नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने एक बार फिर स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी। इंदौर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का सबसे स्वच्छ शहर का खिताब दिया गया। एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर की श्रेणी में इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर लगातार कई वर्षों से बना हुआ है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश राज्य के नगर निगम शाहजहांपुर को स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे अधिक लोगों के पार्टिसिपेट करने वाली श्रेणी में नंबर वन का खिताब दिया गया है। सबसे स्वच्छ शहर वाली श्रेणी में दूसरे नंबर पर सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन गुजरात जबकि इसी श्रेणी में तीसरे नंबर पर नवी मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन महाराष्ट्र को पुरस्कृत किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में चौथे वर्ष भी भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनने के लिए इंदौर के लोगों को केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि इंदौर शहर और उसके लोगों ने स्वच्छता के प्रति अनुकरणीय समर्पण दिखाया है.
केन्द्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी ने कहा है कि “स्वच्छ भारत अभियान हमें स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत मिलें लाभों को बनाए रखने में आगे भी मदद करता रहेगा और साथ ही यह सभी शहरों में स्वछता की अवधारणा को संस्थागत बनाने के लिए एक व्यापक रोडमैप भी होगा। जैसा कि शहरों का प्रदर्शन दिखाई दे रहा है यह न हमें केवल ‘स्वच्छ’ बल्कि ‘स्वस्थ,सशक्त, ‘सम्पन्न’ और समृद्ध तथा आत्मनिर्भर न्यू इंडिया बनाने के मार्ग पर भी आगे ले जाएगा।” उन्होंने इस अवसर पर आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किए गए वार्षिक स्वच्छता शहरी सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के लिए स्वच्छ महोत्सव के नाम से आयोजित आभासी कार्यक्रम में प्रदानकिए गए।
रिपोर्ट के अनुसार इंदौर ने भारत के सबसे स्वच्छ शहर का प्रतिष्ठित खिताब जीता, सूरत और नवी मुंबई ने क्रमशः (1 लाख जनसंख्या श्रेणी में) दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ ने 100 से अधिक यूएलबी श्रेणी में भारत के सबसे स्वच्छ राज्य का प्रतिष्ठित खिताब जीता, जबकि झारखंड को 100 से कम यूएलबी श्रेणी में भारत का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया। इसके अलावा अतिरिक्त 117 पुरस्कार भी दिए गए। पुरस्कारों का विस्तृत विवरण www.swachhsurvekshan2020.org पर उपलब्ध है। इस कार्यक्रम में मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा,मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों तथा देश भर के गणमान्य व्यक्ति, नगर आयुक्त और स्वच्छ्ता योद्धा शामिल हुए।
श्री पुरी ने इस अवसर पर देश भर में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी से जुड़े घरेलू शौचालयों, के लाभार्थियों तथा सफाईकर्मियों या स्वच्छता कर्मचारियों, कचरा बीनने वाले और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ संवाद किया। यह आयोजन https://webcast.gov.in/mohua और स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव वेबकास्ट किया गया था।
पुरस्कार विजेताओं और उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा “पांच साल से भी पहले, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सपना देखा था – एक स्वच्छ भारत का सपना। आज, हम इस बात पर गर्व महसूस करते हैं, कि किस तरह से शहरी भारत का प्रत्येक नागरिक उस सपने को साकार करने के लिए एक साथ आया है। पिछले पांच वर्षों में, हमने देखा है कि कैसे इस मिशन ने लोगों के स्वास्थ्य, आजीविका, जीवन की गुणवत्ता और सबसे महत्वपूर्ण बात, उनके विचारों और उनके व्यवहार पर गहरा प्रभाव डाला है ”।
श्री पुरी ने कचरे का अलग अलग निस्तारण, प्लास्टिक का उपयोग न करने और स्वेच्छा योद्धाओं को समुचित सम्मान देने की आदतों को अपनाते हुए स्वचछता योद्धा बनने का आह्वान किया।
श्री पुरी ने शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 में स्वच्छ भारत मिशन- शहरी (एसबीएम-यू) की शुरुआत 100 प्रतिशत ठोस कचरेके प्रबंधन के साथ शहरी भारत को 100 प्रतिशत खुले में शौच मुक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि ओडीएफ की किसी अवधारणा के बिना शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण मात्र 18 प्रतिशत पर रहने के कारण माननीय प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के सपने को पांच साल की समय सीमा के भीतर हासिल किये जाने के लिए एक त्वरित दृष्टिकोण आवश्यक था इसलिए राज्यों और शहरों के बीच स्वच्छता के मामले में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को प्रमुख मापदंडों के आधार पर प्रोत्साहित करना जरुरी हो गया था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए शहरों को अपनी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रतिस्पर्धी ढांचा, स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस) की संकल्पना की गई और और बाद में इसे कार्यान्वित किया गया।
एसबीएम-यू के तहत पिछले छह वर्षों में हुई उल्लेखनीय प्रगति के साथ श्री पुरी ने मिशन के अगले चरण के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारे प्रयासजारी हैं, शौचालयोंसे मल की सुरक्षित निकासी, परिवहन और निस्तारण तथा घरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले अपशिष्ट जल के सुरिक्षत निस्तारण का इंतजाम किया जाएगा इसका अधिकतम संभव पुन उपयोग भी हमारी प्राथमिकता होगी। इसके साथ-साथ, मैं अपने स्वच्छता कर्मचारियों, इस ‘क्रांति’ में हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं की सुरक्षा के बारे में भी चिंतित हूँ। इसलिए, सभी स्वच्छता कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा गियर और यंत्रीकृत उपकरणों के प्रावधान पर मिशन के अगले चरण में अधिकतम ध्यान दिया जाएगा।”
इस अवसर पर मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा, “जनवरी 2016 में 73 शहरों की रेटिंग के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण किया गया था, उसके बाद जनवरी-फरवरी 2017 में 434 शहरों की रैंकिंग के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 आयोजित किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण था के बाद 2019 में कराए गए सर्वेक्षण में 4203 शहरों को स्थान दिया गया, जिसने न केवल 4237 शहरों को कवर किया, बल्कि यह 28 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया अपनी तरह का पहला डिजिटल सर्वेक्षण भी था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 ने इस गति को जारी रखा और कुल 4242 शहरों, 62 छावनी बोर्डों और 97 गंगा शहरों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें 1.87 करोड़ नागरिकों की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई। शहरों के ऑन-ग्राउंड प्रदर्शन की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, एक कदम आगे बढ़ते हुए, मंत्रालय ने पिछले साल स्वच्छ सुरक्षा लीग की शुरुआत की थी, जो तीन चौथाई शहरों और कस्बों में किए गए का एक चौथाई स्वच्छता मूल्यांकन था, जो कि अंतिम स्वच्छ सर्वेक्षण में 25 प्रतिशत एकीकृत वेटेज के साथ था। इसके अलावा, स्वच्छता सुरक्षा ढांचे की गतिशील प्रकृति भी लगातार विकसित हुई है। परिणामों को मापने के लिए सिर्फ एक निगरानी ढांचा होने से, स्वच्छ सर्वेक्षण एसबीएम-शहरी के लिए एक कार्यान्वयन घटक बन गया है, जो स्वछता को संस्थागत करके परिणामों की स्थिरता को सक्षम बनाता है।
श्री मिश्रा ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण2020 को बड़े स्तर पर लोगों का समर्थन मिला है। इसमें आवासीय क्षेत्र में रहने वाले 58 हजार से अधिक लोगों तथा औद्योगिक क्षेत्र से 20 हजार से ज्यादा लोगों का सर्वे किया गया। सर्वक्षण में 64000 से अधिक वार्ड को 28 दिनों में कवर किया गया।
सर्वेक्षण की कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार है :
- 1.87 करोड लोगों का फीडबैक मिला
- 1.7करोड़ नागरिकों ने स्वच्छता ऐप पर पंजीकरण कराया
- 11 करोड़ लोगों ने इसपर सोशल मीडिया में प्रतिक्रया दी
- 5.5 लाख स्वच्छता कर्मियों को सामाजिक कल्याण योजनाओं से जोड़ा गया और84,000 कचरा बीनने वालों को मुख्य धारा से जोड़ा गया
- स्थानीय निकायों ने 4 लाखसे ज्यादा अनुबंधित कर्मचारियों को काम पर रखा
- कचरा संभावित 21,000 से अधिक क्षेत्रों की पहचान की गई और उनमें बदलाव किया गया
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किस श्रेणी में कौन से शहर व स्थानीय निकाय रहे प्रथम :
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सर्वेक्षण में 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट मेगा सिटी इन सिटीजन की श्रेणी में ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन तेलंगाना प्रथम स्थान पर रहा जबकि बेस्ट मेगा सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज मैं ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन तमिलनाडु को प्रथम स्थान मिला। इसी तरह बेस्ट self-sustainable मेगा सिटी की श्रेणी में वृहत बेंगलुरु महानगरपालिका कर्नाटका ने प्रथम स्थान पर कब्जा जमाया जबकि सर्वाधिक स्वच्छ भारतीय मेगा सिटी की श्रेणी में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन गुजरात को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट जिनमें 100 से अधिक अर्बन लोकल बॉडीज हैं की श्रेणी में छत्तीसगढ़ राज्य को प्रथम स्थान पर रखा गया जबकि महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर ,मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर रखा गया है। इस श्रेणी में फास्टेस्ट मूवर स्टेट्स में प्रथम स्थान पर ओडिशा रहा है।
अगर बात की जाए ऐसे राज्य जहां 100 से कम अर्बन लोकल बॉडीज है तो इस श्रेणी में झारखंड राज्य का नाम सूची में सबसे ऊपर रहा है जबकि दूसरे स्थान पर हरियाणा रहा और तीसरे स्थान पर उत्तराखंड ने अपनी जगह बनाई है। इस मामले में फास्टेस्ट मूवर स्टेट के रूप में आसाम प्रथम स्थान पर रहा।
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल लेवल पर 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट बिग सिटी इन सिटीजन फीडबैक की श्रेणी में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन जबलपुर को प्रथम श्रेणी का खिताब मिला जबकि बेस्ट बिग सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज की श्रेणी में नगर निगम लुधियाना पंजाब को नंबर वन माना गया । अगर बात की जाए बेस्ट self-sustainable बिग सिटी की तो इस श्रेणी में राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन गुजरात प्रथम स्थान पर रहा जबकि भारत का सर्वाधिक स्वच्छ बिग सिटी श्रेणी में विजयवाडा म्युनिसिपल कॉरपोरेशन आंध्र प्रदेश सबसे ऊपरी पायदान पर खड़ा मिला और फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी की श्रेणी में जोधपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन राजस्थान ने अपनी धाक जमाई।
राष्ट्रीय स्तर पर 3 से 10 लाख की जनसंख्या बाले शहरों में बेस्ट मीडियम सिटी इन सिटीजन फीडबैक की श्रेणी में ईस्ट सिंहभूम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन झारखंड को सर्वोत्तम होने का खिताब मिला जबकि बेस्ट मीडियम सिटी इन इन्नोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज की श्रेणी में बेरहामपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन उड़ीसा को प्रथम श्रेणी का पुरस्कार दिया गया। 3 से 10 लाख जनसंख्या वाले शहरों में से बेस्ट self-sustainable मीडियम सिटी का प्रथम पुरस्कार म्युनिसिपल कॉरपोरेशन भिलाई नगर छत्तीसगढ़ को , इंडियाज क्लीनस्ट मीडियम सिटी का प्रथम पुरस्कार म्युनिसिपल कॉरपोरेशन मैसुरू कर्नाटका को और फास्टेस्ट मूवर मीडियम सिटी की श्रेणी में प्रथम स्थान म्युनिसिपल कॉरपोरेशन फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के नाम रहा।
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स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में एक से तीन लाख की जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट self-sustainable स्मॉल सिटी की श्रेणी में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन तिरुपति आंध्र प्रदेश को प्रथम स्थान, बेस्ट स्मॉल सिटी इन सिटीजन फीडबैक की श्रेणी में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन रतलाम मध्य प्रदेश को प्रथम स्थान जबकि बेस्ट स्मॉल सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार म्युनिसिपल काउंसिल अलप्पुझा केरला को दिया गया। ऐसे शहरों में ही भारत के सबसे स्वच्छ छोटे शहरों वाली श्रेणी में अंबिकापुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन छत्तीसगढ़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि फास्टेस्ट मूवर स्मॉल सिटी की श्रेणी में बुरहानपुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन मध्य प्रदेश ने प्रथम स्थान हासिल किया।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राज्यों की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी भी निर्धारित की गई थी। इस श्रेणी में बेस्ट self-sustainable स्टेट कैपिटल का पहला पुरस्कार म्युनिसिपल कॉरपोरेशन भोपाल मध्य प्रदेश के नाम रहा जबकि बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक में चंडीगढ़ प्रथम स्थान पर दिखाई दिया और बेस्ट स्टेट कैपिटल इन इन्नोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज की श्रेणी का प्रथम पुरस्कार म्युनिसिपल कॉरपोरेशन गांधीनगर गुजरात के नाम रहा। इसी तरह फास्टेस्ट मूवर स्टेट कैपिटल का प्रथम पुरस्कार म्युनिसिपल कॉरपोरेशन लखनऊ उत्तर प्रदेश को दिया गया जबकि इंडियाज क्लीनस्ट नेशनल कैपिटल के मामले में प्रथम स्थान पर न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल यानी एनडीएमसी को माना गया।
इस सर्वेक्षण में नेशनल सिटीजन लीड इनोवेशन की श्रेणी में भी अलग-अलग शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। इनमें एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट सिटीजन लीड इनीशिएटिव की श्रेणी में प्रथम स्थान पर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन करीमनगर जबकि एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट सिटीजन लीज इनीशिएटिव की श्रेणी में प्रथम स्थान पर नगर पालिका सिहोरा मध्य प्रदेश को रखा गया। बेस्ट सिटीजन लीड इनीशिएटिव का ओवरऑल प्रथम स्थान म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन उज्जैन मध्य प्रदेश को दिया गया।
स्वच्छता सर्वेक्षण की दृष्टि से देश के अलग-अलग राज्यों में स्थापित कैंटोनमेंट बोर्ड की स्थिति का आकलन करने के लिए भी एक श्रेणी रखी गई थी। इनमें बेस्ट कंटोनमेंट सिटीजन फीडबैक का प्रथम पुरस्कार अमृतसर कैंटोनमेंट बोर्ड पंजाब को दिया गया। बेस्ट कैंटोनमेंट इन इन्नोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज का प्रथम पुरस्कार मथुरा कैंटोनमेंट बोर्ड उत्तर प्रदेश के नाम रहा और बेस्ट कैंटोनमेंट इन मैक्सिमम सिटीजन पार्टिसिपेशन की श्रेणी में प्रथम स्थान पर अल्मोड़ा कैंटोनमेंट बोर्ड उत्तराखंड, बेस्ट self-sustainable कैंटोनमेंट बोर्ड मो कंटोनमेंट बोर्ड बोर्ड मध्य प्रदेश, फास्टेस्ट मूवर कैंटोनमेंट बोर्ड में प्रथम स्थान देहू रोड कैंटोनमेंट बोर्ड महाराष्ट्र, इंडिया स्क्रीन इस कैंटोनमेंट की श्रेणी में जालंधर कैंटोनमेंट बोर्ड पंजाब को प्रथम स्थान, इंडियास क्लीनस्ट कैंटोनमेंट श्रेणी में दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड को द्वितीय स्थान और इस कैंटोनमेंट श्रेणी में मेरठ कैंटोनमेंट बोर्ड उत्तर प्रदेश को तृतीय स्थान मिला।
सर्वेक्षण में गंगा नदी के किनारे बसे शहरों की एक श्रेणी बनाई गई थी। इसमें बेस्ट गंगा टाउन जहां 50000 से 100000 के बीच जनसंख्या है उनमें नगर पालिका परिषद कन्नौज उत्तर प्रदेश को पहला स्थान दिया गया । इसी श्रेणी में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर में नगर निगम वाराणसी उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान और इसी श्रेणी में 50000 से कम जनसंख्या वाले शहरों में नगर पालिका परिषद चुनार, उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान मिला है।
एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में बेस्ट सिटी इन मैक्सिमम सिटीजन पार्टिसिपेशन श्रेणी में नगर पालिका परिषद नंदप्रयाग उत्तराखंड को प्रथम स्थान, इंडिया क्लीन सिटी एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में म्युनिसिपल काउंसिल कराड महाराष्ट्र को प्रथम स्थान, इंडिया क्लीन सिटी एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में सासवड म्युनिसिपल कॉरपोरेशन महाराष्ट्र को द्वितीय स्थान और इसी श्रेणी में लोनावाला म्युनिसिपल काउंसिल महाराष्ट्र को तृतीय स्थान पर रखा गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में अलग-अलग जोन की श्रेणी भी बनाई गई थी। इनमें से नॉर्थ जोन में 50000 से 100000 की जनसंख्या वाली छोटे शहरों में से नॉर्थ जोन बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक की श्रेणी में नगर पालिका परिषद गजरौला उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान, नॉर्थ जोन बेस्ट सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज में नगर पालिका परिषद मुरादनगर को प्रथम स्थान, नॉर्थ जोन बेस्ट self-sustainable सिटी में प्रथम स्थान पर नगर पालिका परिषद कन्नौज उत्तर प्रदेश रहा है । जबकि नॉर्थ जोन क्लीन सिटी श्रेणी में प्रथम स्थान पर नगर पालिका परिषद गंगा घाट उत्तर प्रदेश और नॉर्थ जोन फास्टेस्ट मुवर सिटी श्रेणी में प्रथम स्थान पर म्युनिसिपल कमेटी चरखी दादरी हरियाणा का नाम घोषित किया गया है।
इस संरक्षण में छोटे-छोटे शहरों को भी स्वच्छता की दृष्टि से अपना परफॉर्मेंस देश के सामने दिखाने का अवसर मिला है। इनमें नॉर्थ जोन में ही 25 से 50 हजार की जनसंख्या की दृष्टि से नॉर्थ जोन बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक श्रेणी में नगर पालिका परिषद साइना उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान, नॉर्थ जोन बेस्ट सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज की श्रेणी में नगर पालिका परिषद पालिया कलां उत्तर प्रदेश को भी प्रथम स्थान, नॉर्थ जोन बेस्ट self-sustainable सिटी की श्रेणी में नगर पालिका परिषद मल्लवान उत्तर प्रदेश को भी प्रथम स्थान मिला है। जेपी नॉर्थ जोन में क्लीनिंग सिटी की दृष्टि से प्रथम स्थान पर म्युनिसिपल काउंसिल नवांशहर पंजाब को रखा गया है और नॉर्थ जोन फास्टेस्ट मूवर सिटी की श्रेणी में प्रथम स्थान पर नगर पालिका परिषद बरूआ सागर उत्तर प्रदेश का नाम दर्ज किया गया है।