गुरुग्राम में आईजीजी एंटीबाॅडिज टैस्ट के लिए 90 लोगों के सैंपल लिए गए : सीरो सर्विलांस सर्वे

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गुरूग्राम, 25 जून। गुरूग्राम जिला में आज आईजीजी एंटीबाॅडीज को लेकर सीरो सर्विलांस सर्वे किया गया, जिसके तहत आज जिला में 90 लोगों के सैंपल आईजीजी एंटीबाॅडिज टैस्ट के लिए एकत्रित किए गए। यह जानकारी सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने दी . उन्होंने बताया कि आज एंटीबाॅडिज टैस्ट के लिए सैंपल विशेषकर उन लोगों के लिए गए हैं जिनका कोरोना संक्रमित लोगों के साथ एक्सपोजर ज्यादा है अर्थात् ऐसे व्यक्ति जो ज्यादा लोगों के संपर्क में आते हैं जिनमें कोरोना संक्रमित लोग भी हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत कर्मी, पुलिसकर्मी , टैक्सी ड्राइवर तथा नगर निगम के सफाई कर्मचारी ।

 

इस कड़ी में आज तिगरा गांव में तथा आस पास कार्यरत लोगों के सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण हो जाता है, उसके शरीर में उस बीमारी के खिलाफ एंटीबाॅडिज विकसित हो जाती हैं। इसके बनने के बाद व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

 

उन्होंने यह भी बताया कि जिला में सीरो सर्विलांस पहले भी करवाया जा चुका है जिसके तहत 92 लोगों के सैंपल लिए गए थे।इनमें 50 वो व्यक्ति थे जिन्हें कोरोना होकर रिकवर हो चुके थे।उस समय सीरो सर्विलांस में पाया गया था कि इन 50 व्यक्तियों में से 26 लोगों के शरीर में आईजीजी एंटीबाॅडिज विकसित हो चुकी हैं।

 

इसी प्रकार, 42 व्यक्ति ऐसे थे जो कोरोना नेगेटिव थे, उनमें केवल 6 लोगों में आईजीजी एंटीबाॅडिज बनी थी। इस प्रकार , 92 लोगों में से कुल 32 लोगों में आईजीजी एंटीबाॅडिज बनी हुई पाई गई। उन्होंने बताया कि सीरो सर्विलांस के लिए जिला को किटों के पांच सैट प्राप्त हुए हैं जिनमे से एक सैट में 92 किट हैं। इस प्रकार, जिला को 460 किट प्राप्त हुई हैं जिनसे आईजीजी एंटीबाॅडिज की जांच की जा सकती है।

 

उन्होंने बताया कि इस सर्विलांस के माध्यम से यह भी आसानी से पता लगाया जा सकता है कि उक्त व्यक्ति को पहले कोरोना हुआ है अथवा नही। यदि व्यक्ति पहले कोरोना संक्रमित हो चुका है और स्वयं ही ठीक भी हो गया है तो इसकी जानकारी इस टैस्ट से पता चल जाएगी। यह भी पता लग जाएगा कि उसके शरीर में कोरोना संक्रमण के एंटीबाॅडिज बन चुकी हैं या नही।

 

उन्होंने कहा कि इस सर्वे के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना योद्धाओं को सैंपलिंग के लिए चुना गया है ताकि भविष्य में इसी अनुरूप आगे की रूपरेखा तैयार की जा सके।

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