गुरूग्राम में पटरी पर लौटने लगी जिंदगी, औद्योगिक व वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू

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गुरूग्राम जिला में 1330 औद्योगिक प्रतिष्ठानों को मिली 1 लाख 6 हजार 751 कर्मचारियों के साथ मिली काम करने की अनुमति

96 निर्माण गतिविधियों में 20 हजार 228 श्रमिकों के साथ कंस्ट्रक्शन वर्क की दी गई अनुमति

उपायुक्त अमित खत्री ने कहा, कोरोना से बचाव उपायों की एसओपी के आधार पर औद्योगिक इकाइयां आरंभ करने की सशर्त अनुमति

गुरूग्राम में पटरी पर लौटने लगी जिंदगी, औद्योगिक व वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू 2गुरूग्राम, 11 मई। गुरुग्राम जिला में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देशभर में 25 मार्च से लागू किए गए लाॅकडाउन के बाद अब लाॅकडाउन -3 में गृह मंत्रालय द्वारा कुछ छूट दिए जाने के बाद गुरूग्राम में धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटनी शुरू हो गई है और जिला में सुरक्षा उपायों के साथ औद्योगिक तथा वाणिज्यिक गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं।

जिला में 1330 औद्योगिक व अन्य वाणिज्यिक इकाइयों को काम करने की सशर्त अनुमति प्रदान की गई है, जिसमें सभी आवश्यक वस्तुएं बनाने वाली तथा गैर जरूरी सामान का निर्माण करने वाली ईकाइयां शामिल हैं। इन ईकाइयों में 1 लाख 6 हजार 751 कामगारों को रोजगार मिला है। इनके अलावा, गृह मंत्रालय के आदेशानुसार जिला के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक गतिविधियों के तहत दुकानें खुलने लगी हैं।
उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के माध्यम से ऑनलाइन आवेदनों का निपटान करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा गया कि कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो और निरंतर सेनेटाइज संबंधी गतिविधियां भी जारी रहें। स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से जहां एक ओर सावधानी बरतने की जरूरत है, वहीं लॉकडाउन में श्रमिकों को किसी भी प्रकार से रोजगार की चिंता न हो , इसके लिए औद्योगिक इकाइयों को अब आवेदन करने पर आॅटोमैटिक अनुमति मिल रही है। उन्हें आवेदन के साथ एसओपी संलग्न करनी जरूरी है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, कोविड-19 से सुरक्षा के उपाय आदि का उल्लेख हो।गुरूग्राम में पटरी पर लौटने लगी जिंदगी, औद्योगिक व वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू 3

श्री खत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली ईकाइयां तो लाॅकडाउन में भी संचालित हो रही थी और अब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए गैर जरूरी वस्तुएं बनाने वाली ईकाइयों को भी संचालन की अनुमति दी जा रही है। पहले हर ईकाई की एसओपी देखकर सरकार द्वारा गठित कमेटियों द्वारा अनुमति दी जा रही थी लेकिन अब इसमें और ढील देते हुए आॅटो परमिट कर दिया गया है। सरल हरियाणा पोर्टल पर आवेदन करने के बाद उद्योग विभाग की ओर से औद्योगिक ईकाइयों को आॅटोमैटिक अनुमति प्राप्त हो रही है। इसकी समीक्षा डैशबोर्ड पर चंडीगढ़ मुख्यालय पर की जा रही है।

आर्थिक विकास की द्योतक औद्योगिक इकाइयों में कोविड-19 से बचाव के लिए जहां नियमित रूप से सैनेटाइजेशन प्रक्रिया अमल में लाई जानी जरूरी हैं, वहीं मास्क का उपयोग करते हुए कर्मचारियों को परिसर में ही या परिसर के नजदीक रखने की व्यवस्था इकाई प्रबंधक की ओर से होनी चाहिए। किसी भी रूप में संक्रमण का फैलाव न हो, इसके लिए ईकाई परिसर में आवश्यक उपाय किए जाने जरूरी हैं।
उन्होंने बताया कि आर्थिक व्यवस्था को समुचित नियंत्रण में रखने के लिए औद्योगिक इकाइयों का विकास में अहम योगदान है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए इन ईकाइयों में सोशल डिस्टेंस व अन्य आवश्यक कार्यों के लिए पहले ही निर्देश दिए जा चुके है। वहीं इन कार्यों की निगरानी के लिए अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई ताकि स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा उपायों का पूरी तरीके से पालन हो। वैश्विक महामारी के दौर में जहां आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, वहीं लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान न हो इसके लिए प्रशासन की ओर से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाइयों को खोलने की अनुमति दी गई है।

औद्योगिक ईकाइयों के अलावा रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने वाले अन्य कार्याें को भी संचालन की छूट दी जा रही है। इनमें ईंट भट्टों तथा गैर संगठित क्षेत्र में निर्माण ईकाइयां शामिल है। गुरूग्राम जिला में 7 ईंट भट्टों का संचालन करने को मंजूरी दी गई है जहां पर 568 श्रमिकों को रोजगार के अवसर मुहैया होंगे। इसी प्रकार, जिला में 96 निर्माण गतिविधियों का संचालन भी शुरू हुआ है जहंा पर 20 हजार 228 श्रमिकों को काम मिलेगा। इन निर्माण स्थलों पर श्रमिकों का वहीं पर रहना जरूरी है और उनका बाहर आवागमन ना हो। यह व्यवस्था निर्माण स्थल के मालिक अथवा काम करवाने वाले ठेकेदार को करनी होगी। अनुमति प्राप्त इकाई में कार्यरत कर्मचारियों के रहने व भोजन की व्यवस्था परिसर में ही सुनिश्चित होगी तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित रहेगी।

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेशानुसार जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक गतिविधियां शुरू करने की छूट दी गई है। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्र में 581 दुकानें तथा शहरी क्षेत्रों में 1243 दुकाने खुल गई हैं। शहरी क्षेत्र में अकेली दुकानें , गली मौहल्लों की दुकानें , आवासीय काॅम्पलैक्स की दुकानें, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के रिहायशी सैक्टरों की मार्किट या अन्य सैक्टर मार्किट खोली जा सकती हैं। इनमें भी भीड़ को कम करने के लिए आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर गैर जरूरी सामान की दुकानों के लिए दो-दो दिन निर्धारित किए गए हैं। जरूरी सामान की दुकानें सप्ताह में सातों दिन खुली रह सकती हैं।

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