गुरुग्राम : गुड़गांव ग्रीन्स सोसायटी के सैकड़ों मालिकों ने गुरुग्राम पुलिस को एक लिखित शिकायत सौंप कर बिल्डर एम्मार एम जी एफ इंडिया लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की . उन्होंने सोसायटी में बिल्डर द्वारा बरती गई अनियमितता की जांच की मांग की. इन फ़्लैट मालिकों ने पहले भी अपनी समस्याओं के बारे में कई बार सीएम विंडो, हरेरा गुरुग्राम, डीजीटीसीपी हरियाणा, डीटीपी गुरुग्राम, जिला रजिस्ट्रार फर्म और सोसायटी गुरुग्राम, डीसी गुरुग्राम और सीपी गुरुग्राम को ज्ञापन और ई मेल के माध्यम से अपनी शिकायतें भेजीं लेकिन आज तक किसी भी सरकारी एजेंसी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की । 2 दिन पहले फ़्लैट मालिकों को पुलिस चौकी धनकोट द्वारा बुलाया गया और अपनी हस्ताक्षरित शिकायत प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था ।
शहर के सेक्टर 102 स्थित गुडगाँव ग्रीन्स के फ़्लैट मालिकों ने धनकोट पुलिस चौकी को दी अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि लंबे समय से यहाँ रहने वाले सभी सदस्य भवन निर्माण में गड़बड़ी से लेकर मेंटनेंस के नाम पर चल रहे गोरख धंधे में बिल्डर की ज्यादती का सामना कर रहे हैं. कई बार पहले भी अलग अलग फोरम पर शिकायतें की गई लेकिन आज तक समस्या का समाधान न तो बिल्डर ने करने की जहमत उठाई और न ही किसी सरकारी अधिकारी द्वारा सुध ली गई. पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने यह कहते हुए प्रशासन पर बिल्डर का पक्ष लेने का आरोप लगाया है कि ” ऐसा लगता है कि सरकारी तंत्र जनता की शिकायत को तवज्जो नहीं दे रहे हैं बल्कि बिल्डर के प्रति नरम रुख अख्तियार किये हुए हैं. गुड़गांव ग्रीन्स सोसाइटी के सैकड़ों लोगों ने अपनी समस्या को उजागर करने के लिए मिडिया का दरबाजा खटखटाया है.
उनकी शिकायत है कि फ़्लैट के निर्माण में बिल्डर ने बेहद घटिया सामग्री का उपयोग किया है। यहाँ आये दिन दीवारों और खंभों में दरारें आने और अन्य प्रकार की संरचनात्मक नुकसान मिलने की घटना आम बात हो चली है. इससे यहाँ के निवासी हमेशा अपने जीवन पर खतरा महसूस कर रह रहे हैं। यहाँ तक कि टावरों से खिड़की के शीशे भी गिर रहे हैं। लोगों ने संबंधित प्राधिकरण से सोसायटी के संरचनात्मक और फोरेंसिक ऑडिट की मांग कराने की मांग की है. साथ ही बिल्डर से खराब निर्माण गुणवत्ता वाले फ़्लैट बनाने के एबज में सभी प्रभावित फ़्लैट मालिकों को मुआवजा दिलवाने की भी मांग की है.
लोगों का आरोप है कि घटिया भवन सामग्री का उपयोग कर सोसायटी के निर्माण में सैकड़ों करोड़ का घोटाला किया गया है। गुड़गांव ग्रीन्स कॉन्डोमिनियम एसोसिएशन, एमार गुड़गांव ग्रीन्स हाउसिंग सोसाइटी के सैकड़ों सदस्यों ने एम्मार एम जी एफ लैंड लिमिटेड प्रबंधन के प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ घटिया सामग्री उपयोग करने के लिए हरियाणा पुलिस गुरुग्राम की आर्थिक अपराध शाखा से जांच की मांग की है. उनका आरोप है कि एम्मार गुड़गांव ग्रीन्स परियोजना के निर्माण के नाम पर बिल्डर ने नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ़ इंडिया 2016 /2018 का खुला उल्लंघन किया है. इस प्रोजेक्ट के नाम पर एम्मार एम जी एफ लैंड लिमिटेड प्रबंधन से जुड़े लोगों ने सैकड़ों घर खरीददारों की मेहनत की कमाई के करोड़ों रूपये लूट लिए।
पुलिस को सौंपी लिखित शिकायत में एसोसिएशन ने बताया है कि बिल्डर बायर एग्रीमेंट में शामिल विलंबित कब्जा मुआवजा का भी भुगतान नहीं कर रहा है। यह एग्रीमेंट का भी उल्लंघन है. कुछ मामलों में, बिल्डर ने मालिकों को केवल 1 से 2.5% की अल्प राशि का भुगतान किया गया है जो हरेरा नियमों के अनुसार नहीं है. दूसरी तरफ बिल्डर फ़्लैट मालिकों से किसी भी विलंब भुगतान के लिए 12 से 15% ब्याज चार्ज कर रहा है। शिकायत में बताया गया है कि बिल्डर 2 मालिकों से देरी से कब्जे के मुआवजे की मांग नहीं मान रहा है। कानूनी रूप से बिल्डर 1 या 2 के आधार पर मालिकों को विभाजित नहीं कर सकता क्योंकि कानूनी अधिकार प्रत्येक मालिक के लिए समान हैं।
दूसरी तरफ बिल्डर फ़्लैट मालिक को इनपुट टैक्स क्रेडिट का पूरा लाभ नहीं दे रहा है। वह फ़्लैट मालिकों को केवल 1.5 से 2.5% कर लाभ दे रहा है। यह आयकर के एंटी प्रोफिटिंग का मामला है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि एमार बिल्डर द्वारा मेंटेनन्स चार्ज बहुत अधिक (3.65 रु प्रति वर्ग फीट) वसूला गया है। यहाँ तक कि अधिकतर मालिकों को कब्जे के समय 2 साल के अग्रिम सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था। सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क के साथ कई मालिकों पर 18% जीसटी भी लगाया गया था। फ़्लैट मालिकों का कहना है कि बिल्डर ने सोसायटी के पंजीकरण से पहले इस अग्रिम सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क की वसूली कर ली. यही नहीं नियमों को ताक पर रखते हुए बिल्डर ने बैंक खाता सोसाइटी के पंजीकरण के बिना पहले ही खोल लिया था।
फ़्लैट ओनर्स ने ब्याज के साथ वसूले गए अग्रिम सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क और जी एस टी की राशि वापस कराने की मांग की है. लोगों का कहना है कि एमार प्रबंधन यहाँ रहने वालों से डीजी बिजली शुल्क 21 रुपये प्रति यूनिट की दर से वसूल रहा जो बहुत अधिक हैं और उपयोग के मुकाबले स्वीकृत इलेक्ट्रिक लोड भी कम है। बिजली के मीटर भी फाल्टी होने की शिकायत की गई है. सोसाइटी में अनियमित बिजली कटौती होने से डीजल जनरेटर चलाना पड़ता है और फ्लेट मालिकों से बिजली का ज्यादा रेट चार्ज किया जाता है। इसे बदलने की मांग की है.
एमार प्रबन्धन उस मालिक को सोसायटी की सदस्यता प्रदान नहीं कर रहा है जिसने सबवेंशन प्लान का विकल्प चुना है जबकि उसने 90% राशि का भुगतान किया है और कब्जा लिया है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी शिकायत में यह मुद्दा भी उजागर किया है.
लिखित शिकायत देने वालों में संदीप फौगाट के अलावा पवन कुमार तंवर , राम कुमार तंवर, विशाल गुप्ता, डॉ प्रीति, संजीव शर्मा, अमिता सिंह, कार्थिक, प्रवीण शेरावत, विनोद कुमार सिंह, महेंद्र पाल, डॉ सुरेंद्र अरोड़ा, अरविंद कॉल, मनोज कुमार, गगन विज, सत्या सिंह, नित्य सिंह, रॉबिन शर्मा, राजवीर सिंह, सुनील ग्रेवाल, जवाहर यादव, संजीव जेना, हर्षित अग्रवाल, चंद्रकांत जेडे, कर्नल गोविंद, मेजर राम कुमार, विश्वजीत यादव, तुषार, हनीत आहूजा, जेपी तिवारी, विजय वर्मा, एम के बाली, सुरेंद्र कुमार मारवा, ईशान भसीन, शोभित मलिक, मंजू खरायत, पारस सूरी, आयुष नेगी, मनोज महेंद्रु, अजय शिवाच , सूची अरोरा, सुरेंद्र कुमार, अमित कुमार, नीरज धीमान, अंकित मैथ्यू, ऑस्टिन उरगे , रिचा बरेजा, राजीव चौधरी, राजेश कुमार यादव, प्रशांत कुमार, अमित सलारिया, राजीव छाबरा, हितेश छाबरा , प्रीतम सिंह, प्रियांशु अग्रवाल, रूपाली सिन्हा और संजीव शर्मा हम शामिल हैं .