गुरूग्राम, 20 अगस्त। हरेरा गुरूग्राम के चेयरमैन डा. के के खण्डेलवाल ने आज कहा कि अब बिल्डर या प्रमोटर उसे सरकार द्वारा दिए गए लाईसेंस में संलग्न नक्शे के अनुसार ही फ्लैट अथवा मकान की बिक्री कर पाएगा और सुपर एरिया के नाम पर मनमानी नहीं कर सकेगा। डा. खण्डेलवाल आज गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्रामगृह में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरेरा का 2017 का एक्ट आने के बाद रीयल अस्टेट प्रोजेक्ट में दर्शाए गए काॅरपेट एरिया की ही बिक्री की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सुपर एरिया या प्रेफे्रंशियल लोकेशन के नाम पर मनमानी नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि अब बिल्डर काॅमन एरिया के भी अलग से पैसे नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि पहले सुपर एरिया के नाम पर बिल्डरों द्वारा मनमानी की जा रही थी। सुपर एरिया की कोई परिभाषा नहीं है। हर बिल्डर ने अपनी सुविधा अनुसार सुपर एरिया की व्याख्या की हुई थी।
डा. खण्डेलवाल ने बताया कि काॅर्पेट एरिया या एफएआर से ज्यादा एरिया बेचने की शिकायतें हरेरा को मिल रही हैं। अथाॅरिटी के पास ऐसे बहुत से केस आए हैं। इसे देखते हुए हरेरा गुरूग्राम ने सभी रीयल अस्टेट प्रोजेक्ट निर्माताओं से यह जानकारी मांगी है कि उनकी सुपर एरिया की गणना किस प्रकार है, उसमें क्या-क्या शामिल किया गया है, उसका आधार क्या है और उस सुपर एरिया को कितनी लागत में बेचा जा रहा है।
इसी प्रकार प्रेफे्रंशियल लोकेशन के बारे में भी हरेरा में रजिस्टेªशन के समय पूरी जानकारी ली जा रही है जैसे कि कौन से एरिया को इस श्रेणी में रखा गया है और उसका क्या रेट होगा। डा. खण्डेलवाल ने कहा कि बिल्डर के हाउसिंग प्रोजेक्ट में दर्शाए गए एफएआर से ज्यादा एरिया की सेल गैर कानूनी है। सरकार द्वारा उसे दिए गए लाईसेंस में जितना एफएआर स्वीकृत किया गया है, उससे ज्यादा एरिया की बिक्री कोई भी बिल्डर नहीं कर सकता।
एक सवाल के जवाब में डा. खंडेलवाल ने कहा कि धोखाधड़ी से बचने के लिए ग्राहको को जागरूक होने की जरूरत है। कोई भी फै्लेट या रिहायसी मकान खरीदने से पहले उस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी ग्राहक को जुटानी चाहिए। जो आवासीय प्रोजेक्ट हरेरा से पंजीकृत हैं, उनकी पूरी जानकारी हरेरा की वेबसाईट पर डाली जाती है। ग्राहक वहां से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर हरेरा गुरूग्राम के सदस्य समीर कुमार, सुभाष चंद्र कुश, सचिव प्रताप सिंह तथा नवनियुक्त शिकायत निवारण एवं जनसंपर्क अधिकारी दीपा मलिक भी उपस्थित थे।