सुभाष चंद्र चौधरी
नई दिल्ली। खबर है कि देश के 17 विपक्षी दलों के नेता कोविद 19 की रोकथाम के लिए जारी देशव्यापी लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के पलायन से उत्पन्न स्थिति और पैदल ही घर जाने के लिए मजबूर हो रहे लोगों की समस्याओं पर शुक्रवार को चर्चा करेंगे। कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार दोपहर यह बैठक बुलाई है। संभावना है कि इस बैठक में विपक्ष के करीब 20 नेता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही शामिल होंगे।
देश में लंबे समय बाद विपक्षी एकता देखने को आज मिलेगी जब विपक्ष के नेता प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर संयुक्त रणनीति पर ऑनलाइन चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि इस बैठक में कई राज्यों में श्रम कानूनों में किए गए बदलाव पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा आर्थिक पैकेज का मुद्दा भी एजेंडा में शामिल है जबकि करोड़ों प्रवासियों के खाते में सीधे धन नहीं भेजे जाने की मांग भी उठेगी। लॉकडाउन के कारण मजदूर ही सबसे ज्यादा प्रभावित है। बंदी के कारण रोजगार छिन चुका है। प्रवासी कामगारों के पास न तो पैसा रहा न ही रहने व भोजन की व्यवस्था है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया।
बतया जाता है कि देश की 17 विपक्षी पार्टियों ने बैठक में भाग लेने का संकेत दिया है। विपक्ष के अधिकतर नेता किसानों की मुश्किलों पर भी चर्चा करना चाहते हैं।
सुत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस द्वारा आहूत इस बैठक में भाग लेने की पुष्टि अभी तक नहीं की है । दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने की हामी दी है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल होंगे। खबर है कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने व्यक्तिगत रूप से कई विपक्षी नेताओं को फोन किया था। उन्होंने सभी दलों से देश की वर्तमान स्थिति में विपक्षी एकता की आवश्यकता बताते हुए संयुक्त रणनीति तैयार करने में उनका सहयोग मांगा ।
कांग्रेस पार्टी के आह्वान पर विपक्षी दलों की यह बैठक नरेंद्र मोदी सरकर पर दबाव बनाने में कितनी कामयाब होगी यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने दल इसमें शामिल होते हैं।