करीब 200 साल से चला रहा दंगल पहली हुआ है कैंसिल
बल्लभगढ़ 15 जुलाई (संदीप पराशर): जिला के सबसे बड़े गांव तिगांव में इस बार हरियाली तीज पर दंगल (कुश्ती) का आयोजन नहीं होगा। इस ऐतिहासिक दंगल को कोरोना संक्रमण के चलते कैंसिल किया गया है। तिगांव में करीब 200 साल से चला रहा दंगल पहली कैंसिल हुआ है। इस बार यह आयोजन 23 जुलाई को तीज पर होना था।
तिगांव गांव में आयोजित होने वाले दंगल के लिए सावन माह लगने के साथ ही तैयारियां हो जाती है। जिसका नेतृत्व गांव के वर्तमान सरपंच करते हैं। सरपंच के नेतृत्व में ही गांव के मौजिज लोगों की कमेटी तय बनाई जाती है। दंगल कमेटी इस आयोजन के लिए गांव वालों से ही राशी एकत्रित करते हैं। जिसमें सभी जाति व धर्म के लोग यथासंभव राशी देकर आयोजन में सहयोग करते हैं। दंगल में दिल्ली, यूपी, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के नामी पहलवान भाग लेने आते रहे हैं। भारत केसरी व हिंद केसरी भी इस दंगल में आकर अपना जौहर दिखा चुके हैं। दंगल आयोजन में हर साल करीब 5 से 6 लाख रुपये का खर्च आता है। जिसे गांव के ही लोग वहन कर बुजुर्गों की ओर से शुरू किए गए आयोजन को संभाल रहे हैं। दंगल कमेटी के सदस्य योगेश अधाना ने बताया कि तिगांव में भी लोगों को पहलवानी का शौक रहा है।
गांव में पहलवानी के लिए कोई अखाड़ा नहीं है। मगर गांव के लोग अपने अपने खेतों पर ही पहलवानी करते रहे हैं। दंगल आयोजन में बाहर के पहलवान बुलाए जाते हैं। तिगांव गांव के पूर्व पंच जयकिशन वर्मा का कहना था कि करीब 200 सालों से होता आ रहा दंगल आयोजन आपसी भाईचारे की एकता का मिसाल रहा है। गांव में रहने वाले सभी जातियों के लोग इस आयोजन में सहयोग के अलावा जिम्मेदारी भी निभाते हैं। दंगल में हिंद केसरी व भारत केसरी आते रहे हैं। तिगांव में पहले एक ही पंचायत होती थी, मगर पिछली बार हुए चुनाव में आबादी अधिक होने पर तिगांव ग्राम पंचायत को दो हिस्सों में बांट दिया गया। एक ग्राम पंचायत तिगांव के नाम से है, जबकि दूसरी पंचायत अधाना पट्टी के नाम पर है। अधाना पट्टी के सरपंच रिंकू जौड़ला हैं। दंगल का आयोजन अब दोनाें पंचायत मिलकर करती हैं।
तिगांव गांव के सरपंच ज्ञानेंद्र नागर उर्फ पप्पू व अधाना पट्टी के सरपंच रिंकू जौड़ला का कहना था कि कोरोना वायरस के कारण इस बार ऐतिहासिक दंगल का आयोजन कैंसिल किया गया है। दंगल इतिहास में पहली बार यह पहली बार है, जब दंगल का आयोजन नहीं होगा। कोरोना महामारी ने लोगों के जोश व उत्साह को कम कर दिया है। इलाके का यह सबसे बड़ा आयोजन होता है।