-स्पेशल ट्रेन में जाने वाले दृष्टिहीन बच्चों के साथ पुलिस
-प्रशासन ने काटा केक, बच्चों को मिठाई के पैकेटों के साथ खुशी-खुशी किया रवाना
गुरूग्राम 15 मई । गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रेन में सवार होकर जाने वाले दृष्टिहीन बच्चों के लिए आज का दिन खास था , एक तो वे अपने गांव जा रहे थे और दूसरी वजह यह रही कि जैसे ही वे रेलवे स्टेशन पर पहुंचे गुरूग्राम पुलिस ने उनके लिए केक मंगवाया और उनसे केक कटवाया। वहां मौजूद गुरूग्राम पुलिस के उपायुक्त सुमेर सिंह के नेतृत्व में इन 8 दिव्यांग बच्चों के साथ केक काटने और फिर उसका वितरण ट्रेन में सवार अन्य बच्चों में भी करने का भाव इन बच्चों के लिए अविस्मरणीय हो गया। गुरूग्राम पुलिस की यह भावना इन दिव्यांग बच्चों के लिए तो यादगार लम्हों के तौर पर याद रहेगी ही , परंतु जिसने भी इसको देखा वही गुरूग्राम पुलिस का मुरीद हो गया।
शुक्रवार को गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से बिहार के दरभंगा के लिए स्पेशल ट्रेन भेजने का शैड्यूल था। इस स्पेशल ट्रेन में जाने वाले यात्रियों के लिए भी शुक्रवार का दिन स्पेशल रहा। एक ओर जहां हरियाणा सरकार की ओर से सभी यात्रियों के लिए मुफत टिकट, खाना , पानी की बोतलों आदि की व्यवस्था की गई थी,वहीं दूसरी ओर यात्रियों के साथ जाने वाले बच्चों में बिस्किट , नमकीन और चाॅकलेट वितरित किए गए। यही नहीं, आज के दिन को इन यात्रियों विशेषकर दिव्यांग बच्चों के लिए यादगार बनाने के लिए गुरूग्राम पुलिस ने उनसे केक कटवाया और उनकी घर जाने की खुशी में इजाफा कर दिया।
गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से आज लगातार तीसरे दिन प्रवासी नागरिकों को उनके पैतृक गांव सकुशल पहुचाने के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई थी। यह ट्रेन शुक्रवार को दोपहर 2ः15 बजे गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से रवाना हुई जिसकी 20 बोगियों में 1200 यात्री बिहार के दरभंगा तक पड़ने वाली जगहों पर अपने घरों को गए हैं। इस स्पेशल ट्रेन में बैठाते समय यात्रियों के साथ जा रहे बच्चों को मिठाई देते हुए सेक्टर-5 पुलिस थाने के एसएचओ वेद प्रकाश ने बताया कि प्रवासी नागरिकों के लिए जाने वाली ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को रोजाना फूड पैकेट दिए जा रहे हैं, लेकिन आज जैसे ही पुलिस प्रशासन को सूचना मिली कि ट्रेन में दृष्टिहीन बच्चे भी सफर कर रहे है तो डीसीपी सुमेर सिंह के आदेश पर उनके लिए सरप्राइज रखा गया और उनके लिए केक की व्यवस्था की गई। बच्चे भी पुलिसकर्मियों के साथ केक काटते हुए काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सभी श्रमिक यहां से अपने साथ अच्छी यादें लेकर जाएं। यह भी बताया गया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के जवान भी तैनात किए जा रहे हैं। बिमारी से सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है और इसके लिए प्रत्येक यात्री को खाने के साथ बिस्किट-नमकीन के पैकेट में फेस मास्क दिया जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने का भी आह्वान किया गया।
-श्रमिकों ने कहा कोरोना वायरस सक्रंमण के दौर में सरकार की व्यवस्थाओं से मिली बड़ी राहत , खाने-पीने-रहने से लेकर सभी व्यवस्थाओं का पर्याप्त प्रबंधन।
बिहार के दरभंगा जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने उनके लिए की गई व्यवस्था के लिए सरकार का आभार व्यक्त करते हुए अपने अलग अलग तरीके से भाव व्यक्त किए। किसी ने कहा प्रशासन ने खाने-पीने की कमी नहीं आने दी तो किसी ने कहा कि सरकार की ओर से ठहरने में सहायता मिली । सीतामढ़ी (बिहार) जा रहे अरुण कुमार ने बताया कि वह गुरुग्राम में पिछले 30 वर्षों से अपना कामकाज चला रहा था । वह मिस्त्री का काम करता था जिससे वह अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। लाॅकडाउन के दौरान सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं से अपना गुजारा कर पाया वरना यह समय बहुत कष्टपूर्ण होता। इन सुविधाओं के लिए उसने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ना केवल निःशुल्क टिकट दी बल्कि रात को उनके ठहरने की व्यवस्था करने के साथ साथ भरपेट भोजन की भी व्यवस्था की।
इसी प्रकार एक अन्य श्रमिक रामचंद्र, आयु 46 वर्ष , ने बताया कि वह पिछले 22 सालों से गुरुग्राम में रिक्शा चला रहा था। कोरोना संक्रमण से उसका रोजगार छिन गया लेकिन प्रदेश सरकार की मदद के कारण वह इतने लंबे समय तक यहां रूक पाया। सरकार ने राशन उपलब्ध करवाया जिससे उसके परिवार को खाना मिला। इतना ही नही, आज निःशुल्क टिकट देकर भी हमे गृह जिला नाथूपुर पहुंचा रहे हैं। उसने कहा कि ‘भगवान से दुआ करता हूं कि सब ठीक हो जाए और यहां वापिस आकर फिर अपना काम शुरू करूं।
इन यात्रियों को विदा करने के लिए स्टेशन पर पुलिस उपायुक्त सुमेर सिंह के साथ बादशाहपुर के एसडीएम हितेंद्र शर्मा, एसीपी अशोक कुमार , रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स से डीसीएम मनीष यादव , एसीएम अंकुर सहित कई अन्य अधिकारीगण पहुंचे थे ।