100 के नोट रख कर जमा करा रहे हैं 500 व 1000 के नोट
सामाजिक संस्थाओं ने काले धन को सफेद करने का आरोप लगाया , जांच की मांग की
रोडवेज विभाग के सचिव ने माना कि नोट बंदी से पहले सौ-सौ के लाखों रूपये प्रतिदिन आते थे और अब दो-तीन हजार ही आते हैं
यूनुस अलवी
मेवात : नोट बंदी के बाद दिल्ली में अधिकारियों द्वारा परिचालकों से जबरजस्ती पांच सौ और हजार के नोटो को सौ-सौ के नोटों में तबदील कराने का असर अब परिवहन विभाग मेवात में देखने को मिल रहा है। ये दिगर बात है कि इस बारे में यहां के परिचालक डर कि वजह से न तो कोई शिकायत कर रहे हैं और न ही अपनी जबान खोलने को तैयार हैं। नोट बंदी से पहले जहां मेवात परिवहन विभाग में कार्यत परिचालक बैंक खातों में पांच सौ से कम के नोट हर रोज लाखों में जमा कराते थे, अब बैंक खातों में बामुश्किल से दो-तीन हजार रूपये ही प्रति दिन जमा हो रहे हैं। इस मामले कि पुष्टि मेवात जिला के परिवहन विभाग नूंह में कैशियर पद पर कार्यत कर्र्मचारी ने की है। वहीं मेवात विकास सभा और मेवात विकास मंच सामाजिक संस्थाओं ने इसमें बडा घोटाला होने का आरोप लगाते हुऐ सारे मामले की गहराई से जांच कराने कि मांग की है।
मेवात विकास सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमर मोहम्मद पाडला और मेवात विकास मंच के महासचिव आसिफ अली चंदेनी ने बताया कि मेवात जिला में कुल 101 रोडवेज विभाग में बसे हैं, जिनमें से करीब 92 बसें रोड पर चलती है तथा करीब 30 बसें दूसरे राज्यों, जिलों में और बाकी बसें मेवात गुडगांव, पलवल और फरीदाबाद का हर रोज हजारों किलोमीटर सफर करती हैं। पांच हजार से लेकर 30 हजार रूपये प्रति बस सवारियों से किराये के तौर पर वसूलते हैं।
किरायें के पैसों में लाखों रूपये सौ, पचास, बीस और दस के नोट भी आते हैं। उन्होने बताया कि उनको जानकारी मिली है कि विभाग के अधिकारियों के दवाब में या फिर खुद परिचालक उन छोटे नोटों को जमा नहीं कराते बल्कि उनको काले धन में बदल लेते हैं और बैंकों में पांच सौ और हजार के नोट ही जमा कराते हैं। उन्होने आरोप लगाया कि टिकिट देते समय परिचालक सवारियों से सौ या उससे कम के नोट देने को मजबूर करते हैं, अगर किसी के पास पांच सौ के कम का नोट नहीं होता तो वे बिना टिकिट ही सवारी को ले जाना ही बेहतर समझते हैं।
उन्होने आरोप लगाया कि जब से नोट बंदी के आदेश आये हैं तब से सौ-सौ के लाखों रूपये परिचालकों के पास आते हैं लेकिन बैंक में पांच सौं और हजार के ही नोट जमा कराते हैं बाकी छोटे नोटो से काले धन में बदल रहे हैं। उन्होने आरोप लगाया कि पिछले 27 दिन में अब तक लाखों रूपयों को काले धन में बदल चुके हैं। इस मामले कि उच्च स्तरीय जांच कर आरोपी पचिालक और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये। इस बात कि भी जांच होनी चाहिये कि नोट बंदी से पहले और बाद में सौ-सौ के नोटों का कितने कैश जमा कराया गया है। इसका खुलासा अपने आप ही हो जाऐगा।
क्या कहते हैं कैशियर ?
मेवात जिला रोडवेज विभाग में नूंह कार्यालय पर कैशियर के पद पर कार्यत किफायत खान ने बताया कि रोड पर चलने वाली सभी बसों से हर रोज करीब आठ लाख रूपयों से अधिक का कलेक्शन होता है। इन आठ लाख रूपयों में आठ नवंबर से पहले करीब डेढ से दो लाख रूपये के सौ, पचास, बीस और दस के नोट आते थे। लेकिन जब से नोट बंदी हुई है तक से सौ के केवल दो ढाई हजार की जमा होने को आ रहे हैं। वहीं परिचालक दस-दस के सिक्के भी जमा कर रहे हैं जिनको बैंक भी नहीं ले रही है, उनके पास लाखों रूपये के सिक्के जमा हुऐ पडे हैं।