनाया जाने की घोषणा की है। 21 अक्टूबर को ही उड़ान योजना के दस्तावेज पहली बार जारी किए गए थे।
आरसीएस-उड़ान ‘उड़े देश का आम नागरिक’ भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई मार्गों के द्वारा आम लोगों को सस्ते और सुलभ हवाई यात्रा का लाभ उपलब्ध कराना है। यह क्षेत्रीय संपर्क योजना लोगों को कम कीमत में हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराती है। देश के उड्डयन क्षेत्र में नए हवाई अड्डों और हवाई मार्ग को जोड़ने में उड़ान योजना का अहम योगदान रहा है। संपूर्ण भारत में उड़ान योजना के अंतर्गत 285 हवाई मार्गो के अंतर्गत 50 गैर सेवारत या सेवारत हवाई अड्डों को जोड़ा गया है। इसमें 5 हेलीपोर्ट भी शामिल है। इस योजना के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी के रूप में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की महत्वकांक्षी तैयारी 2024 तक 100 हवाई अड्डा/ वाटरड्रोम/ हेलीपोर्ट विकसित करने की है।