एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के 366 प्रोजेक्ट में 269 का काम पूरा : हरदीप पूरी

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नई दिल्ली। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की 39वीं बैठक में आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड द्वारा अब तक स्वीकृत कुल 366 परियोजनाएं  हैं। इनमें से 269 पूरी हो चुकी हैं और 97 कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इन 366 परियोजनाओं की अनुमानित लागत 31,853 करोड़ रुपये हैं। इनमें से 15,393 करोड़ रुपये बोर्ड द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। 12,441 करोड़ रुपये अब तक जारी किए गए हैं।

श्री पुरी ने कहा कि बोर्ड दो रेसीप्रोकल कॉमन ट्रांसपोर्ट एग्रीमेंट (आरसीटीए) के माध्यम से बसों, टैक्सियों आदि के लिए पारस्परिक काउंटरों के परमिट की एक प्रणाली को ‘कॉन्ट्रैक्ट कैरिज’ और ‘स्टेज कैरिज’ के लिए, औपचारिक रूप देकर एनसीआर में यातायात के निर्बाध आवाजाही के लिए प्रणालियों के विकास की सुविधा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पर एनसीआर में भागीदार राज्य सरकारों के बीच एक दशक पहले हस्ताक्षर किए गए थे। क्षेत्रीय योजना की व्यापक नीतियों और प्रस्तावों को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए, यह जरूरी है कि उप-क्षेत्रीय योजनाओं को एनसीआर द्वारा भागीदार राज्य सरकारों द्वारा तैयार करके अंतिम रूप दिया जाए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली, यूपी, राजस्थान के शहरी विकास मंत्री, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, केन्द्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधि और केन्द्रीय और राज्य सरकारों के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

बोर्ड के सदस्यों को संबोधित करते हुए श्री पुरी ने कहा कि बोर्ड को एनसीआर क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़े होने का विशेषाधिकार है, जो 2027 तक विश्व का सबसे बड़ा राजधानी क्षेत्र बनने जा रहा है। नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो परियोजना, जयपुर में द्रव्यवती नदी का पुनरूद्धार, हिंडन गाजियाबाद में छह लेन एलिवेटेड रोड, कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे का 52 किलोमीटर हिस्‍सा हाल की उल्लेखनीय परियोजनाओं में शामिल हैं।

मौजूदा एनसीआर क्षेत्र 1989 के 30,242 वर्ग किलोमीटर से धीरे-धीरे बढ़कर 2005 में 34,144 वर्ग किलोमीटर हो गया और फिलहाल यह लगभग 55,083 वर्ग किलोमीटर है, जबकि वर्तमान में दिल्ली का मुख्‍य क्षेत्र 1,483 वर्ग किलोमीटर है। 2011 की जनगणना के अनुसार एनसीआर की जनसंख्‍या लगभग 5.81 करोड़ है। एनसीआर-दिल्ली 2030 तक विश्‍वभर में सबसे अधिक जनसंख्‍या वाली राजधानी बनने की संभावना है। “यह हम सभी के लिए एक बेहतर भविष्य 2041 की योजना बनाने का एक अनूठा अवसर होगा। वर्तमान में, एनसीआरपीबी सचिवालय क्षेत्रीय योजना-2041 की तैयारी में लगा हुआ है। क्योंकि वर्तमान क्षेत्रीय योजना-2021 का परिप्रेक्ष्य वर्ष निकट आ रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि एक विशाल और विविध राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए योजना सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक समावेशी, परामर्शी तरीके से ही प्राप्त की जा सकती है। इस संदर्भ में, मुझे यह याद करते हुए खुशी हो रही है कि एनसीआरपीबी द्वारा पूरे 17 दिन की कार्यशालाओं का एक व्यापक परामर्शी आयोजन किया गया था, जिसे नवंबर 2019 में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा द्वारा एक उद्घाटन सम्‍मेलन द्वारा शुरू किया गया था। इसमें सभी एनसीआर राज्यों, भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों/विभागों, ज्ञान संस्थानों, उद्योग और आवास संघों, विशेषज्ञों, जिलों के फील्ड अधिकारी और अन्य हितधारक की व्यापक भागीदारी थी। मैं एनसीआरपीबी की टीम को क्षेत्रीय योजना के मसौदे की तैयारी में तेजी लाने और इसे व्यापक विचार-विमर्श के लिए बोर्ड के समक्ष लाने के लिए कहना चाहूंगा।”

इस क्षेत्र में सामंजस्यपूर्ण विकास और संतुलित विकास के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की स्थापना 1985 में की गई थी। यह अपनी तरह की एक अनूठी व्यवस्था है और आज देश में अंतर-राज्यीय क्षेत्रीय सहयोग और विकास का एक मॉडल बन गया है। यह एक सहयोगी संघीय निकाय है, जिसे संसद द्वारा तीन राज्यों हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विधानसभाओं के प्रस्तावों द्वारा सशक्त बनाया गया है। दिल्ली के तत्कालीन मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का विस्तार समीपवर्ती क्षेत्रों को सहजीवी संबंध में शामिल करने के लिए किया गया था। दिल्ली में प्रवासन और विक्षेपण के लिए अब तक नौ काउंटर मैग्नेट क्षेत्रों की पहचान की गई है।

एनसीआर में संतुलित विकास और सामंजस्यपूर्ण विकास को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से बोर्ड ने एनसीआर-2001 के लिए क्षेत्रीय योजना तैयार की थी, जिसे 1989 में अधिसूचित किया गया था। दूसरी क्षेत्रीय योजना 2021 के परिप्रेक्ष्य वर्ष के साथ तैयार की गई थी, जिसे 2005 में अधिसूचित किया गया था। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एनसीआरपीबी ने अधिसूचित क्षेत्रीय योजना-2021 के लिए परिशिष्ट भी तैयार किया था, क्योंकि 2005 के बाद राज्यों से मिले अनुरोधों के आधार पर एनसीआर में सात नए जिलों को जोड़ा गया है। इसकी अंतिम बैठक में बोर्ड द्वारा इसकी स्वीकृति दी गई और इसे नवंबर, 2019 में अधिसूचित और प्रकाशित किया गया।

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