“नया साल, मेरा मोबाइल-मेरा बैंक-मेरा बटुवा’ से करें शुरू”

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अपने माइंड सैट को बदलने की जरूरत : रामनिवास 

गुरूग्राम :  हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग  रामनिवास ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि वे मोबाइल से भुगतान करने को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करें और इसे जन आंदोलन का रूप दें ताकि गुरुग्राम जिला में नए साल की शुरूआत कैशलैस लेन-देन से हो। उन्होंने कहा कि नया साल ‘मेरा मोबाइल-मेरा बैंक- मेरा बटुवा’ के साथ शुरू हो और आम जनता में यह धारणा बने  बिना कैश के भी भुगतान संभव है। इसके लिए हमे अपने माइंड सैट को बदलने की जरूरत है।

 

वे आज गुरुग्राम के लघु सचिवालय में जिला अधिकारियों, बैंकर्स तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, पारदर्शी शासन लाने तथा काला धन को समाप्त करने के उद्द्ेश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यह क्रान्तिकारी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक प्रगतिशील प्रदेश है और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पूरे प्रदेश के प्रत्येक जिला में कैशलैस ट्रांजेक्षन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक प्रशासनिक सचिव भेजा है। गुरुग्राम को कैशलैस बनाने क ा उत्तरदायित्व उन्हे दिया गया है।

 
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिला को ई-ट्रांजेक्शन प्रणाली और डिजीटल ट्रांजेक्शन प्रणाली से जोडऩे के लिए जरूरी है कि सबसे पहले सरकारी कार्यालयों मे किए जाने वाले भुगतान को कैशलैस किया जाए। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार हमारे देश की अर्थव्यवस्था का 98 प्रतिशत भाग कैश पर आधारित है तथा केवल 2 प्रतिशत भाग कैशलैस प्रणाली पर निर्भर है। इतनी बड़ी आबादी का माइंड सैट बदलना चुनौती भरा कार्य है परंतु यह असंभव नही है। बैंको में होने वाले ई-ट्रांजेक्षन को लेकर लोगों में भय तथा शक का वातावरण है जिसे दूर करने की जरूरत है।

 

इसके लिए उन्हें ई-ट्रांजेक्शन तथा डिजीटल ट्रंाजेक्शन के बारे में बताकर समझाया जाए कि किस प्रकार वे आसानी से अपने मोबाइल फोन से धनराशि भेज सकते और प्राप्त भी कर सकते हैं। पैसों के लेन-देन के लिए उन्हें बैंको में लाइन में खड़े होने की जरूरत नही है।
श्री रामनिवास ने कहा कि गुरुग्राम जिला में लगभग 95 प्रतिशत लोगों का प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक अकाऊंट खुले हुए हैं तथा 86 प्रतिशत लोगों के रूपे डेबिट कार्ड बने हुए हैं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एक सप्ताह में सभी जन-धन खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। साथ ही बैंकर्स उन्हें समझाएं कि छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी अदायगी वे मोबाइल से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनधन खाताधारक के खाते में यदि पैसे भी नही है तो भी है 5000 रूपये तक का ओवरड्राफ्ट कर सकता है। श्री रामनिवास ने यह भी कहा कि जिन लोगों के जन-धन खाते अभी तक नही खुले हैं, एक अभियान चलाकर उनके खाते भी खोलें जाएं। उन्होंने नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यूनिफाईड पेमेंट इंटरफेज(यूपीआई) में 28 बैंको को शामिल किया गया है और यूपीआई के माध्यम से इनमें से किसी भी बैंक के खाते से लेनदेन किया जा सकता है।

 
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे पंच-सरपंचों, नगर निगम के पूर्व पार्षदों, नगर निगम के कर्मचारियों, ब्लॉक समिति के सदस्यों, जिला परिषद् के पार्षदों , आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, महाविद्यालय व स्कूलों के प्रमुखों, अध्यापकों , उद्योगपतियों, स्वयंसेवी संगठनों, आऊटसोर्सिंग एजेंसियों , सब्जी मंडी व अनाज मंडियों के व्यापारियों आदि सभी में ई-ट्रांजेक्शन अथवा मोबाइल से पैसे के लेन-देन के तौर तरीकों को प्रचारित करें। इसके अलावा, श्रम विभाग लेबर चौंक पर तथा विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों व अन्य कर्मियों को मोबाइल से लेन-देन के बारे में समझाने की योजना बनाकर क्रियान्वित करेगा।

 

आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा सभी ट्रैड संगठनों की बैठक लेकर उन्हें कैशलैस भुगतान के लिए प्रेरित किया जाएगा। बिजली निगम, नगर निगम आदि भी अपने यहां आने वाले लोगों को कैशलैस भुगतान के लिए प्रोत्साहित करेंगे और एक तिथि निर्धारित करके लोगों को बताएंगे कि उस तिथि के बाद नकद भुगतान नही लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग द्वारा भी चालान के लिए कैश नही लिया जाएगा बल्कि प्वाइंट ऑफ सेल(पीओएस)मशीन के माध्यम से चालान की राशि वसूली जाएगी। इसी प्रकार, तहसील मे भी पीओएस मशीन लगाई जाएगी।

 

इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में पंच-सरपंचो के सम्मेलन आयोजित करके उन्हें कैशलैस ट्रांजेक्शन के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि पब्लिक से सरकार को , पब्लिक से ट्रेडर, टे्रडर से सरकार तथा पब्लिक से पब्लिक को कैश ट्रांसफर ‘जीरो’ करना है। रोजगार विभाग के माध्यम से शुरू की गई ‘शिक्षित युवा-सम्मानित हुआ’ योजना के तहत बेरोजगार युवकों को रूडसैट संस्थान द्वारा ई-ट्रांजेक्शन के बारे में प्रशिक्षण दिया गया है, जो आम जनता को समझाएंगे कि वे किस प्रकार वे मोबाइल से पैसे का लेन-देन कर सकते हैं।
श्री रामनिवास ने कहा कि लोगों को मोबाइल के जरिए रूपयों के लेन-देन के लिए नागरिक सुविधा केन्द्रों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नागरिक सुविधा केन्द्र अपने आस-पास के गांवों में रहने वाले लोगों को मोबाइल पर रूपयों के लेन-देन के बारे में जानकारी दे।

अतिरिक्त उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने  रामनिवास को बताया कि गुरुग्राम में शहरी क्षेत्र में 80 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 40 नागरिक सुविधा केन्द्र चल रहे हैं जिनके संचालकों को मोबाइल से पैसों के लेन-देन के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा और ये संचालक अपने केन्द्र के आस-पास के गांवो में ग्रामीणों विशेषकर युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे। श्री रामनिवास ने कहा कि मोबाइल से पैसों का लेन-देन करने की जानकारी रखने वाले लोग अपने परिचितों को भी इस प्रणाली के बारे में समझाएं और उनके मोबाइल पर एप भी डाऊनलोड करके दें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मौके पर मोबाइल एप के माध्यम से डिजीटल ट्रांजेक्षन कर बिस्किट का पैकेट खरीदकर दिखाया कि यह बहुत आसान है।

मोबाइल से पैसे के लेन-देन के ये हैं तरीके  : 

1. बैंक कार्ड के माध्यम से- बैंक द्वारा प्रीपेड कार्ड , डेबिट कार्ड और के्रडिट कार्ड जारी किए जाते हैं, जिनका प्रयोग करके खरीददारी आसानी से की जा सकती है और मोबाइल को भी रिचार्ज किया जा सकता है।
2. पीओएस मशीन- इसमें कार्ड स्वैप करके भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है। इस प्रकार की मशीन काफी स्थानों पर लगी भी हुई हैं और बैंक द्वारा यह मशीन लगाने के लिए जो कमीशन लिया जाता है वह दुकानदार को भरना होता है नाकि ग्राहक को।
3. यूएसएसडी- जिन व्यक्तियों के पास स्मार्ट फोन नही है वे अपने साधारण मोबाइल से भी मोबाइल बैंकिंग पर आधारित अनस्ट्रक्चर्ड सपलीमेंटरी सर्विस डाटा (यूएसएसडी) के माध्यम से *९९प्त पर डायल करके ऑनलाइन पैसे का भुगतान कर सकते हैं। इसमें एक ग्राहक प्रतिदिन 5000 रूपये तक का भुगतान कर सकता है। डायल करने के बाद मोबाइल पर 7 स्टैप में भुगतान हो जाएगा।
4 एईपीएस- आधार इनेब्लड पेमेंट सिस्टम(एईपीएस) के माध्यम से व्यक्ति अपने खाते में जमा राशि, कैश निकालने व जमा करवाने तथा आधार से आधार फंड ट्रांसफर कर सकता है। इसके लिए माइक्रो एटीएम अर्थात् पीओएस मशीन पर आधार नंबर और बैंक का नाम भरना होता है। उसके बाद व्यक्ति को स्कैनर पर अपनी उंगली रखनी होती है। इस प्रणाली में बैंक खाता आधार नंबर से जुड़ा होना चाहिए। राशन डिपु में यह मशीन लगाई गई है।
5. यूपीआई- इसमें स्मार्ट फोन इंटरनेट सुविधा के साथ होना जरूरी है । रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक अकाऊंट की डिटेल डालनी होंगी। इस एप के साथ 28 बैंको के एप जुड़े हुए है जिनमें एसबीआई, पीएनबी, आईसीआईसीआई, एक्सिस, केनरा बैंक, यूको, यूनियन बैंक , ओबीसी तथा 20 अन्य बैंक शामिल हैं। व्यक्ति किसी भी बैंक का एप डाऊन लोड करके उसका प्रयोग कर सकता है। यूपीआई से पैसे प्राप्त भी किए जा सकते हैं।
6. मोबाइल वैलेटस- इसका प्रयोग ऑनलाइन खरीददारी के लिए किया जाता है। इसमें कम्प्यूटर या स्मार्ट फोन का होना आवश्यक है। इसके माध्यम से उपभोक्ता महीने में 20 हज़ार रूपये तक की खरीद या भुगतान कर सकता है और यदि उसका बैंक में केवाईसी हो तो यह सीमा एक लाख रूपये प्रति माह की है।
इस अवसर पर गुरुग्राम मंडल के आयुक्त डा. डी सुरेश ने अतिरिक्त मुख्य सचिव का स्वागत किया और भरोसा दिलाया कि गुरुग्राम डिजीटल ट्रांजेक्शन को शत प्रतिशत लागू करने वाला प्रदेश का पहला जिला बनेगा। उन्होंने कहा कि श्री रामनिवास ने जो निर्देश आज दिए हैं उनका पालन करते हुए लोगों को डिजीटल ट्रांजेक्शन के बारे मे अवगत करवाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार, संयुक्त पुलिस आयुक्त वाई पूरन कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त विनय प्रताप ङ्क्षसह सहित सभी विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

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