सुभाष चन्द्र चौधरी
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान देश है बावजूद इसके पिछले वर्षों में पूर्व की सरकारों ने हमेशा किसान का दुरुपयोग किया। पूर्व में इनको मदद करने के लिए किसी प्रकार की मुकम्मल व्यवस्था इजाद नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि हम किसानों को फाइनेंसियल मैनेजमेंट की दृष्टि से सुझाव देने के लिए आने वाले वर्ष में किसान मित्र क्लब का गठन करेंगे। इस क्लब के माध्यम से विशेषज्ञ एक किसान परिवार से जुड़ेंगे और उनको किसानी से लेकर उनके संरक्षण मेजरमेंट तक का सुझाव देंगे। इसमें कुछ स्वयं सेवी भी होंगे, कृषि विशेषज्ञ , वैज्ञानिक, सरकारी अधिकारी और आर्थिक विशेषज्ञ भी होंगे जिसमें 17000 लोग शामिल किए जाएंगे।किसानों के लिए जो भी जनकल्याणकारी नीति लागू की गई हैं, उसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है .
मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान दो प्रकार के हैं कुछ काश्तकार हैं और कुछ भू मालिक भी। हमने सबसे पहले जमीनों का डेटा डिजिटलाइजेशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा की गांव को लाल डोरा मुक्त करने की योजना हमने बनाई है। प्रदेश में जमीनों के सर्वे की जिम्मेदारी सर्वे ऑफ इंडिया ने ली है और अलग-अलग जिले में हम काम कर रहे हैं। लॉक डॉन के दौरान कुछ दिक्कतें आई लेकिन सबसे पहले जहां संक्रमण कम था रेवाड़ी, नारनौल जी से जिले में हमने इसकी शुरुआत की। 44212 किलोमीटर लैंड का सर्वे चल रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में चीनी मिलों के प्रबंधन को दुरुस्त करने की दृष्टि से सरकार उसमें निजी क्षेत्र से प्रबंधन विशेषज्ञों को हायर करने पर विचार कर रही है। हालांकि उन्होंने यह साफ कर दिया कि चीनी मिलों का निजीकरण नहीं किया जाएगा बल्कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को प्रबंधन के लिए तैनात किया जाएगा। इस मामले में एहतियात बरतते हुए एकबारगी सभी चीनी मिलों में निजी प्रबंधन विशेषज्ञों को नियुक्त करने की बजाय प्राथमिक तौर पर केवल 2 मिलों में निजी प्रबंधन विशेषज्ञ तैनात किये जाएंगे। मध्यम दर्जे की विलोम मैं इस प्रकार का व्यवस्था परिवर्तन किया जाएगा।शुगर मिल की क्षमता को बढ़ाने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल भी दो साल पहले शुरू किया। इस बार इस पोर्टल का बहुत अच्छा उपयोग हुआ है किस किसान में कितनी फसल बोई कितने एकड़ खेत में इसकी पूरी जानकारी इस पर दी जा रही है। मनोहर लाल ने कहा कि हम हमेशा किसानों से विविधीकरण की ओर बल देने का सुझाव देते हैं और उसी पोर्टल पर आए जाता के अनुसार हम किसानों को सुझाव दे पाते हैं। उन्होंने कहा कि हमने पोर्टल के माध्यम से ही किसानों को तो कर लिए और उनके निर्धारित समय के अनुसार व मंडियों में आए और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना अपने अनाज को बेचने में नहीं हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्योरा में और सुधार करेंगे। मैं प्रधानमंत्री बीमा फसल योजना कई प्रकार की दिक्कतें आती थी उसको दूर करने की कोशिश की। आज किसान सोएंगे इस योजना का लाभ समझकर फसल की बीमा करने को आगे आ रहे हैं। अपनी लागत का 2% देकर लोग फसल बीमा कराने के लिए आगे आ रहे हैं। आने वाले समय में किसी भी प्रकार का अभिन्न लेने के दौरान उनका बीमा करना आवश्यक होगा। मंत्री ने बताया कि अब तक 1200000 किसानों ने अब तक अपनी फसल का बीमा कराया और 2632 करोड़ रुपए विमा के रूप में मिला के रूप में उन्हें जारी किए गए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में भी जो राशि निर्धारित की गई थी प्रधानमंत्री द्वारा वह भी लगातार किसानों को दी जा रही। प्रदेश सरकार की ओर से भी 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसान या फिर ₹180000 प्रति वर्ष की आमदनी से कम आमदनी वाले किसानों को ₹6000 प्रति साल सम्मान निधि देने का निर्णय लिया गया था जो किसानों को दिया जा रहा है।
हमने मेरा पानी मेरी विरासत योजना की भी घोषणा की है जिसके माध्यम से पानी बचाना हमारा लक्ष्य है। पानी के संरक्षण के बावजूद 293 से टेल है जहां कभी पानी नहीं पहुंचता था हमने वहां पानी पहुंचाया। उन्होंने महेंद्रगढ़ सतनाली ऐसे दुर्गम इलाकों में जहां पानी कभी नहीं पहुंचता था मैं भी पानी पहुंचाने का दावा किया और कहा कि इसी कारण से हम पिछले विधानसभा चुनाव में वहां बेहतर कर पाए। कई स्थानों पर हमने काम पानी उपयोग करने वाली फसल को उगाने को बढ़ावा दिया जबकि कुछ ऐसे ब्लॉक हैं जहां अधिक पानी होने के कारण केवल धान की फसल ही हो सकती है इसलिए हमने वहां धान उगाने की छूट दी।
उन्होंने कहा कि जहां धान की पैदावार होती है वहां 80 से 81 लीटर पानी का लेवल नीचे चला गया। उन्होंने कहा कि अगर इसी रफ्तार से पानी नीचे जाता रहा तो आने वाले हमारी पीढ़ी केवल सूखी भूमि की देखेगी और हम उन्हें बंजर भूमि ही देकर जाएंगे। सर्दियों की शुरू की भावांतर योजना की भी चर्चा की। आडवाणी के लिए दिए जाने वाले ₹20000 प्रति हेक्टेयर अनुदान का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार का फोकस है कि पानी कैसे बचे उसको लेकर अन्य माइक्रो इरीगेशन की प्रोजेक्ट को और ज्यादा प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। हमारे पास नदिया नहीं है ऐसा एल का विवाद अभी पढ़ा हुआ है हम इसे सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश में कम से कम 100000 हेक्टेयर धान की फसल को बोने से रोका जाए जिससे कि जल संरक्षण किया जाना संभव होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास धान की प्रोक्योरमेंट इतनी ज्यादा है कि अगले 4 साल के लिए हमारे स्टोरेज में धान उपलब्ध है। मैंने कहा कि हमने इस बार अपनी मंडियों में बाहर के प्रदेशों से आए भी फसलों की खरीद पर रोक लगा दी थी खासकर सरसों और बाजरे को लेकर प्रतिबंध था
मनोहर लाल ने कहा कि पास के राज्यों में खास का राजस्थान पंजाब और उत्तर प्रदेश में मंडियों की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है इस कारण से ही वहां के किसान हरियाणा की मंडियों में आकर अपनी फसल बेचते हैं। इस बार मंडियों की संख्या भी हमने लगभग 4 गुना कर दी थी जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने में को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हुई।अभी तक 8 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है. मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अंतर्गत धान की जगह अन्य फसल लगाने वाले किसानों को 7,000 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जायेगा.293 टेल में अभी तक पानी पहुंचाया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना है जिसके तहत 734 करो कि अगले 3 साल में खर्च किया जाएगा और भू-जल संरक्षण पर फोकस किया जाएगा। इसमें जल परीक्षण की प्रयोगशाला अब तक 111 हो चुकी हैं। भावंतर योजना में 19 प्रकार की सब्जियां है जिनका भावांतर भरपाई योजना में भरपाई की जाती है। यह योजना बागवानी फसलों में लागू होती है। पिछले डेढ़ साल में 10 करोड ₹11 लाख की राशि हमने किसानों को दी है। 58 हजार किसानों ने पंजीकरण करवाई।