नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज देश में लॉक डाउन के कारण देश को हुए आर्थिक नुकसान को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉक डाउन के कारण सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काफी गिरावट आई है। दाल की बढ़ती कीमतें भी चिंता का विषय है। उन्होंने रेपो रेट में .40 % की कटौती की घोषणा की। इससे पूर्व रेपो रेट 4.40% था जो अब 4 प्रतिशत हो गया। इस कदम से ऋण लेना सस्ता होगा।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक को ऋण देने का रेट हटा दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहेगी अप्रैल में निर्यात में 60.3% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि महंगाई को कम करने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि देश में निवेश को लेकर भी कमी आई है हालांकि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ा है। उन्होंने कहा कि m.p.c. ने रेपो रेट में कटौती का निर्णय लिया।
शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जाएगी उनका कहना है कि बिजली पेट्रोल की मांग घटी है। पूर्णा का दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नेगेटिव असर पड़ा है।
अनाज उत्पादन 3.7 प्रतिशत बढ़ा है।
मार्च में औद्योगिक उत्पादन 17% घटी
उन्होंने कहा कि साल की दूसरे हिस्से में महंगाई कम होने की उम्मीद है।
बैंकों से लिये गए ऋण पर तीन महीने और एमआई नहीं देने की छूट दी गई.
ऋण अदायगी स्थगन 31 अगस्त तक बढ़ाई गई
कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियां सामान्य रहेंगी।
इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। रवि फसल में अच्छी पैदावार होने से स्थिति में सुधार आने के आसार।
स्टील और सीमेंट की खपत हुई है।
बाजार और एक्सपोर्ट को मदद करने के लिए कई कदम उठाए गए।
महंगाई 4% से कम रहेगी।
लोक डाउन में मांग और उत्पादन दोनों में कमी रही।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जब तक सप्लाई चैन दुरुस्त नहीं हो जाता तब तक आकलन करना संभव नहीं।