नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लधु तथा मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मणिपुर में 13 राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी और एक सड़क सुरक्षा परियोजना का उद्धाटन किया। राज्य के मुख्यमंत्री श्री एन. बीरेन सिंह ने इस वर्चुअल समारोह की अध्यक्षता की। समारोह में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकासतथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, सड़कपरिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत) वी.के. सिंह, मणिपुर के मंत्रियोंतथा केन्द्र और राज्य के कई सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
मणिपुर में आज जिन 13 राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें 3000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई कुल 316 किलोमीटर लंबी सड़कें शामिल हैं। इन सड़कों के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़क संपर्क बेहतर होने के साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अवसंरचना विकास की इच्छा को ध्यान में रखते हुए ही इस क्षेत्र में कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में मणिपुर में कई और सड़क परियोजनाएं भी शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इम्फाल में एक एलिवेटेड सड़क बनाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और दो-तीन महीनों में इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री से सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के काम में तेजी लानेके लिए कहा, ताकि परियोजनाओं पर काम जल्द शुरू किया जा सके। केन्द्रीय सड़क कोष (सीआरएफ) के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य की ओर से पहले दिए गए पैसों केखर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा, उसके लिए कोष से करीब 250 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी जाएगी।
श्री गडकरी ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों से गाद निकालने का काम पूरा हो चुका है और अब इन नदियों के जलमार्ग का इस्तेमाल लोगों तथा सामानों के परिवहन के लिए किया जा सकता है। उन्होंने नदियों से महज 50-60 किलोमीटर दूरी पर स्थित इम्फाल को भी नदी मार्ग से जोड़ने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त लाभ पहुंचेगा। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन के लिए वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल का आग्रह करते हुए कहा कि यह सस्ता होने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।
श्री गडकरी ने मणिपुर में रोजगार और आर्थिक परिदृश्य को बेहतर बनाने में एमएसएमई क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डाला। एमएसएमई इकाइयों की परिभाषा कोऔर व्यापक रूप दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने इसका लाभ उठाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री से हस्तशिल्प औरहथकरघातथाशहदऔरबांस आदि से बनेउत्पादों की निर्यात क्षमता का पता लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससेबड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री बीरेन सिंह ने कहाकि चारों तरफ पर्वतों से घिरे मणिपुर में भारी बारिश होती है, ऐसे में राज्य में ऐसी गुणवत्ता वाली सड़कों की आवश्यकता है, जो खराब मौसम को झेल सकें। उन्होंने इम्फाल में 25 किलोमीटर की एलिवेटेड सड़क बनाए जाने के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसके साथ ही इम्फाल-लोकताक राजमार्ग की चार-लेन का बनाए जाने की आवश्यकता की ओर ध्यान दिलाया। एक आकर्षक पर्यटन स्थल होने के कारण इस राजमार्ग पर बड़ी संख्या में वाहनों का आना-जाना लगा रहता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आज के कार्यक्रम के जरिए तीन महत्वपूर्ण संदेश गए हैं। पहला यह कि पूर्वोत्तर क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता बना हुआ है, दूसरा यह कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद क्षेत्र में अवसंरचना विकास के कार्य निर्बाध गति से चलते रहे और तीसरा यह कि यह सब देश में 100 लाख करोड़ रुपये की लागत से ढांचागत विकास को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री की लाल किले की प्राचीर से की गई घोषणा के अनुरूप है।
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत) वी.के. सिंह ने कहा कि एक्ट ईस्ट नीति के तहत सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि म्यांमार के साथ सीमा लगी होने के कारण मणिपुर का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि भारत को म्यांमार, थाईलैंड से जोड़ने वाला अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग मणिपुर से ही शुरू होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-37 पर बराक और माकू नदियों के ऊपर पुल बनाने का काम अगले साल मार्च तक दो पूरा हो जाएगा। इससे देश के अन्य हिस्सों से राज्य का सड़क संपर्क और बेहतर हो जाएगा।