नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक बार फिर आर्थिक पैकेज में किसानों, मजदूरों एवं प्रवासी मजदूरों तथा स्वयं सहायता समूह के लिए प्रावधानों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित देशव्यापी लॉक डाउन से पहले 3 करोड़ किसानों को फसली ऋण दिए गए जिन पर 4.22 लाख करोड़ बैंक ने राशि जारी की। इस ऋण की वापसी की समय सीमा 3 महीने और बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि इस ऋण पर लगने वाले ब्याज माफी और रीपेमेंट इंसेंटिव के तौर पर फसली ऋण की दृष्टि से 1 मार्च 2020 तक सुविधा देने की बात थी जिसे अब किसान 31 मई 2020 तक यह इंसेंटिव प्राप्त कर सकेंगे।’अगले दो महीनों के लिए सभी प्रवासियों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति की जाएगी।जो लोग गैर-कार्ड धारक हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं / चावल और 1 किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा . वित्त मंत्री का मजदूरों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा की देश इमं अब एक राशन कार्ड चलेगा.
वित्त मंत्री ने बताया की अब तक किसान क्रेडिट कार्ड पर 25000 करोड़ का लोन लिमिट तय करते हुए 25 लाख नए किसानो को क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है।
वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूर एवं शहरी गरीबों के लिए पिछले 2 महीने में केंद्र सरकार की ओर से दी गई मदद की चर्चा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड को प्रवासी मजदूरों के लिए राहत शिविर एवं भोजन व पानी की व्यवस्था के लिए खर्च करने की अनुमति दी है। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से एसडीआरएफ से 11002 कतोड़ की राशि राज्यों को एडवांस में 3 अप्रैल को दी गई।
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से 28 मार्च 2020 से लॉक डाउन के दौरान राहत शिविरों में फंसे लोगों एवं बेघर शहरी परिवारों को तीन समय का भोजन देने की व्यवस्था भी की गई।
उन्होंने बताया कि सेल्फ हेल्प ग्रुप की 12000 समूह ने देश के लिए तीन करोड़ मास्क और 120000 लीटर सैनिटाइजर असली बनाया है जिससे उन्हें अतिरिक्त रोजगार के अवसर शहरों में मिले।
उनके अनुसार अप्रैल 2020 में रिवाल्विंग फंड पैसा पोर्टल के माध्यम से गुजरात में काम करने वाले सेल्फ हेल्प ग्रुप को देने का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया था जिसे अब पूरे देश में लागू किया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि 15 मार्च 2020 से अब तक 720 ए सेल्फ हेल्प ग्रुप शहरी क्षेत्र में गठित हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए मजदूरी ₹183 से बढ़ाकर ₹202 कर दिया है और 13 मई तक 14 पॉइंट 62 करोड़ लोगों के लिए काम के अवसर मुहैया कराए गए जो पिछले वर्ष की तुलना में 40 से 50% अधिक है।
वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य आपदा राहत पैकेज के माध्यम से लगभग ₹11000 से ज्यादा की मदद प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों के लिए की गई है। आने वाले मानसून में भी मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए प्लांटेशन हॉर्टिकल्चर और अन्य प्रकार की कार्यों में रोजगार मुहैया कराने की योजना बनाई जा रही है। 2.3 30 करोड़ बिहारी मजदूरों को 1 दशमलव 8700000 ग्राम पंचायतों में रोजगार दिए गए जिस पर लगभग 10,000 करोड़ खर्च हुए।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों के लिए और अगले दो माह की दृष्टि से निशुल्क भोजन वह अनाज की आपूर्ति करने की घोषणा की। इस योजना पर केंद्र सरकार 35 सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लागू करने और प्रवासी मजदूरों की पहचान करने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे प्रवासी मजदूर जिनके पास कार्ड है या नहीं है तब भी प्रत्येक परिवार को 5 केजी अनाज और एक केजी चना प्रति परिवार प्रत्येक मंत्र अगले 2 माह तक भी जायेंगे। इस योजना में हनुमान अतः 8 करोड़ प्रवासी मजदूर लाभ उठा पाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे श्रमिकों को जिन्होंने इस दौरान अपने रोजगार खोए हैं उनकी सोशल सिक्योरिटी की अलग से चलाई जाएगी और उन्हें रीस्किल करने की योजना चलाई जाएगी।
सभी प्रकार की रोजगार में महिला श्रमिकों के लिए भी प्रावधान किया गया है जिसमें वो रात में भी काम करने के लिए अधिकृत होंगी बसंती कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को घटाकर 4 कानून में परिवर्तित करना चाहती है और इसके लिए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार प्रयासरत हैं और उम्मीद है कि आने वाले समय में संसद से पारित हो जाएगा।
प्रवासी श्रमिकों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने की दृष्टि से जिसमें पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम से राशन मैया कराना भी शामिल है वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना भी शुरू हुई है। एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होने वाले परिवार अभी अपने वर्तमान कार्ड के माध्यम से दूसरे स्टेट में अनाज नहीं प्राप्त कर सकते हैं इसलिए अब वन नेशन वन राशन कार्ड के माध्यम से उन्हें यह सुविधा दूसरे स्टेट में भी मिल जाएगी। योजना 20 राज्यों में अभी लागू की गई है।
उनका कहना था कि 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थी इस योजना में लाभान्वित होंगे जो लगभग 83% है और आगामी 2020 अगस्त तक यह सुविधा सभी के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि मार्च 2021 तक पीडीएस सिस्टम की नेशनल पोटेबिलिटी देश के सभी राज्यों में लागू हो जाएगी। इसे सभी राज्यों में मार्च 2021 तक कंप्यूटराइज कर लिया जाएगा।