बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाएगा : उपायुक्त

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गुरूग्राम, 02 जून। गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने आज कहा कि जिला में कोरोना संक्रमित मरीजो के 80 प्रतिशत से ज्यादा  मामले एसिम्प्टोमैटिक अर्थात् बिना लक्षण के पाए जा रहे हैं या उनके लक्षण बहुत हल्के होते हैं। ऐसे मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं, वे अपने घरों में ही रहकर आराम से ठीक हो सकते हैं।

 

उन्होंने कहा कि बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीज अपने घर पर ही अलग से रहें, जिसे होम आइसोलेशन कहा जाता है। होम आइसोलेशन के मामलों में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम मरीजों के घर का दौरा करेंगी और संक्रमित मरीज की घर बैठे जांच की जाएगी। इस दौरान टीम द्वारा होम आइसोलेशन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी उन्हें दी जाएगी।

 

होम आइसोलेशन के लिए फिट पाए जाने वाले मरीजो को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा होम आइसोलेशन की टेªनिंग के लिए काॅल किया जाएगा। टीम के सदस्य 17 दिनों तक रोजाना काॅल करके कोरोना संक्रमित मरीज से फीडबैक लेते हुए उन पर निगरानी रखेंगे।  यदि होम आइसोलेशन के 17 दिनों के बाद मरीज के आखिरी 10 दिनों में बुखार या अन्य लक्षण नहीं हैं तो होम आइसोलेशन को समाप्त किया जा सकता है।

 

उपायुक्त ने कहा कि यदि कोई लक्षण नहीं रहते तो स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम द्वारा कोरोना संक्रमित मरीज को काॅल करके बताया जाता है कि वह होम आइसोलेशन को खत्म कर सकता है या नहीं। होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद मरीज को टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं है।

 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए घर से बाहर निकलते ही मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य पालन करें अर्थात् एक-दूसरे के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी रखें। बहुत ही होने पर ही घर से बाहर निकलें।

 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गाईडलाईंस के अनुसार 10 साल से कम उम्र के बच्चे तथा 65 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं तथा अन्य गंभीर बिमारियों से पीड़ित व्यक्ति बिल्कुल बाहर ना निकलें, केवल मैडिकल इमरजेंसी के लिए ही बाहर आएं। इसके अलावा, व्यक्ति मुंह, आंख, नाक को ना छूए और लगातार हाथ धोता रहे या अल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर से हाथ साफ करता रहे। यदि व्यक्ति को कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी है तो उसके संपर्क में आने से बचे।

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