पुलिस कमिशनरी लागू होने से गुरुग्राम का रुतबा बढ़ा जबकि स्मार्ट पुलिसिंग का नायाब स्वरूप सामने आया : डीसीपी नितिका गहलोत

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गुरुग्राम। पुलिस कमिशनरी लागू होने के बाद गुरुग्राम का रुतबा बढ़ा, इसके साथ साथ स्मार्ट पुलिसिंग में भी इजाफा हुआ। यह कहना है गुरुग्राम पुलिस की डीसीपी हेडक्वार्टर नितिका गहलोत का। डीसीपी नितिका गहलोत मंगलवार देर शाम गुरुग्राम पुलिस कमिशनरी दिवस के उपलक्ष्य पर पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इस अवसर पर फाउंडेशन की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तैनात पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को इम्युनिटी बुस्टर पेय और मास्क भी बांटे गए। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला पुलिस लाइन में आयोजित किया गया ।

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उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित फाउंडेशन के सभी सदस्यों ओर पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के परिवेश में गुरुग्राम पुलिस हर चुनोतियों से निबटने में सक्षम है। पुलिस कमिशनरी लागू होने के पश्चात गुरुग्राम के सभी अधिकारियों व कर्मियों ने बहुत ही स्मार्ट तरीके से कम्युनिटी पोलिसिंग के मूल मंत्र को निभाया है। उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ जहा पुलिस को अधिक शक्तियां मिलीं वहीं उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ी।

डीसीपी गहलोत ने कहा कि पहले जिला में एक ही एस पी स्तर का अधिकारी होता था । उस समय गुरुग्राम की जनसंख्या भी अनुपात में काफी कम थी । लेकिन जब पुलिस कमिशनरी व्यवस्था लागू हुई उस समय के ढांचागत विकास और जनसंख्या को देखते हुए सरकार ने गुरुग्राम में कमिशनरी लागू करके जिले के विकास को रफ्तार दी।

उनका कहना है कि गुरुग्राम को साइबर सिटी ओर मिलेनियम सिटी का नाम मिला। उन्होंने कहा कि एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित हुए इस जिला की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली गुरुग्राम पुलिस में एडीजीपी स्तर के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। इनके अतिरिक्त अब यहां 7 डीसीपी ओर लगभग 15 एसीपी स्तर के अधिकारी तैनात है। उनका मानना है कि कमिशनरी लागू होने से ट्रैफिक विंग, साइबर क्राइम व अन्य कई विंग अलग गठित करने से जहां आमजन को सुविधा हुई है वहीं कानून व्यवस्था भी दुरुस्त हुई है।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा के अध्यक्ष एडवोकेट आर एल शर्मा ने कहा कि आज के परिवेश में पुलिस की जिम्मेवारी बढ़ गई है। आमजन के विश्वास को जीतना पुलिस के लिए चुनौती पूर्ण कार्य है। श्री शर्मा ने कहा कि आज की इस महामारी के दौरान पुलिस ने जो एक कोरोना योद्धा वाली भूमिका निभाई वह वाकई सराहनीय व सर्वोत्तम है। श्री शर्मा ने कहा कि इस महामारी के दौरान पुलिस ने फ्रंट मोर्चे पर रहकर जो अपने कर्तव्य को अंजाम दिया वो आमजन के लिए अनुकरणीय रहा और पुलिस का एक मानवीय चेहरा सामने आया।

उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए आज समाज के कई संगठन, पुलिस की सहायता और सम्मान के लिए आगे आए है। इसी कड़ी में आज पुलिस कमिशनरी दिवस के उपलक्ष्य में आज फाउंडेशन ने गुरुग्राम पुलिस के लगभग 8500 पुलिस कर्मियों के लिए इम्युनिटी बुस्टर पेय ओर मास्क वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फाउंडेशन के महासचिव दीपक मैनी ने बताया कि वर्ष 2007 में 8 जून को गुरुग्राम पुलिस में कमिशनरी लागू हुई थी। इससे गुरुग्राम पुलिस को न्यायिक व वितीय शक्तियां भी मिली थी। उन्होंने बताया कि पुलिस शहीद फाउंडेशन वर्ष 2004 से पुलिस वेलफेयर के कार्यो में कार्यरत है। उन्होंने मुख्य अतिथि डीसीपी हेडक्वार्टर नितिका गहलोत को आश्वासन दिया कि पूर्व की भांति ही फाउंडेशन समय समय पर पुलिस के साथ सहयोग और समन्वय जारी रखेगा।

इस अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में समाजसेवी व उद्योगपति राजीव पराशर, उद्योगपति मनोज जैन, एस एस थिरियांन, बनवारी लाल, डॉ सुजान सिंह, हरकेश शर्मा, उद्योगपति मनीश वर्मा के साथ साथ पुलिस लाइन के प्रभारी सब-इंस्पेक्टर डॉ सुनील कुमार, टीएसआई महेश कुमार, राजेश कुमार, एम एच सी पुलिस लाइन धर्मबीर सिंह ने विशेष भूमिका निभाई। इस खास असयोजन में काफी संख्या में पुलिस कर्मचारी व आरडब्लूए पुलिस लाइन के सदस्य भी उपस्थित थे।

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