पितृपक्ष के एक माह बाद आएंगे शारदीय नवरात्र, 165 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग

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17 सितम्बर को श्राद्ध पक्ष का होगा समापन, अगले दिन शुरू हो जाएगा अधिक मास

गुडग़ांव, 20 अगस्त : प्रतिवर्ष पितृपक्ष के समापन के अगले दिन से ही नवरात्र का आरंभ हो जाता है और 9 दिनों तक नवरात्र की पूजा होती है,
लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। इस बार श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही अधिक मास जिसे मलमास व पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है वह लग जाएगा। अधिक मास लगने से नवरात्र व पितृ पक्ष के बीच एक माह का अंतर आ जाएगा। ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होने जा रहा है।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि लीप वर्ष होने के कारण ही ऐसा हो रहा है। इस बार चातुर्मास जो सदैव 4 माह का होता है, इस बार 5 माह का होगा। उनका यह भी कहना है कि चातुर्मास लगने से विवाह, मुंडन व मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस दौरान पूजन-पाठ, व्रत और साधना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान देव सो जाते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद ही देव जागृत होते हैं। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि आगामी 17 सितम्बर को श्राद्ध पक्ष का समापन होगा। इसके अगले दिन ही अधिक मास शुरु हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। 17 अक्टूबर से ही शारदीय नवरात्र शुरु हो जाएंगे और श्रद्धालु नवरात्र के व्रत रख सकेंगे।

25 नवम्बर को देवउठनी एकादशी होगी और चातुर्मास का समापन हो जाएगा। इसके बाद ही विवाह व मांगलिक कार्य शुरु हो सकेंगे। पंचांग के अनुसार भी इस वर्ष अश्विन माह का अधिक मास होगा। यानि कि 2 अश्विन मास होंगे। अश्विन मास में श्राद्ध, नवरात्र, दशहरा जैसे त्यौहार होते हैं। अधिक मास लगने के कारण इस बार दशहरा 26 अक्टूबर को और दीपावली 14 नवम्बर को मनाई जाएगी।

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