गुरुग्राम। जिला उपायुक्त अमित खत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण की अब तक की स्थिति का विश्लेषण करते हुए कंटेनमेंट जोन की नई लिस्ट जारी की है। संक्रमण की रफ्तार अब भी पूर्व व्रत है और औसतन डेढ़ सौ पॉजिटिव केस प्रतिदिन मिल रहे हैं। हालांकि उपायुक्त का कहना है कि जिला में अब टेस्ट की फैसिलिटी बढ़ाने और रैपिड टेस्ट की सुविधा मिलने से प्रतिदिन 4000 से अधिक लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं। इनमें सामान्यतया शहर के अलग-अलग इलाके से संक्रमण की शिकायत करने वाले लो शामिल हैं जबकि पिछले 2 सप्ताह से एमसीजी के 8 वार्ड ओके 1 दर्जन से अधिक आवासीय कालोनियों के लोग भी शामिल है।
अब तक की स्थिति का विश्लेषण करते हुए स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर गुरुग्राम शहर में 89 कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं जबकि पटौदी में 4 और सोहना में सात इलाके को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इस लिस्ट में कुल 100 कंटेनमेंट जोन हैं जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 2 से 3 माह के दौरान कंटेनमेंट जोन की संख्या में कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है। साथ ही इनमें से कुछ कालोनियों के नाम ही संक्रमित क्षेत्र की सूची से बाहर हो पाए हैं जबकि अधिकतर कालोनियों के नाम लगातार कंटेनमेंट जोन की सूची में बने हुए हैं। जाहिर है यह स्थिति जिला प्रशासन और हरियाणा सरकार के लिए चिंता पैदा करने वाली है।
हालांकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बारंबार यह दावा करता है कि पॉजिटिव पाए गए अधिकतर मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं और उन्हें उनके घरों पर ही आइसोलेट किया गया है और उनका इलाज भी वही चल रहा है।
लेकिन इन दावों के बावजूद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की संक्रमण की रफ्तार पिछले 2 माह से किसी भी दृष्टि से कम होती नहीं दिख रही है। यह अलग बात है कि स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन अपने बुलेटिन में जितने मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं उससे अधिक मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा भी जारी कर रहा है। इन आंकड़ों की बीच में गुरुग्राम के बारे में यह कहना कतई सही नहीं होगा कि कोरोना संक्रमण नियंत्रित है।
इस बार भी जिला उपायुक्त की ओर से जारी कंटेनमेंट जोन की लिस्ट में कई कालोनियों की अधिकतर उन्हीं गलियों के नाम उद्धृत किए गए हैं जिन्हें मई के मध्य में या फिर जून माह के आरंभ में कंटेनमेंट जोन के तौर पर चिन्हित किया गया था। अगर जिला प्रशासन की शर्तों पर ही विश्वास करें तो कंटेनमेंट जोन अब केवल उन्हीं गलियों या कालोनियों को घोषित किया जाता है जिनमें कम से कम 15 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हो या इससे अधिक संख्या में लोग संक्रमित मिले हो। अकेले गुरुग्राम ब्लॉक यानी शहरी क्षेत्र में 219 कंटेनमेंट जोन बनाए जाने से यह साफ हो जाता है कि कोरोनावायरस अभी भी गुरुग्राम की जनता को अपनी चपेट में उसी गति से ले रहे हैं जिस गति से आज से 2 माह पहले शिकार बना रहे थे।